तालिबानियों ने परमाणु बम-एनर्जी बनाने वाले 17 पाकिस्तानियों को बंदूक से डरा कर किया अपहरण: खदान से यूरेनियम भी लूटा; शंका की जा रही है कि इनका अपहरण हुआ है या अपहरण का ड्रामा?

टीटीपी ने जारी की अपहृत लोगों की पहचान (फोटो साभार: X_JawadYousufxai)
आतंकवाद को पालने पोसने वाला पाकिस्तान आज खुद उसी आग में जलना शुरू हो गया है। जिस तरह तालिबानियों ने परमाणु बम-एनर्जी बनाने वाले 17 पाकिस्तानियों का अपहरण किया है। गौरतलब करने की बात है कि पाकिस्तान के नुक्लेयर वैज्ञानिक द्वारा ईरान को परमाणु बनाने की विधि को बेच दिया गया था। इस प्रकरण के याद आने पर शंका की जा रही है कि तालिबान ने परमाणु बनाने वालो का अपहरण किया है या मोटा धन मिलने के लालच में खुद ही चले गए हैं? 

पाकिस्तान अपने ही न्यूक्लियर साइंटिस्ट, इंजीनियरों को नहीं बचा पा रहा है। पाकिस्तान के तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (TTP) ने उसके 17 साइंटिस्टों-इंजीनियरों-कामगारों को अगवा कर लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लक्की मरवत इलाके में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमिशन के 17 कर्मचारियों को अगवा कर लिया। इन कर्मचारियों को कबूल खैल एटॉमिक एनर्जी माइनिंग प्रोजेक्ट में काम के दौरान किडनैप किया गया। इस दौरान टीटीपी के आतंकियों ने कर्मचारियों की गाड़ियाँ भी जला दीं। टीटीपी ने एक वीडियो जारी करते हुए दावा किया कि इन कर्मचारियों को तब तक रिहा नहीं किया जाएगा, जब तक पाकिस्तान की जेलों में बंद उनके कैदियों को छोड़ा नहीं जाता। वीडियो में अगवा कर्मचारी पाकिस्तान सरकार से अपनी रिहाई के लिए बातचीत करने की अपील करते नजर आए।

खास बात ये है कि पाकिस्तान सरकार ने पहले तो नकार दिया कि ऐसी कोई घटना भी हुई है, फिर कहा कि वो उसके आदमी ही नहीं थे… लेकिन तालिबान ने पाकिस्तानी सरकार को पूरी दुनिया के सामने बेपर्दा करते हुए अगवा किए कर्मचारियों के आईडी कार्ड तक जारी कर दिए, तब जाकर पाकिस्तान ने माना कि उसे तालिबान ने बड़ी चोट दी है। इसके बाद तालिबान ने 8 अगवा लोगों को रिहा कर दिया, तो पाकिस्तान ये दावा करते हुए खुद की पीठ थपथपाने लगा कि उसने 8 बंधकों को छुड़ा लिया है, लेकिन तालिबान ने पाकिस्तान को फिर से आईना दिखाते हुए कहा कि उसने खुद ही अगवा किए लोगों को छोड़ा है और महत्वपूर्ण लोगों को अपने पास रखा है, ताकि वो अपने लड़ाकों को पाकिस्तान की कैद से आजाद करा सके।

कुछ समय बाद पाकिस्तान सरकार ने दावा किया कि उन्होंने 17 में से 8 अगवा कर्मचारियों को बचा लिया है। इसमें कुछ घायल भी हैं। हालाँकि, टीटीपी ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि उसने खुद ही इन बंधकों को छोड़ा है। तालिबान ने सभी बंधकों की आईडी भी जारी की है। TTP ने ये भी है कि उसने इन लोगों को सिर्फ सौदेबाजी के लिए अपने पास रखा है, वो इन्हें नुकसान नहीं पहुँचाएगा।

अगवा लोगों में मजदूर और एटॉमिक एनर्जी कमिशन के अधिकारी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि टीटीपी ने खदान से यूरेनियम भी लूटा है, तो परमाणु उर्जा-बम बनाने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण खनिज है। लक्की मरवत इलाका अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और टीटीपी की गतिविधियों का गढ़ माना जाता है।

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