बंगाल : सियालदह में अवैध रूप से घुसे 3 रोहिंग्या मुसलमान, 20-20 हजार रूपए देकर बनवाए फर्जी दस्तावेज

                                            रोहिंग्या मुस्लिम (साभार: वीडियो स्क्रीनशॉट)
पश्चिम बंगाल बांग्लादेशी और म्यांमार के रोहिंग्या घुसपैठियों का जंक्शन बन गया है। पुलिस ने कोलकाता के सियालदह रेलवे स्टेशन से तीन रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों अवैध रूप से घुसे हैं और वे जम्मू-कश्मीर या नई दिल्ली में अपने परिचितों के पास जा रहे थे। इसके पहले वे बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप में रह रहे थे। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मामले की जाँच NIA से कराने की माँग की है।

गिरफ्तार लोगों में 2 महिलाएँ और एक पुरुष हैं। घुसपैठियों की पहचान नूर फातिमा, सबू पानेकर और अब्दुल रहमान के रूप में हुई है। दोनों महिलाओं की उम्र 18 साल से कम बताई जा रही है। दरअसल, सियालदह पुलिस स्टेशन के कर्मियों को स्टेशन परिसर में तीनों की गतिविधियों पर संदेह हुआ। इसके बाद उनके पहचान दस्तावेज माँगे तो उनकी असली पहचान उजागर हुई।

तीनों घुसपैठिए आपस में रिश्तेदार हैं और म्यांमार के रखाइन प्रांत के निवासी हैं। ये सभी बिना वीजा और वैध दस्तावेजों के अवैध रूप से भारत में घुसे हैं। उसने बताया कि पश्चिम बंगाल की एक खुली सीमा से से तीनों भारत में घुसे थे। इसके बाद वे शनिवार (18 जनवरी 2025) की सुबह ट्रेन से सियालदह स्टेशन पहुँचे थे और यहाँ से वे दिल्ली या जम्मू-कश्मीर जाने वाले थे। यहाँ उन्हें पकड़ लिया गया।

म्यांमार में हिंदुओं एवं बौद्धों के खिलाफ हिंसा करने वाले इस्लामी आतंकी समूहों के खिलाफ वहाँ की सेेना की कार्रवाई के बाद मुस्लिम वहाँ से भाग रहे हैं। इस दरम्यां ये तीनों भी भागकर बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में ठहरे। इसके बाद वहाँ एक एजेंट को प्रति व्यक्ति 20,000 देकर बिना दस्तावेज के अवैध रूप से भारत की सीमा में घुस आए।

जाँच अधिकारी पता कर रहे हैं कि वे भारत में किन संपर्कों के जरिए घुसे और किसके पास जाने वाले थे। पुलिस ने उनका भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किनकी मदद से वे अवैध रूप से भारत की सीमा पार करने में कामयाब रहे थे। जाँच अधिकारी महिला तस्करी और आतंकवाद के ऐंगल से भी इस मामले की जाँच कर रही है।

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले में NIA जाँच की माँग की है। भाजपा ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, “ये अवैध अप्रवासी पहले म्यांमार से भागकर बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में बालूखाली कैंप में रह रहे थे। वे किसी एजेंट को कुछ रकम देकर भारत में घुस आए। वे कोलकाता से नई दिल्ली जाकर बसने की योजना बना रहे थे। उन्होंने कैमरे पर स्वीकार किया है कि वे नई दिल्ली में बसे कई रोहिंग्याओं को जानते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, मैं दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल से आग्रह करता हूँ कि वे वहाँ रोहिंग्याओं के बसने के मामले की जाँच NIA और दिल्ली पुलिस से करवाएँ कि पश्चिम बंगाल दिल्ली की ओर जाने वाले ऐसे लोगों के लिए सुरक्षित मार्ग कैसे बन गया है। ED को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत अवैध भुगतान और प्राप्तियों के मामले की भी जाँच करनी चाहिए, जो इस तरह के अवैध सीमा अतिक्रमण को सुविधाजनक बना रहे हैं।”

सुवेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश सीमा पर 600 किलोमीटर के क्षेत्र में बाड़ नहीं लगाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ज़मीन उपलब्ध नहीं कराई है। उन्होंने एक सोशल मीडिया यूजर को जवाब देते हुए कहा, “ममता बनर्जी से पूछिए कि वह यहाँ 600 किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ लगाने के लिए BSF को ज़मीन क्यों नहीं दे रही हैं।”

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