देश के विरुद्ध युद्ध की धमकी ने राहुल गांधी को सांसद पद के लिए अयोग्य कर दिया; लोकसभा अध्यक्ष को इसका संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए। करने दो विपक्ष को हंगामा, करने दो walk out, करने दो भूख हड़ताल

सुभाष चन्द्र

पिछले दिनों सरसंघचालक भागवत जी ने कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के बाद ही सच्ची आज़ादी मिली। 

“राहुल गांधी ने इस टिप्पणी को देशद्रोह के समान बताया। भागवत का बयान प्रत्येक भारतीय के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में सब कुछ न्योछावर करने वाले सेनानियों का भी अपमान है। यह दर्शाता है वे स्वतंत्रता और संविधान के प्रति क्या सोच रखते हैं, यही नहीं, भाजपा -संघ ने देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं पर कब्ज़ा कर रखा है”

राहुल को यह भी बताना चाहिए कि कांग्रेस के कार्यकाल में किसी को कांग्रेस के खिलाफ बोलने की आज़ादी तक नहीं थी। एक फोन पर स्टेट बैंक से 60,000 रूपए तक निकाल लिए जाते थे। नागरवाला कांड को भी याद कर लेते। दादी इंदिरा गाँधी को कोर्ट द्वारा असदस्य घोषित कर 6 साल तक चुनाव न लड़ने का फैसला आने के बाद देश को क्या मिली इमरजेंसी। राहुल तो क्या पूरी कांग्रेस ये सब भूल जाती है, क्यों?  

अगर भागवत जी ने देशद्रोह किया है तो राहुल गांधी को कौन रोकता है उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर करने से

राहुल ने कहा कि “आरएसएस की विचारधारा की तरह हमारी विचारधारा भी हज़ारों साल पुरानी है, हज़ारों साल से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रही है कांग्रेस। आज कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सिर्फ भाजपा से ही नहीं बल्कि भारतीय राज्य से भी लड़ रहे हैं”।

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अभी तक किसी विपक्षी दल ने भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ने की बात नहीं की है। राहुल तो इसके लिए संसद से बर्खास्त होना ही चाहिए और यदि कोई विपक्षी दल भी साथ है तो कांग्रेस के साथ उसकी भी मान्यता रद्द होनी चाहिए। 

राहुल गांधी ने कांग्रेस की हज़ारों साल की विचारधारा की बात कह कर साबित कर दिया कि कांग्रेस की सोच “बाबर” की सोच है क्योंकि बाबर का काल 1526 से 1530 का है और आज 2025 चल रहा है जिसका मतलब पूरे 1000 साल से कांग्रेस ने बाबर की सोच को हिंदुओं के दमन के लिए संजो कर रखा है। इसी बाबर की कब्र पर नेहरू गए 1959 में इंदिरा गांधी 1968 में और खुद राहुल गांधी 2005 में मनमोहन सिंह के साथ। इसलिए कांग्रेस का Origin तो बाबर ही है 

संघ तो सनातन धर्म में विश्वास रखता है और इसलिए उसकी सोच तो पुरातन है

स्वतंत्रता सेनानियों ने कब चाहा था कि धर्म के आधार पर भारत के टुकड़े किये जाएं लेकिन गांधी नेहरू ने मुस्लिमों को पाकिस्तान दिया लेकिन हिंदुओं के लिए हिंदू देश नहीं दिया और इसलिए उन्हें तो आज़ादी अभी तक मिली ही नहीं

कांग्रेस ने तो मुस्लिमों को 2 आज़ादी दे दी- पहली उन्हें पाकिस्तान देकर और दूसरी, उन्हें  आज़ादी के बाद भारत में रख कर

राहुल गांधी तो सांसद रहने के लिए भी अयोग्य है क्योंकि उसने एक सांसद की शपथ का उल्लंघन किया है। एक सांसद की शपथ होती है -

"मैं, ए.बी., राज्यसभा (या लोकसभा) में एक सीट भरने के लिए उम्मीदवार के रूप में नामित होकर, ईश्वर के नाम पर शपथ लेता/लेती हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करता/करती हूं कि मैं भारत के संविधान के प्रति, जैसा कि विधि द्वारा स्थापित है, सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा/रखूंगी और भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखूंगा/रखूंगी

देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा की शपथ लेने वाला किसी भी परिस्थिति में देश के विरुद्ध युद्ध की बात नहीं कर सकता और करता है तो वह सांसद नहीं रह सकता क्योंकि वह देशद्रोही माना जायेगा। लोकसभा अध्यक्ष को इसका संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए। करने दो विपक्ष को हंगामा, करने दो walk out, करने दो भूख हड़ताल।  

कांग्रेस ने कब स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान किया है। वीर सावरकर का रोज अपमान किया राहुल गांधी ने। एक भी कांग्रेसी को सावरकर की तरह 2 बार कालापानी की सजा नहीं हुई, फिर भी राहुल हर समय उनका अपमान करता है। 

राहुल गांधी को याद नहीं कि राम मंदिर के लिए 500 वर्ष में 76 युद्ध लड़े गए और हजारों ने अपना बलिदान दिया लेकिन कांग्रेस ने भगवान राम को काल्पनिक कह कर उन सभी बलिदानियों का अपमान किया

कांग्रेस ने मुस्लिमों के लिए संविधान का भी मखौल बना दिया। देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमों को कैसे दे दिया जबकि यह संविधान नहीं लिखा। 

मुसलमानों के लिए संविधान में article 25 से 30 घुसा दिए लेकिन हिंदुओं के अधिकार छीन लिए। संविधान में बदलाव करके शरीयत के मुताबिक करने का दुस्साहस करने वाली कांग्रेस है, कोई और नहीं। लेकिन बेशर्म पार्टियां भी सनातन को दरकिनार कर कांग्रेस का साथ दे रही है। राहुल परेशान मत हो, संविधान बहुत जल्दी अपने उस असली रूप में आने वाला है जैसा संविधान निर्माताओं ने देश को।     

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