डोनाल्ड ट्रंप ही नहीं है जिसे सजा तो हुई मगर दंड नहीं मिला, हमारे देश में लालू यादव तो ट्रंप का बाप है, जिसका दोष सिद्ध हुआ, सजा भी मिली मगर आज़ाद है, जेल नहीं हुई; राहुल गांधी भी ऐसा ही है

सुभाष चन्द्र

भारत की तरह अमेरिका में भी कभी कभी मुकदमे लटकते रहते है। डोनाल्ड ट्रंप को पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 2006 के संबंधों पर चुप रहने की एवज में 1,30,000 डॉलर देने के लिए दोषी तो माना गया लेकिन मैनहटन ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश Juan M  Merchan ने उन्हें कारावास या अर्थदंड की सजा नहीं दी ट्रंप अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होंगे जो दोषी सिद्ध होने के बाद भी पद ग्रहण करेंगे मतलब 2006 के मामले में 2016 में ट्रंप ने पैसा दिया और फैसला 2025 में हुआ

अब भारत की बात करते हैं जहां लालू यादव को भ्रष्टाचार के 5 मुकदमों में दोषी ठहराया गया,  साढ़े 32 साल कारावास की सजा हुई  और 1 करोड़ 65 लाख का अर्थदंड दिया गया लेकिन वो  सजा के लिए जेल में नहीं रहा, अदालतों ने जमानत पर छोड़ा हुआ है केवल एक केस में साढ़े 3 साल जेल में रहा वह भी अस्पताल में गुजारे आज मौज कर रहा है

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राहुल गांधी को भी दोषी ठहराया गया और ट्रायल कोर्ट से 2 साल की सजा हुई जिसे सेशन और हाई कोर्ट ने बरक़रार रखा लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कांग्रेस से संबंध रखने वाले जस्टिस बीआर गवई ने दोषसिद्धि पर ही रोक लगा दी और आज वो देश का अपमान करता फिर रहा है

नरसिम्हा राव को cash for vote case में 3 साल की सजा हुई, तुरंत खड़े खड़े जमानत हो गई और दिल्ली हाई कोर्ट ने बरी कर दिया 

मनमोहन सिंह को तो कोर्ट ने कोयला घोटाले में आरोपी ही मानने से मना कर दिया मुख़्तार अंसारी को सजा देने वाले हाई कोर्ट के जज को तो चंद्रचूड़ ने ट्रांसफर ही कर दिया गया

 उधर केजरीवाल और उसके गिरोह के सभी लोगों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दे दी गई जैसे शराब घोटाला करना उसका “मौलिक अधिकार” था एक नया सिद्धांत गढ़ दिया गया “Bail is right jail is an exception” और सबको जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा “हम सब ईमानदार लोग हैं” मतलब जैसे कोर्ट ने बरी कर दिया हो

वर्तमान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना केजरीवाल पर जरूरत से ज्यादा मेहरबान रहे जिन्होंने उसे मई, 2024 में बिना मांगे जमानत दे दी और फिर जुलाई, 24 में एक बार फिर जमानत दे दी और गिरफ़्तारी सही थी या नहीं इसका फैसला 3 जजों की बेंच पर छोड़ दिया जबकि ऐसी बेंच अभी 6 महीने में भी नहीं बनाई गई है

बहुत मामले हैं जिनमें सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट गहरी नींद में सो जाते हैं एक ओम प्रकाश चौटाला था जिसे भ्रष्टाचार के केस में 10 साल जेल में रहना पड़ा अनेक केस लंबे चलते हैं सलमान खान का hit n run केस सुप्रीम कोर्ट 8 साल से लिए बैठा है

ऐसी लेटलतीफी बहुत देशों में होती है सभी अपराधियों को शरण देने वाला ब्रिटेन विजय माल्या और नीरव मोदी का भारत को प्रत्यर्पण लटकाए बैठा है अपने ही देश की 2,50,000 बच्चियों पर पाकिस्तानी और बांग्लादेशी दरिंदों द्वारा किए यौन अपराधों के लिए कानूनी कार्यवाही करने को तैयार नहीं है शायद इसलिए कि ये दोनों देश ब्रिटेन के ही पैदा किए हुए हैं कैसा डर है ब्रिटिश सरकार को जो कार्यवाही करने से “Islamophobic” मान लिए जाएंगे

ट्रंप के केस को लेकर हो सकता है कुछ लोगों में भ्रम हो कि जज ने उसका पक्ष लिया और छोड़ दिया लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि बिल क्लिंटन का मोनिका लेवेंस्की के साथ मामले में उसका भी कुछ नहीं बिगड़ा था 

भारत के साथ Comparison केवल इसलिए किया क्योंकि हमारी न्यायपालिका अमेरिकी सिस्टम से बहुत आगे है और बड़े बड़े गुल खिलाती है

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