केजरीवाल जवाब दो सुन्दर नगरी की बेटी संतोष कोली की मौत का जिम्मेदार कौन? दलाल मीडिया क्यों खामोश? वीडियो; करोड़ों के ‘शीशमहल’ और शराब घोटाला के काले दाग, दिल्ली चुनाव में ये बड़े मुद्दे

                                  संतोष कोली के साथ अरविन्द केजरीवाल 
आज अरविन्द केजरीवाल विरोधी और मीडिया शीश महल और शराब घोटाले को लेकर शोर मचा रहे हैं, लेकिन सुन्दर नगरी की बेटी संतोष कोली की हुई मौत पर सबने चुप्पी साधी हुई है, क्यों? कैपिटल टीवी द्वारा संतोष के दुःखी माता-पिता से मिल इस दबे मुद्दे को जीवित करने का प्रयास किया है। क्या उसके गरीब माता-पिता फोर्टिस में इलाज करवाने की हैसियत नहीं फिर फोर्टिस में किसने दाखिल करवाया और हॉस्पिटल का खर्चा किसने भुगतान किया? केवल सुन्दर नगरी ही नहीं पूरी दिल्ली संतोष कोली की हुई मौत का कारण जानना चाहती है। सुनिए दुखी माँ-बाप का दर्द:-

      

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज की ‘नौटंकी’ खुद ही उनकी पोल खोल रही है। वे जिस करोड़ों के शीशमहल का बचाव कर रहे हैं, वो उन अरविंद केजरीवाल की ‘लग्जरी चाहत’ की दैन है, जो आम आदमी का चौला ओढ़कर राजनीति में आए थे। दिल्ली का सीएम बनने से पहले केजरीवाल के इस तकिया कलाम के कितने ही वीडियो मीडिया में हैं- ‘मैं सरकारी गाड़ी नहीं लूंगा। सरकारी बंगला और वीवीआईपी सुविधाएं नहीं लूंगा।’ जनता ने उन्हें सीएम का ओहदा दिया और केजरीवाल ने जनता को धोखा दिया। उन्होंने सादगी की ढींगें हांकने के बाद किस अधिकार से जनता के पैसे ना सिर्फ करोड़ों का शीशमहल बनवाया, बल्कि अरबों के शराब घोटाले में जेल जाने के पहले कितनी ही लग्जरी रातें इस शीशमहल में बिताईं। ऐसे में संजय और सौरभ किस मुंह से करोड़ों के शीशमहल और अपने नेता का बचाव कर रहे हैं। आप की इस ‘गद्दारी’ की पोल भी जनता के सामने खुल चुकी है कि शीशमहल को निर्माण उस कोरोना काल में कराया गया, जबकि दिल्ली के लोग आक्सीजन की कमी से मर रहे थे। तब दिल्ली का आम आदमी का ढोंग करने वाला ‘मालिक’ बनकर दिल्ली की जनता के 45 करोड़ रुपए से अपने महल शीशमहल में फूंक रहा था।

कोरोना में नियम-कानून को ताक पर रखकर पानी की तरह पैसा बहाया

आम आदमी के भेष में देश की सियासत को बदलने का ख्वाब दिखाकर गद्दी पर बैठने वाले केजरीवाल की हकीकत दिल्ली की जनता के सामने आ गई है। आम आदमी पार्टी ने ईमानदार राजनीति का सपना दिखाकर भ्रष्टाचार मिटाने का वादा किया, लेकिन खुद ही करोड़ों के शीशमहल और शराब घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के दलदल में गोते लगाते रहे। आप नेताओं के कारनामे एक के बाद एक लोगों के सामने आने लगे। अरविंद केजरीवाल को लेकर एक के बाद एक खुलासे हुए। केजरीवाल ने अपने शीशमल के ‘सौंदर्यीकरण’ पर 45 करोड़ रुपये ऐसे समय में खर्च किए गए जब दिल्ली कोविड-19 से जूझ रही थी। कोरोना के कारण उस समय अधिकांश सार्वजनिक विकास कार्य ठप थे। उस समय केजरीवाल के ‘शीशमहल’ को बनाने के लिए नियम-कानून को ताक पर रखकर पानी की तरह पैसा बहाया गया। लाखों के पर्दे, महंगे कालीन और कमोड लगाने के साथ करोड़ों रुपये के विदेशी मार्बल लगाए गए।

‘दिल्ली के राजा बाबू’ Kejriwal का करोड़ों का शीशमहल

दिल्ली चुनाव से पहले पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का शीशमहल फिर चर्चा में है। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने ‘शीशमहल’ को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा तो आप बुरी तरह तिलमिला गई। अरबों के शराब घोटाले में जेल जाने से अभी तक उबर नहीं पाए केजरीवाल और आप के नेता इस खुलासे के बाद एक बार फिर बेपर्दा हो गए। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के अशोक विहार में एक कार्यक्रम में इतना ही कहा, ‘मैं भी कोई शीशमहल बना सकता था, लेकिन मेरा सपना है कि देशवासियों को पक्का घर मिले। देश जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया।’ इसके अलावा बीजेपी की दिल्ली यूनिट ने अरविंद केजरीवाल को ‘दिल्ली का राजा बाबू’ दिखाते हुए एक पोस्टर जारी किया। पोस्टर पर लिखा- AAP Presents करोड़ों का शीशमहल। इससे पहले भी बीजेपी ने तीन और पोस्टर जारी कर केजरीवाल की असलियत की पोल खोली।

 दावा था सरकारी घर नहीं लूंगा, पर अपने लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला

दिल्ली की जनता सीएम की कुर्सी आम आदमी की सौंपी थी। लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही अरविंद केजरीवाल ‘आम आदमी’ से खास बन गए। केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले के सौंदर्यीकरण पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। यानी, बने-बनाए बंगले को चमकाने और उसे सुंदर बनाने के लिए इतने रुपए फूंक दिए गए। बंगले में आठ-आठ लाख रुपये तक का एक पर्दा लगाया गया इस तरह सभी पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च किए गए। बंगले में जो मार्बल लगा है, वह वियतनाम से मंगाया गया था। सुपीरियर क्लास के डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपए है। ‘ऑपरेशन शीशमहल’ में जब केजरीवाल के इस कारनामे का खुलासा हुआ तो दिल्ली की जनता का चौंकना स्वाभाविक था। इसपर अब बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिल्ली के सीएम हाउस का आलीशान इंटीरियर दिखाया गया। बीजेपी ने केजरीवाल पर तंज कसा, ‘वे कहते थे कि सरकारी घर नहीं लूंगा, लेकिन रहने के लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला।’ आम आदमी पार्टी के सीएम केजरीवाल का घर अंदर से किसी वाइट हाउस से कम नहीं दिखता है। तस्वीरें देखकर आपकी आंखे खुली की खुली रह जाएंगी।
‘शीशमहल’ पर खर्च करने के लिए 45 करोड़ रुपए कहां से आए?
मई 2023 में पहली बार ‘शीशमहल’ का मामला सामने आया। जब दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने CBI डायरेक्टर प्रवीण सूद को चिट्ठी लिखकर सीएम हाउस रेनोवेशन मामले की जांच का काम सौंपा। सितंबर 2023 में CBI ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की। इसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने कोविड काल के दौरान सीएम आवास पर लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पैसा सरकारी खजाने से लिया गया। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मांग की है कि केजरीवाल को दिल्ली के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने किस अधिकार से अपने बंगले की सजावट पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। ये वो समय था जब कोविड में जनता के विकास कार्य बंद थे।
शीशमहल पर फिजूलखर्ची करने के लिए तीन इंजीनियर सस्पेंड भी हुए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त 2024 में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने सीएम हाउस पर फिजूलखर्ची करने के लिए तीन इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया था। इस पर AAP सरकार की खूब जगहंसाई हुई थी। इससे पहले दिल्ली बीजेपी ने सरकारी रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि दिल्ली के सीएम हाउस के रेनोवेशन के लिए कुल 44.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। असल में इसके लिए 43.70 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इसमें इंटीरियर डिजाइन और डेकोरेशन पर ही 11.30 करोड़ रुपए खर्च किए गए। तब केजरीवाल के बंगले के लिए सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच 6 किस्तों में पैसा जारी किया गया था।
करोड़ों का ‘शीशमहल’ और शराब घोटाला दिल्ली चुनाव का बड़ा मुद्दा
पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि दिल्ली चुनाव में ‘शीशमहल’ बहुत बड़ा मुद्दा बन सकता है। दिल्ली चुनाव में शीशमहल के बड़ा मुद्दा बनने की सबसे बड़ी वजह है अरविंद केजरीवाल की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क। वे इमेज तो आम आदमी की बनाते हैं और लाइफ लग्जरी जीते हैं। दरअसल, 2013 में जब वे राजनीति में आए तो उन्होंने सरकारी कार या बंगला न लेने की शपथ ली थी। एक नई तरह की राजनीति शुरू करने का वादा किया था। इसके बाद उन पर शराब घोटाला और शीशमहल बनवाने के आरोप लगे हैं। यह सब इस चुनाव में उनकी राजनीतिक छवि को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं। क्योंकि किसी भी राजनेता की लाइफस्टाइल उसके समर्थकों के बीच बहुत महत्व रखती है। जनता के बीच केजरीवाल ने जो इमेज पेश की है, वो सादगी वाली है। जनता ने गले में मफलर और सादे कपड़े पहने हुए केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना था। अब उनके घर में ‘सोने की टॉयलेट सीट’ बने होने के आरोप लगने लगे। फिर भी केजरीवाल ने इन आरोपों को झूठा साबित करने की कोशिश नहीं की। इससे जनता को और पक्का विश्वास हो गया।
इन दिनों ‘शीशमहल’ में कौन रहता है और केजरीवाल कहां रह रहे हैं?
अभी 6, फ्लैगशिप रोड स्थित इस शीशमहल में दिल्ली की सीएम आतिशी रह रही हैं। दरअसल, शराब घोटाले में जेल से वापस आने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल को 4 अक्टूबर 2024 को शीशमहल छोड़ना पड़ा। अब केजरीवाल AAP के राज्यसभा सांसद अशोक कुमार मित्तल के सरकारी आवास पर रह रहे हैं, जो 5, फिरोजशाह रोड पर है। दरअसल, दिल्ली विधानसभा में अन्य राज्यों की तरह विधायकों को रहने के लिए बंगले नहीं दिए जाते हैं। न ही केजरीवाल को पूर्व CM के तौर पर कोई बंगला दिया गया। इस्तीफे के बाद केजरीवाल के पास अपने पुश्तैनी, निजी या किराए के कोई मकान में रहने के ऑप्शन्स थे। इसके लिए उन्हें अलग से कोई भत्ता नहीं दिया गया, क्योंकि आवास भत्ता कुल प्रतिमाह दी जाने वाली राशि में शामिल होता है। दिसंबर 2013 में पहली बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से पहले केजरीवाल गाजियाबाद के कौशांबी इलाके में रहते थे। मुख्यमंत्री के तौर पर वे मध्य दिल्ली के तिलक लेन स्थित घर में रहे। फरवरी 2015 में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला तो वे उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आवास में रहने चले गए। केजरीवाल ने कोरोनाकाल में इसी आवास को शीशमहल में तब्दील करा दिया।
अब जरा पीछे कोरोना काल में चलें तो पता चलेगा कि  दिल्ली के लोग जब आक्सीजन की कमी से मर रहे थे, तब दिल्ली की जनता के 45 करोड़ रुपए से केजरीवाल ने अपने आवास को शीशमहल बनवाया। बंगले को चमकाने और उसे सुंदर बनाने के लिए करोड़ों  रुपए फूंक दिए गए। बंगले में जो मार्बल लगा है, वह वियतनाम से मंगाया गया था। सुपीरियर क्लास के डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपए है। तब टीवी चैनल ‘Times Now Navbharat’ ने ‘ऑपरेशन शीशमहल’ नामक शो में यह खुलासा किया था।
केजरीवाल के बंगले में 8 लाख का एक पर्दा, एक करोड़ के 23 पर्दों का ऑर्डर
मुख्यमंत्री केजरीवाल के बंगले में आठ-आठ लाख रुपए तक का एक पर्दा लगाया गया। सीएम आवास में लगे पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च हुए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें कुछ लगे और कुछ लगने बाकी हैं। शुरुआत में (2021-22 में) आठ पर्दे लगवाए गए थे, जिन पर 45 लाख खर्च हुए और दूसरे फेज में 15 पर्दों का ऑर्डर दिया गया और इनकी कीमत लगभग 51 लाख रुपए थी।
कभी ये वादा किया था- सरकार आने पर 2 कमरे के घर में रहेंगे
बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि यह वही केजरीवाल हैं जो कहते थे कि सरकार आने पर 2 कमरे के घर में रहेंगे। उनके साथ सिक्युरिटी नहीं रहेगी और लग्जरी गाड़ी से नहीं चलेंगे और अब घर के रेनोवेशन पर 45 करोड़ खर्च कर दिए। उसे महल की शक्ल दे दी। एक-एक ईंट बोल रही है कि भ्रष्टाचार हुआ है। आज जब घर से वह निकलते हैं तब 28 गाड़ियों का काफिला चलता है। पंजाब पुलिस भी सिक्युरिटी में है। उनके पास 50 लाख से अधिक की कार है।
AAP से जो जीत कर आएगा, कोई बड़ा बंगला नहीं लेगा-केजरीवाल
अन्ना आंदोलन के बाद राजनीति में कदम रखने से पहले केजरीवाल ने कहा था- इस पार्टी से जो-जो नेता जीत के आएंगे, वो बड़े बंगले नहीं लेंगे। आपलोगों के बीच से कोई आदमी जीता तो आपलोगों के बीच ही रहेगा। अपने मकान में रहता रहेगा। जहां रह रहा था वहीं रहेगा। कोई बड़ा बंगला नहीं लेगा। आप ही की तरह जिएगा। उसकी कोई सिक्योरिटी नहीं होगी। इस पार्टी का आदमी कोई सिक्योरिटी नहीं लेगा। आप ही की तरह जीता रहेगा। आपके बीच से कोई एमएलए बनेगा या एमपी बनेगा। आप ही जाओगे वहां पर।

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