योगी ने लगा दी सनातन विरोधियों की लंका में आग : दुबई के ‘खबरबाज’ ने हिन्दुओं के महासंगम पर फैलाई फर्जी जानकारी, महाकुंभ को कहा- ‘BJP का कार्यक्रम’: भारत विरोधी ‘रायटर्स’ के चलते बना मूर्ख

                                                                   मारियो नॉफल
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर हर खबर सनसनी के रूप में प्रस्तुत करने के चक्कर में दुबई के एक खबरबाज ने महाकुंभ को लेकर झूठ फैलाया। दुबई से बैठ कर दुनिया-जहान की खबरें चलाने वाले एक ऐसे ही खबरबाज मारियो नॉफल ने प्रयागराज में आयोजित हो रहे हिन्दुओं के समागम महाकुंभ को भाजपा समर्थित आयोजन बता डाला। उसने महाकुंभ से जुड़े भारी-भरकम आँकड़े देते-देते दावा किया कि हजारों करोड़ से आयोजित होने वाला यह मेला राजनीति से जुड़ा है।

मारियो ने एक्स पर महाकुंभ के विषय में किए गए ट्वीट में बताया कि कैसी व्यवस्थाएँ इस आयोजन के लिए की गई हैं। उसने बताया कि महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक लोग आएँगे, इसके लिए 4000 हेक्टेयर का शहर बसाया गया है। इसके बाद मारियो ने बताया कि 98 विशेष ट्रेनें और 40000 पुलिसकर्मियों का इंतजाम किया गया है। हालाँकि, इसके बाद उसने गलत जानकारी दी। मारियो ने लिखा, “इस आयोजन की लागत 765 मिलियन डॉलर (लगभग ₹6300 करोड़) है और इसे भाजपा समर्थित हिंदू विरासत के आयोजन के रूप में देखा जा रहा है।”

हिन्दुओं के इस महाआयोजन को लेकर मारियो की गड़बड़ समझ के पीछे भारत और हिन्दू विरोधी संस्थान रायटर्स है। उसकी ही रिपोर्ट में असल में यह दावा किया कि यह आयोजन भाजपा का है। रायटर्स ने एक रिपोर्ट में लिखा, “एक सफल महाकुंभ से भाजपा का अपने हिंदू वोटर के लिए भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों को वापस लेने और महिमामंडित करने का रिकॉर्ड चमकेगा, इसका वादा पीएम मोदी और CM आदित्यनाथ ने तब से किया है जबसे उनकी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी 2014 में राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में आई है।”

यानी रायटर्स के अनुसार भाजपा महाकुंभ को अपने लिए इस्तेमाल कर रही है और मात्र हिन्दुओं में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए यह आयोजन करती आ रही है। जबकि असल बात यह है कि महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष में 4 शहरों- हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज में होता है। यहाँ करोड़ों लोग इकट्ठा होते हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा और मेले का प्रबंधन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। इसके लिए उस राज्य सरकार को केंद्र सरकार भी सहायता देती है। भाजपा के अलावा जो भी पार्टी सत्ता में होगी, उसे यह आयोजन करवाना होगा।

ऐसे में रायटर्स का यह दावा करना कि भाजपा इसका इस्तेमाल कर रही है और यह आयोजन उसके द्वारा करवाया जा रहा है, पूरी तौर से गलत है। यह रायटर्स जैसे बाकी मीडिया संस्थानों की भारत और हिन्दू विरोधी छवि को और पक्का करता है। कुंभ का आयोजन किसी पार्टी से जुड़ा ना होकर हिन्दू विश्वास और पुराणों में लिखी कथाओं पर आधारित है। यह उन्हीं चार जगह पर हो होता है, जहाँ समुद्र मंथन के बाद अमृत की बूँदे गिरी थीं। इसके पीछे कथाएँ भी हैं। जब राजनीति और राजनीतिक दलों का जन्म भी नहीं हुआ था, तब से कुंभ चला आ रहा है।

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