उत्तर प्रदेश : संभल में हिंसा से पहले आसपास के जिलों से बुलाए गए थे मदरसा छात्र, पुलिस को ‘पत्रों’ से मिली जानकारी: नए एंगल से जाँच शुरू, SP बोले- किसी को बख्शा नहीं जाएगा

                                                                            संभल हिंसा 
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने नए एंगल से अपनी जाँच शुरू की है। पुलिस के हवाले से मीडिया में बताया जा रहा है कि पुलिस को कुछ गुमनाम पत्र मिले हैं। इन पत्रों में दावा है कि हिंसा से पहले आसपास के जिले के मदरसों के छात्रों को समन किया गया था। कथिततौर पर ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया ताकि मस्जिद के सर्वे वाले दिन (24 नवंबर को) इलाके में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया जा सके।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, “हमें कई पत्र मिले हैं, जिनमें दावा किया गया है कि उस दिन रामपुर, हापुड़ और बुलंदशहर जिलों के मदरसों से छात्रों को विशेष रूप से संभल बुलाया गया था। हम इन पत्रों की प्रामाणिकता की पुष्टि कर रहे हैं और उचित जाँच के बाद अगर पत्रों की सामग्री सही पाई जाती है, तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे।”

रामजन्मभूमि विवाद के दिनों मुस्लिम विद्वानों और मौलानाओं ने अपने इंटरव्यू में दंगाइयों को बाहर का बताया जाता रहा है। लेकिन कौन बुलाता या किसके कहने पर दंगाई आते हैं, प्रश्न पर चुप्पी साध लेते हैं।  

गौरतलब है कि पुलिस ने अब तक हिंसा में शामिल होने के आरोप में 3 महिलाओं समेत करीब 40 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, पुलिस ने झड़पों में 93 लोगों की पहचान की है जिनकी इस हिंसा में ‘सक्रिय भागीदारी’ रही। संभल पुलिस जल्द ही इन भगोड़ों को पकड़ने में मदद करने वाली सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा करेगी।

पुलिस अधीक्षक ने साफ कहा है कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस सभी आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। वहीं फरार आरोपितों को पकड़ने के लिए जल्द ही इनाम की घोषणा भी की जाएगी।

अभी तक इस मामले में कार्रवाई करते हुए 400 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की जा चुकी हैं। वहीं इस मामले में बार एफआईआर दर्ज हुई हैं जिनमें से 7 को पुलिस अधिकारियों द्वारा दर्ज करवाया गया है और बाकी की 5 उन लोगों द्वारा दर्ज करवाई गई है जिनके परिजन इस हिंसा में मारे गए हैं।

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