अरविन्द केजरीवाल और इनकी पार्टी दिल्ली में सर्वोत्तम शिक्षा दिए जाने से जनता को पागल बनांते रहते हैं, जबकि शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया का अपना बेटा शिक्षा लेने दिल्ली नहीं योगी आदित्यनाथ के राज्य उत्तर प्रदेश के नोएडा जाता था, क्यों? क्या दिल्ली में कोई स्कूल नहीं मिला जो उत्तर प्रदेश भेजा? या दिल्ली का कोई स्कूल शराब घोटाले के आरोपी मंत्री के बेटे को स्कूल में दाखिला देकर अपने स्कूल को बदनाम नहीं करना चाहता?
चुनावी शपथपत्र के मुताबिक, मनीष सिसौदिया ने अपने बेटे को कनाडा में पढ़ाई के लिए भेजने के लिए 1.54 करोड़ का प्राइवेट लोन लिया था। उनका बेटा डीपीएस नोएडा में पढ़ता था और अब पढ़ाई के लिए विदेश चला गया है।इस तरह इन्होंने दिल्ली की शिक्षा में क्रांति लाई थी।
वैसे कनाडा में 1.54 देकर कौन पढ़ाई करता है? दाल में कुछ काला है दाल ही काली है? अब जनता खुद ही देखले कि जिस शिक्षा मंत्री की औलाद दिल्ली की बजाए दूसरे राज्य में अपनी पढ़ाई के लिए जाए जबकि दिल्ली में भी DPS स्कूल है। क्या दिल्ली में DPS या दूसरे अच्छे स्कूल दाखिला नहीं दे रहे थे?
BJP-RSS का ‘दिल्ली विजय’ प्लान
महाराष्ट्र और उससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने ‘दिल्ली विजय’ का सुनियोजित प्लान बनाया है। भाजपा के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी दिल्ली चुनाव में अहम भूमिका निभा रहा है और आरएसएस के आनुषांगिक संगठनों ने जमीनी स्तर पर तेजी से काम भी शुरू कर दिया है। भाजपा-आरएसएस जहां एक ओर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का एंटी हिंदू चेहरा घर-घर तक पहुंचाएंगे, वहीं आप सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार, शराब घोटाले और वादे पूरे ना करने के भी जनता का अदालत में रखेंगे। वे मिलकर अरविंद केजरीवाल की वो छवि उजागर करेंगे, जिसे मुफ्त की योजनाओं के नाम पर ढंक रखा है। राम मंदिर और सनातन के विरोधी, चुनावी हिंदू और तुष्टिकरण करने वाले केजरीवाल ऐसे कई मुद्दों की लिस्ट भाजपा हैं। ये सीधे केजरीवाल की छवि पर वार करेंगे। हम उनका असली चेहरा लोगों के बीच लाएंगे।’ इसके साथ ही भाजपा अपने संकल्पपत्र में गारंटियों की सौगात देकर चुनाव से पहले सबसे आगे निकल गई है।
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घर-घर जाकर फैमिली डिस्कशन से BJP के लिए वोट निकालेंगे
दिल्ली में 70 सीटों पर 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में चुनाव के लिए BJP-RSS ने काम करना शुरू कर दिया है। आरएसएस का प्लान केजरीवाल की हिंदू विरोधी छवि जनता के सामने लाना है। सेवा भारती समेत आरएसएस के संगठन झुग्गी-बस्तियों और मौहल्ला-चौपाल तक एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने तय किया है कि घर-घर जाकर फैमिली डिस्कशन से BJP के लिए वोट निकालेंगे। आरएसएस के लोग दिल्ली की घनी बस्तियों में अलग-अलग शाखाओं के स्वयंसेवक बैक टु बैक बैठकें करेंगे। ये बैठकें 10-12 लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप्स के बीच होंगी। आरएसएस की बातचीत की शुरुआत किसी चुनावी मुद्दे से नहीं, बल्कि पारिवारिक मुद्दों से करेगा। जैसे- जॉइंट फैमिली की क्या अहमियत है। अगर सबका साथ रहना संभव नहीं, तो कम से कम हफ्ते में एक बार साथ खाना जरूर खाएं।’ भाजपा-आरएसएस के प्लान के केंद्र में केजरीवाल की ‘हिंदू विरोधी छवि’ को भी हाइलाइट करना है।
भाजपा और आरएसएस थिंक टैंक ने अरविंद केजरीवाल को इन पांच प्वांइट पर घेरने की पुख्ता रणनीति बनाई है…
अरविंद केजरीवाल और आप सरकार के झूठे वादे
भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की प्लानिंग अरविंद केजरीवाल के सारे झूठे वादों को जनता के बीच लाने की तैयारी है। केजरीवाल ने कहा था कि गाड़ी, बंगला और सुरक्षा नहीं लेंगे। वे अपने आपको कट्टर ईमानदार की छवि वाला नेता बताते थे, लेकिन करोड़ों के शराब घोटाले में जेल जा आए हैं। जनता से पूछकर ठेका खोलेंगे, लेकिन आप सरकार ने स्कूलों की जगह पर शराब के ठेके खोल दिए। इसकी चर्चा उनके शीशमहल के खर्च और गाड़ियों की कीमत के साथ करेंगे। इसमें हवाला और शराब घोटाले में बंद हुए CM, डिप्टी CM और मंत्रियों की भी चर्चा होगी।
केजरीवाल की राम मंदिर और हिंदू विरोधी छवि
केजरीवाल ने राम मंदिर का कई बार विरोध किया। अपनी नानी की आड़ लेकर वे करते रहे कि ऐसे राम मंदिर में कैसे पूजा करेंगे, जो किसी और धार्मिक स्थल को तोड़कर बनाया हो। इतना ही नहीं दिल्ली के स्कूलों में इकोनॉमिक वीकर सेक्शन कोटे के तहत दलित हिंदुओं की संख्या ना के बराबर है, जबकि मुसलमानों की संख्या काफी है। यूपी के दादरी में अखलाक की मौत हुई, तो अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया- मैं आ रहा हूं। वहीं, बजरंग दल के रिंकू शर्मा की हत्या पर शोक तक नहीं जताया। अयोध्या में राम मंदिर बना, तो केजरीवाल ने अस्पताल बनाने का सुझाव दिया।
तुष्टिकरण की सीमाएं ‘चुनावी हिंदू’ केजरीवाल ने पार कीं
केजरीवाल ने तुष्टिकरण की तो सारी सीमाएं ही लांघ दीं। वो सिर्फ ‘चुनावी हिंदू’ हैं और वोट लेने के लिए सनातन का बाना ओढ़ लेते हैं। हकीकत तो यह है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के द्वारका सेक्टर-22 में सरकारी खर्च पर 100 करोड़ का हज हाउस बनवाया है। मौलवियों की सैलरी तय कर दी है। केजरीवाल को पुजारियों और ग्रंथियों की याद 12 साल बाद चुनाव से पहले आई है। उन्होंने क्या किसी मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया। वो मौकों के हिसाब से कभी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो कभी कृष्ण बन जाते हैं।
आप और केजरीवाल का अर्बन नक्सल कनेक्शन
भाजपा और आरएसएस का प्लान केजरीवाल के उस चेहरे को भी उजागर करना है, जिसका कनेक्शन अर्बन नक्सल से है। सोर्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल उस गैंग का हिस्सा हैं, जिसने नक्सल मूवमेंट खड़ा किया। नक्सली, जो देश विरोधी ताकतों के हाथों की कठपुतली हैं। ये भी जनता के सामने लाएंगे कि केजरीवाल ने पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को भी अपरोक्ष समर्थन दिया हुआ है। उन्होंने तो कुमार विश्वास से आजाद पंजाब का प्रधानमंत्री तक बनने की बात कही है।
बांग्लादेशियों-घुसपैठियों के अभियान चलाकर बनाए वोट
इस बात का भी खुलासा होगा कि दिल्ली की आप सरकार पिछले एक दशक के घुसपैठियों का समर्थन करने में लगी हुई है। बताते हैं कि बांग्लादेशियों और घुसपैठियों के आधार कार्ड अभियान चलाकर बनवाए गए। बिना ये सोचे कि इससे देश की राजधानी के दरवाजे उन लोगों के लिए खुल सकते हैं, जो दिल्ली को असुरक्षित कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने सिर्फ वोटों के लालच में इस खतरनाक साजिश को अंजाम दिया है। भाजपा और आरएसएस केजरीवाल का ये सच भी सबके सामने लाएंगे।
फैमिली वैल्यूज की चर्चा को आगे बढ़ाएगी आरएसएस
आरएसएस की बैठकों में चर्चा का विशेष मॉडल बनाया जाएगा। इसके तहत स्वयंसेवकों की टोली का कॉम्बिनेशन ऐसा बनाया जाएगा, जिसमें पुरुष, महिला और युवा हों। एक परिवार में अगर एक टोली गई तो वो उस परिवार के हर वर्ग से चर्चा कर सकेंगे। फैमिली गैदरिंग के जरिए देश की बात जनसंपर्क के दौरान बातचीत का शुरुआती टॉपिक ‘परिवार’ होगा। जैसे- मोबाइल और बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के फैमिली गैदरिंग क्यों जरूरी है। फैमिली वैल्यूज की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए देश की चर्चा तक ले जाना होगा। इसके बाद केजरीवाल की छवि पर चर्चा होगी। शराब घोटाले से महिलाओं की परेशानी का कनेक्शन भी जोड़ा जाएगा। इसमें गरीब और लोअर मिडिल क्लास के परिवारों की महिलाओं से भी चर्चा होगी। परिवार की महिलाओं के लिए सबसे बड़ी दुश्मन शराब है। घर की इकोनॉमी और शांति खतरे में पड़ जाती है। अरविंद केजरीवाल के दारूवाला अवतार की तस्वीर भी लोगों के बीच लाई जाएगी।
आरएसएस के ये संगठन जमीनी स्तर पर विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की रणनीति बना रहे हैं
सेवा भारती: झुग्गियों में लगातार काम कर रही है। ये जिन बस्तियों में काम करती है, उसे सेवा बस्ती का नाम दिया जाता है। ये संगठन बस्तियों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे छोटे काम सिखाते हैं। जैसे- सिलाई-बुनाई सेंटर। इस चुनाव में इनकी भूमिका अहम है। सेवाभारती के पास 20 हजार बैठकें कराने का टारगेट है।
2. लघु उद्योग भारती: ये संगठन छोटे स्तर के व्यापारियों के साथ काम करेगा, जिनकी फैक्ट्रियों में गरीब तबका काम करता है। इनके साथ बैठकों के जरिए RSS मुफ्त की योजनाओं का इस्तेमाल करने वाले तबके तक पहुंचेगा। ये संगठन 15-20 हजार बैठकें कराएगा।
3. राष्ट्र सेविका समिति: इस संगठन के पास टारगेट नहीं है। बल्कि इस संगठन की महिलाएं दूसरे संगठनों के साथ जुड़कर काम करेंगी। इन्हें हर परिवार की महिलाओं के बीच RSS के चुनावी मुद्दों पर बात करनी है।
4. भारतीय मजदूर संघ: मजदूर संघ दिल्ली में उस तबके के बीच पहुंचेगा, जिस तक केजरीवाल की रेवड़ियां पहुंचती हैं। आम आदमी पार्टी सरकारी स्कीम का फायदा ले रहे लोगों तक रेवड़ी के पैकेट पहुंचा रही है। मजदूर संघ के पास उनके साथ बैठकें करने का टारगेट है।
. विद्या भारती: ये संगठन सरकारी स्कूलों के बच्चों के पेरेंट्स तक पहुंच बनाएगा। सोर्स ने ये भी बताया कि RSS ने इस तबके तक पहुंचने के लिए हर शाखा के स्वयंसेवकों को 50 बैठकें करने का टारगेट दिया है।
6. त्रिदेव संगठन: जमीन पर एक्टिव आरएसएस के त्रिदेव संगठन की हर विंग के पास बूथ लेवल पर 3 त्रिदेव उतारे हैं। यानी बूथ लेवल पर आरएसएस के 3 पदाधिकारी एक्टिव हैं। इसके ऊपर अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष, प्रांत अध्यक्ष जैसे पदाधिकारी होंगे। हर त्रिदेव अपने नीचे कम से कम 10 आम लोगों को जोड़ेगा। दिल्ली में 13,000 बूथ हैं। इस हिसाब से 39,000 त्रिदेव हैं और वे करीब 3 लाख 90 हजार लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे।
7. भारत विकास परिषद: इस टोली की जिम्मेदारी बुद्धिजीवियों तक पहुंचना है। इस संगठन के लोग डॉक्टर, CA, इंजीनियर, साइंटिस्ट, वकील और प्रोफेसर्स के बीच जाकर बैठकें करेंगे। ये सभी चुनाव में RSS के लिए बैठकें करेंगे।
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