केजरीवाल जब पंजाब में 1000 रूपए का वादा पूरा नहीं किया फिर दिल्ली में 2100 रूपए देने का वादा क्यों? बिजली विभाग द्वारा बिजली काटने पर उसे जोड़ने पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई?

                        केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन करती पंजाब की महिलाएँ (फोटो साभार: X_ANI)
अरविन्द केजरीवाल को जिस कांग्रेस ने सिरमौर बनाया आज वही कांग्रेस उसी केजरीवाल के विरुद्ध जरुरत से ज्यादा आक्रामक होकर दिल्ली में केजरीवाल सरकार को उखाड़ने के लिए हर भरसक कोशिश कर रही है। ऐसे में यह भी सवाल होता है कि जब बिजली का बिल भुगतान नहीं करने पर विभाग बिजली काटता है फिर केजरीवाल कानून का मजाक बनाने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने क्यों नहीं कार्यवाही की? अगर यही काम किसी आम नागरिक ने की होती क्या बिजली विभाग या दिल्ली सरकार क्या कानूनी कार्यवाही नहीं करती? 
केजरीवाल के fraud को आतिशी भी नहीं समझ रही। जल विभाग आतिशी के पास, बढ़े हुए बिल भिजवा कर सरकार बनने के बाद माफ़ करने का वादा कर जनता को तो पागल बना रहा है आतिशी को भी। इस बहाने आतिशी को निपटाने का षड़यंत्र खेला जा रहा है।   
पंजाब की महिलाओं के एक समूह ने शनिवार (4 दिसंबर 2024) को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। इन महिलाओं का आरोप था कि पंजाब में AAP सरकार ने हर महिला को 1000 रूपए प्रति माह देने का जो चुनावी वादा किया था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि अब दिल्ली में 2100 रूपए प्रति माह का नया वादा करके केजरीवाल फिर से जनता को गुमराह कर रहे हैं।

महिलाओं ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे पंजाब के अमृतसर और गुरदासपुर से आई हैं। एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा, “लोग वहाँ बहुत गरीब हैं। केजरीवाल और भगवंत मान ने 1000 रूपए प्रति महिला देने का वादा करके वोट लिए और सरकार बनाई। लेकिन अब तक कुछ भी नहीं मिला।” उन्होंने कहा कि दिल्ली की महिलाओं को भी इसी तरह झूठे वादों के जाल में फंसाया जा रहा है।

दिल्ली पुलिस ने इन महिलाओं को प्रदर्शन स्थल से हिरासत में ले लिया। हिरासत में ली गई महिलाओं ने कहा कि उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने केजरीवाल से सवाल किया कि अगर पंजाब में 1000 रूपए का वादा पूरा नहीं हुआ, तो दिल्ली में 2100 रूपए देने का वादा क्यों किया जा रहा है।

प्रदर्शन के बाद केजरीवाल ने अपने विरोधियों पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदर्शन कर रही महिलाएँ कांग्रेस और बीजेपी की कार्यकर्ता हैं। उन्होंने दावा किया, “ये महिलाएँ पंजाब से नहीं आईं। पंजाब की महिलाएँ आम आदमी पार्टी के साथ हैं और उन पर विश्वास करती हैं। बीजेपी और कांग्रेस को साफ-साफ कहना चाहिए कि वे दिल्ली में मिलकर AAP के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।”

अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ का ऐलान किया था। इस योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को 2100 रूपए प्रति माह देने की बात कही गई। हालाँकि, दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास (WCD) विभाग ने बाद में स्पष्ट किया कि इस योजना को अब तक औपचारिक रूप से अधिसूचित नहीं किया गया है। ऐसी कोई योजना वजूद में ही नहीं है।

इस बीच, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत दिल्ली निवासियों से व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करने के आरोपों की जाँच शुरू कर दी है। इस मामले में अधिकारियों पर यह आरोप है कि वे गैर-सरकारी लोगों को पंजीकरण के नाम पर डेटा इकट्ठा करने दे रहे हैं।

पानी के बिल को लेकर भी केजरीवाल ने दिया बयान

पानी के बिल को लेकर भी केजरीवाल ने एक बयान दिया है। केजरीवाल ने कहा, “अगर किसी का पानी का बिल बढ़ा हुआ आता है, तो उसे भरने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार जब सत्ता में लौटेगी, तो इन बिलों को माफ कर दिया जाएगा या सही किया जाएगा।”
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने केजरीवाल के इस बयान पर भी सवाल उठाए और इसे जनता को गुमराह करने की नई कोशिश बताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केजरीवाल झूठे वादे करके वोट लेने की राजनीति कर रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में होने वाले हैं। इससे पहले केजरीवाल सरकार पर चुनावी वादों को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। 2020 के चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को केवल 8 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, कांग्रेस जो कभी दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक काबिज थी, पिछले दो चुनावों में शून्य पर सिमट चुकी है।

No comments: