बहुत लोग आज शुरू हुए नव वर्ष को नकारते हुए कहते हैं कि हमारा नववर्ष तो चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है, ठीक है, पर आज के नववर्ष के महत्व को नकार नहीं सकते। चैत्र मास से अपना नववर्ष मानने वाले भी अपना जन्मदिन अंग्रेजी कैलेंडर से ही मनाते है।
इसलिए इस बहस में न पड़ते हुए हम कामना करें कि यह वर्ष हम सभी के लिए कल्याणकारी हो और हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल हो, वह सामने खड़ी हर समस्या से जूझने में सक्षम हो और इसके लिए महादेव और माँ भवानी प्रधानमंत्री मोदी को अपार शक्तियां प्रदान करें। हमें यदि देश और हिंदू समाज को सुरक्षित रखना है तो हमें मोदी में अटूट विश्वास रखना होगा और छोटी छोटी बातों के लिए उनसे कोई शिकायत रखने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
देश प्रधानमंत्री मोदी के दस साल में कहां से कहां पहुंच गया, कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जिसमें भारत का परचम न लहराया हो। जल थल नभ में देश की ताकत बढ़ी है। एक समय ऐसा था जब हम सेना के लिए हथियारों का केवल आयात ही करते थे और आज हम हथियार निर्यातक हैं। तेल बहुत कम होते हुए भी आज भारत Refined Oil का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया।
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कुछ लोग छोटी छोटी शिकायत मन में रखते हैं। विकास इत्यादि तो सब ठीक है जी लेकिन मोदी ने मुलायम सिंह और शरद पवार को पद्म विभूषण देकर गलती की। लाल किले पर सिखों पर गोली न चला कर ठीक नहीं किया। कुछ लोग “सबके विश्वास” पर ही नाराज रहते हैं।
एक बात याद रखनी चाहिए कि मोदी प्रधानमंत्री है और उन्हें बहुत से काम राजनीतिक तौर पर करने होते हैं। वो कोई ऐसी नीति नहीं बना सकते जिसमें मुस्लिम भागीदार न हों, अब यह मुस्लिमों की फितरत है कि वे मोदी से नफरत करते हैं और उसे वोट नहीं देते। संयासी और बिच्छू अपने प्रवति से काम करते हैं। वह ऐसा राजनेता है जो सदैव जनहित में काम करता है, वो खुद कहते हैं 4 साल काम करने के लिए होते हैं और एक साल राजनीति के लिए होता है लेकिन तब भी जनकल्याण जारी रहता है।
गोली चलाना तो बहुत आसान होता है लेकिन उसके दुष्परिणाम कभी कभी बहुत घातक होते हैं और तब गोली चलाने की वकालत करने वाले ही सबसे पहले कहते हैं गोली क्यों चलाई? गौभक्त साधुओं पर इंदिरा(7 नवंबर 1966 को पार्लियामेंट स्ट्रीट साधुओं की लाशों और खून से लाल हो गयी थी) द्वारा और कारसेवकों पर मुलायम सिंह राज में चली गोलियों को भूल नहीं सकते लेकिन जनता भूल गई। परंतु मोदी के गोली चलाने की तो देशी और विदेशी शक्तियां प्रतीक्षा कर रही थी जिससे भारत में 4 साल पहले ही बांग्लादेश करा दिया जाता।
हमें सोचना चाहिए मोदी कैसी कैसी आंतरिक और विदेशी शक्तियों से टकरा रहा है। देश में विपक्ष उसे निशाना बनाने के लिए मुसलमानों को भड़का रहा और केरोसिन बिखेर कर तिल्ली लगाने को तैयार है। पाकिस्तान और चीन के साथ अब बांग्लादेश भी जुड़ गया।
George Soros, अमेरिकी Deep State, दुनिया भर की Pharma, Arms और Oil lobby, अमेरिका के साथ कनाडा और अनेक यूरोपीय देश मोदी को उखाड़ फेंकने के लिए जी जान से जुटे हैं। खालिस्तान Lobby को अलग समर्थन दे रहे हैं अमेरिका और कनाडा जो आए दिन मोदी, शाह और योगी की हत्या की धमकी देती है। इतना ही नहीं भारत का मीडिया इंदिरा गांधी के राज में अपने काले दिन भूल कर मोदी को टारगेट करता है और साथ में विदेशी Media Lobby भी दुष्प्रचार में आगे है।
इन सभी शत्रुओं से लड़ता हुआ मोदी चट्टान की तरह खड़ा हुआ है। उन शत्रुओं को लगता है कि मोदी ही भारत और हिंदुओं की अंतिम आशा है, मोदी नहीं तो भारत को बेचने वाले तो भारत में तैयार बैठे हैं।
इसलिए आइए आज नववर्ष के दिन हम प्रतिज्ञा करें कि हर हाल में मोदी का साथ देंगे।
भारत माता की जय!
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