राहुल के दादा फिरोज जहांगीर खान का भी अंतिम संस्कार निगमबोध पर हुआ था ; ‘देश शोक में, राहुल गाँधी जश्न मनाने वियतनाम गए’: मेमोरियल पर राजनीति करने वाली पार्टी ने अस्थि विसर्जन से बनाई दूरी

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन और उनके अस्थि विसर्जन के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी जारी है। रविवार (29 दिसंबर 2024) को यमुना नदी में डॉ. सिंह की अस्थियाँ विसर्जित की गईं, लेकिन इस मौके पर कांग्रेस का कोई बड़ा नेता या गाँधी परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। इस पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरते हुए सवाल उठाए हैं।

भाजपा ने इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गाँधी परिवार और कांग्रेस के बड़े नेताओं की अनुपस्थिति सवाल खड़े करती है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर राहुल गाँधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “जब देश डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा था, तब राहुल गाँधी वियतनाम में नए साल का जश्न मना रहे थे। गाँधी परिवार ने सिख समुदाय के प्रति हमेशा अपमानजनक व्यवहार किया है।”

कांग्रेस ने दी ये सफाई

भाजपा की आलोचना के बाद कांग्रेस ने सफाई दी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी ने परिवार की निजता का सम्मान करते हुए अस्थि विसर्जन से दूरी बनाए रखी। उन्होंने बताया कि सोनिया गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा ने अंतिम संस्कार के बाद परिवार से उनके आवास पर मुलाकात की थी।
खेड़ा ने कहा, “दाह संस्कार के समय परिवार को गोपनीयता का मौका नहीं मिल पाया था। कुछ सदस्य चिता स्थल तक नहीं पहुँच सके थे। ऐसे में परिवार को अस्थि विसर्जन के दौरान गोपनीयता देना उचित समझा गया। यह रस्म उनके लिए भावनात्मक रूप से कठिन और दर्दनाक थी।”

सिख रीति-रिवाज के साथ अस्थि विसर्जन

रविवार(दिसंबर 29) की सुबह डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार के सदस्य निगमबोध घाट पहुँचे, जहाँ अस्थियाँ चुनी गईं। इसके बाद मजनू का टीला गुरुद्वारा के पास यमुना नदी में सिख परंपरा के अनुसार अस्थियाँ विसर्जित की गईं। इस दौरान उनकी पत्नी गुरशरण कौर, तीन बेटियाँ उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह और अन्य करीबी रिश्तेदार मौजूद थे।

राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार 

डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 की रात नई दिल्ली के एम्स में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। 1990 के दशक में भारत के आर्थिक सुधारों के नायक रहे डॉ. सिंह का निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन के बाद देश में 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।

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फिरोज जहांगीर खान का भी अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर हुआ था 

मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध पर किए जाने पर कांग्रेस और इसके पिछलग्गु विपक्ष ने भी खूब शोर मचाया, लेकिन इन लोगों का नहीं मालूम की सोनिया गाँधी के ससुर और राहुल-प्रियंका के दादा फिरोज जहांगीर खान का अंतिम संस्कार भी कांग्रेस राज में इसी निगमबोध घाट पर हुआ था। ससुर जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे। उस समय निगमबोध घाट पर कोई VIP कुंड भी नहीं था। कुछ अस्थियां यमुना में प्रवाहित की और कुछ कब्रिस्तान में दफना दी गयी। जिस पर सारा मीडिया और खोजी पत्रकारों के मुंह में दही जमा हुआ है। इसका रहस्योघाटन हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रपट के आधार पर यूट्यूब चैनल Jaipur Dialogue पर हुआ, देखिए वीडियो

       

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