सुभाष चन्द्र
बहन का उपयोग हथियार के रूप में नहीं करना चाहिए..लेकिन राहुल गाँधी ने इतिहास देखते हुए कर लिया...
1. राम को हराने के लिए रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा को भेजा था।
2. कृष्ण को मारने के लिए कंस ने अपनी बहन पूतना को भेजा था।
3. प्रह्लाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को भेजा था। 4. अब हिंदुत्व को हराने के लिए राहुल गाँधी ने बहन को वायनाड से संसद में भेजा है।
अंत में सर्वनाश "भाई" का ही होता है।
लोकसभा में संविधान पर बहस में बोलते हुए राहुल गांधी ने एक बलात्कार से पीड़ित लड़की का जिक्र किया था लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि वो किसकी बात कर रहा है। राहुल ने कहा कि उस लड़की के बलात्कारी बाहर खुले घूम रहे हैं और लड़की का परिवार डर की वजह से घर से निकल नहीं पाता।
राहुल ने सवाल किया कि “कौन से संविधान में लिखा है कि पीड़ित लड़की और उसका परिवार घर में बंद रहे और उसके अपराधी खुले में घुमते रहें”?
लेकिन हमने तो एक ऐसा भी मामला सुना है राहुल गांधी के अमेठी का जहां एक लड़की शायद सुकन्या नाम था, उसका सामूहिक बलात्कार किया और हत्या कर दी गई और उसके अपराधी खुले घुमते रहे लेकिन पकड़ में नहीं आए और सुकन्या के पूरे परिवार को गायब कर दिया गया।
|
लेखक चर्चित YouTuber |
ऐसा कौन से संविधान के अनुसार किया गया जब उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी? क्या राहुल गांधी सुकन्या के रेप और हत्या की CBI जांच की मांग करेगा संसद में या उत्तर प्रदेश सरकार से? आखिर पता चलना चाहिए कौन थे सुकन्या के अपराधी और कहां गया उसका परिवार?राहुल गांधी एक और मामला याद करे। वर्ष 2012 की 16 दिसंबर को निर्भया का दिल्ली में दरिंदों ने सामूहिक बलात्कार कर दिया और उसकी हत्या कर दी। वो घृणित अपराध कौन से संविधान की किस धारा में किया गया था जब दिल्ली में कांग्रेस की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थी और केंद्र में UPA सरकार मनमोहन सिंह की थी जिसकी Super PM सोनिया गांधी थी?
और तुम्हारे संविधान में उसके 4 अपराधियों को 8 साल बाद 20 मार्च, 2020 को फांसी दी गई और एक को नाबालिग कह कर बाल सुधार गृह में केवल 3 साल की सजा दी लेकिन उसका नाम उजागर नहीं किया गया क्योंकि वह एक मुस्लिम था। उसे किस संविधान में केजरीवाल ने सजा के बाद 10 हजार रुपए और सिलाई की मशीन उपहार में दी थी?
राहुल गांधी तुम्हे एक नहीं सैंकड़ों मामलों का हिसाब देना होगा यदि तुम लोकसभा में ऐसे अनर्गल विलाप करोगे। तुम्हारे अपनी ही पार्टी के बंगलोर के पार्षद निरंजन हीरेमठ की बेटी नेहा की, शादी के लिए उसके पीछे पड़े फ़याज़ ने किस संविधान में “लव जिहाद” में हत्या कर दी। आखिर “Love Jihad” कौन से संविधान में लिखा है जिसके खिलाफ तुम कभी कुछ नहीं बोलते?
किस संविधान में आफ़ताब पूनावाला ने श्रद्धा के 35 टुकड़े कर पहले फ्रिज में रखे और फिर जंगल में फ़ेंक दिए? क्या कभी तुमने उसका जिक्र किया और श्रद्धा की ऐसी निर्मम हत्या की निंदा की?
कितने बलात्कारी कांग्रेस में?
सुकन्या देवी रेप कांड को दबाने वाले, भंवरी देवी के जिस्म को नोचने वाले, नैना साहनी को भुनने वाले, सूर्य नेल्ली रेप कांड के आरोपी को राज्यसभा का उपसभापति बनाने वाले, सुनन्दा पुष्कर को जहर देकर मारने वाले कांग्रेसी द्वारा रेप के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा, राहुल गाँधी को उत्तर प्रदेश जाने से पहले देश की जनता को सुकन्या देवी कांड के बारे में सच बताना चाहिए।
दरअसल, सुकन्या देवी मामला उस आरोप से संबंधित है, जिसमें राहुल गाँधी और उनके दोस्तों पर उत्तर प्रदेश के एक स्थानीय कांग्रेस नेता की बेटी सुकन्या देवी के साथ 5 दिसंबर 2006 में अमेठी में बलात्कार करने का आरोप लगाया लगाया गया था। शुरू में इस आरोप को कई ब्लॉगर्स द्वारा उठाया गया था। उसमें कहा गया था कि कथित घटना को लेकर शिकायत करने के लिए सोनिया गाँधी से मिलने के बाद लड़की और उसके माता-पिता गायब हो गए थे।
आरोपों में कहा गया कि सुकन्या, बलराम सिंह नामक कांग्रेस कार्यकर्ता की बेटी थी, और वह आरोपित राहुल गाँधी की बहुत बड़ी प्रशंसक थी। आरोप लगाया गया कि जब राहुल गाँधी अमेठी गेस्ट हाउस में अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहे थे, तो वह उनसे मिलने के लिए वहाँ गई थीं, जहाँ आरोपित राहुल गाँधी और उनके 7 दोस्तों ने उनका कथित तौर पर बलात्कार किया था, जिनमें से 2 ब्रिटेन के थे और 2 अन्य इटली के थे।
जाहिर है कि वह किसी तरह इस घटना के बाद भाग निकली और कई लोगों से संपर्क किया लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। आरोपों में कहा गया कि सुकन्या देवी अपने पिता बलराम सिंह और माँ सुमित्रा देवी के साथ सोनिया गाँधी और मानवाधिकार आयोग से मिलीं, मगर उसके बाद उसका पूरा परिवार लापता हो गया। आरोप यह भी था कि ध्रुपद नाम का वीडियोग्राफर और एक न्यूज चैनल का एक कैमरामैन, जिन्होंने सुकन्या का बयान रिकॉर्ड किया था, उसके बाद वो भी लापता हो गए।
आरोपों को मीडिया ने पूरी तरह से नजरअंदाज किया और केवल कुछ सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा इसे उठाया गया, लेकिन जब 2011 में सपा विधायक किशोर समरते ने इसे उठाया तो मीडिया को इसकी रिपोर्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ा। समरीते ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक मामला भी दायर किया था, जिसमें कथित बलात्कार और सुकन्या के माता-पिता के गायब होने को लेकर जाँच की माँग की गई थी।
विधायक ने कहा था कि जब वह गाँव गए थे, तो उन्होंने पाया था कि उसके परिवार ने घर को छोड़ दिया था और पड़ोसी उस परिवार के दिल्ली जाने के बाद रहस्यमय तरीके से गायब होने की बात से अनजान थे।
लेकिन अदालत के आदेश पर पुलिस द्वारा की गई जाँच में आरोपों में कोई सच्चाई नहीं पाई गई। जाँच में पाया गया कि किशोर समरिते द्वारा बताया गया परिवार का पता मौजूद नहीं है। इसके अलावा, गजेंद्र पाल नाम के एक अन्य व्यक्ति ने बलराम और सुकन्या के दोस्त के रूप में अदालत में एक और याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि समरिते ने एक झूठी याचिका दायर की थी जो राजनीति से प्रेरित थी।
जाँच में यह भी पाया गया कि बलराम सिंह ने अपना घर बेच दिया था और दूसरी जगह चले गए थे, और उनकी पत्नी और बेटी के नामों का ब्लॉगों में गलत उल्लेख किया गया था। उनकी पत्नी सुशीला देवी थीं और उनकी सबसे बड़ी बेटी कीर्ति सिंह थीं। उन्होंने जानकारी दी थी कि मीडिया में दावा करने वाले कुछ लोग उनके घर आए थे और उन्हें सुकन्या देवी की तस्वीर दिखाते हुए पूछा कि क्या वह उनकी बेटी है। उन्होंने उन्हें बताया था कि यह एक अलग महिला थी न कि उनकी बेटी।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि कीर्ति देवी एक अलग महिला थी, और उसे इस केस को कमजोर करने के लिए इसमें शामिल किया गया था।
मगर हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाकर्ताओं, किशोर सम्राट और गजेंद्र पाल को जुर्माना भरने के लिए कहा था। किशोर पर ‘झूठ’के आधार पर एक याचिका दायर करने के लिए 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था, जिसमें से 25 लाख कीर्ति सिंह को, 20 लाख राहुल गाँधी को और 5 लाख उत्तर प्रदेश के डीजीपी को इनाम के रूप में दिए जाने थे।
दूसरी ओर, गजेंद्र पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया था, क्योंकि उनके पास मामले में उनका उस परिवार से कोई संबंध नहीं था। इस तथ्य के बावजूद कि परिवार ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की थी, अदालत ने गजेन्द्र पाल को उस परिवार को अदालत में घसीटने के लिए भी फटकारा।
इसके बाद किशोर समरीते ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने भी 2012 में आरोपों को खारिज कर दिया था, और समरिते पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था, जबकि उच्च न्यायालय के जुर्माने को 50 लाख रुपए से घटाकर 10 लाख रुपए कर दिया था।
अदालत ने उल्लेख किया था कि “कोई भी साक्ष्य नहीं है” यह दिखाने के लिए कि कथित घटना 2006 में हुई थी। इसके अलावा, समरिते ने सुनवाई के दौरान यू-टर्न लेते हुए कहा था कि उन्हें इस मामले की कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं है और उन्होंने सपा नेतृत्व के निर्देश पर यह याचिका दायर की थी।
सवाल ये है कि क्या एक मामूली कार्यकर्ता की बेटी देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष के बेटे पर बिना वजह इल्ज़ाम लगा सकती हैं?
आखिर आज तक सुकन्या देवी का परिवार कहाँ लापता हैं?
राहुल गाँधी खुद ने क्यों कभी जनता के सामने सार्वजनिक रूप से इस आरोप का खंडन नहीं किया?
अगर ये आरोप झूठा था तो सुकन्या देवी व उसके परिवार का कौन-सा स्वार्थ सधा? वो बयान रिकॉर्ड करने वाला रिपोर्टर कहाँ हैं?
क्या राहुल गाँधी 5 दिसंबर 2006 को अमेठी में नहीं थे?
सवाल तो बहुत से है जवाब किसी एक का भी नहीं, न मीडिया के पास, न खुद राहुल गांधी के पास।
राहुल गांधी संविधान में तो Muslim Personal Law का जिक्र नहीं है; संविधान में तो वक़्फ़ बोर्ड का जिक्र नहीं है; संविधान में तो कॉलेजियम का भी जिक्र नहीं है; संविधान में तो किसी पार्टी को चीन की राजनीतिक पार्टी से गुप्त समझौता करने का भी अधिकार नहीं है; संविधान में तो यह भी नहीं लिखा कि तुम विदेशी लोगों से पैसा लो और देश के खिलाफ साजिश करो; संविधान में तो किसी सरकार को अपनी पार्टी के लिए जवाबदेह होना भी नहीं लिखा और संविधान में तो मुसलमानों को देश के संसाधनों पर पहला हक़ भी नहीं दिया गया। फिर तुम्हारी पार्टी और सरकार ने ये सब कुछ कैसे दिया? यह संविधान की हत्या है और तुम संविधान की “खाली पन्नों” की किताब लिए घुमते हो।
एक बांग्लादेशी पत्रकार ने कहा है तुम्हारी बीवी है और 2 बच्चे भी हैं और इस बात का खंडन न तुमने किया, न “फर्जी” गांधी परिवार ने और न ही कांग्रेस ने! यह कौन से संविधान में लिखा है कि आप गुपचुप शादी करो और बच्चे भी पैदा करो? तुम्हारा चुप रहना साबित करता है जो कुछ भी कहा पत्रकार ने वह सही है।
No comments:
Post a Comment