केजरीवाल जी अपनी नेता संतोष कोली की मौत की CBI जाँच क्यों नहीं करवाई? क्या वंदना इस मौत की राजदार है, कहाँ है?


कोरोना महामारी के समय में दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हर घर तक राशन पहुँचाने का निर्णय लिया था। अपनी मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने घर-घर राशन योजना शुरू करने का ऐलान किया।

इस घोषणा के साथ ही उन्होंने एक आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता को श्रद्धांजलि दी। कार्यकर्ता वो, जिनका निधन साल 2013 में एक सड़क दुर्घटना के बाद हो गया था। नाम है- संतोष कोली।

आम आदमी पार्टी की उम्‍मीदवार संतोष कोली 30 जून की शाम एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गईं थी। अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनकी कोर कमेटी की एक नेता संतोष कोली पर जानलेवा हमला किया गया। 30 जून को कोली एक कार्यकर्ता के साथ बाइक से दिल्ली जा रही थीं। तभी गाजियाबाद के कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास उनकी बाइक को एक कार ने टक्कर मार दी और फरार हो गया था

दिल्ली मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में दावा किया कि संतोष कोली पर लगातार कुछ गुंडे हमला कर रहे थे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हालाँकि संतोष की माता इस बारे में कोई और ही कहानी बताती हैं।

संतोष कोली अरविंद केजरीवाल द्वारा शुरू किए गए परिवर्तन नाम के एनजीओ की पहली कर्मचारी थीं। उस समय वे सरकारी नौकरी करती थीं, लेकिन वे सामाजिक संगठनों के साथ जुड़कर काम भी करती थीं। उन्होंने मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल की एक दूसरी एनजीओ Public Cause Research Foundation में भी काम किया था।

संतोष कोली ने इसके अलावा न्यूज लॉन्ड्री के अभिनंदन शेखरी के साथ भी काम किया था। मगर, 7 अगस्त 2013 को वह सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं। जिसके बाद उनके परिजन व कुछ AAP सदस्यों ने संदेह जताया कि हो सकता है कि संतोष की हत्या की गई हो।

हालाँकि साल 2017 में उनकी माता ने एक वीडियो रिलीज किया। जहाँ वह अपने हाथ में एक प्लाकार्ड लिए नजर आईं। इस प्लाकार्ड में उन्होंने अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के कई नेताओं पर आरोप लगाया था कि वे कोली की हत्या को दुर्घटना बताकर लीपा-पोती कर रहे हैं।

वीडियो में संतोष की माँ कहती हैं कि संतोष को केजरीवाल के बारे में कुछ ऐसी बातें पता थीं, जिसके कारण वे उनसे ठीक से बात नहीं करते थे। वे आगे कहती हैं कि जिस दिन संतोष की मौत हुई, उस दिन वह ऑफिस नहीं जाना चाहती थी। मगर उसे जबरन ले जाया गया। वंदना और कुलदीप उसे ऑफिस ले गए। वो भी उसकी स्कूटी से नहीं। बल्कि कुलदीप की बाइक से, जो एक्सीडेंट में जल गई।

उनका कहना है कि उन्होंने कभी बाइक को ऐसे राख बनने तक जलते नहीं देखा। दुर्घटना में ड्राइवर भी बिन हताहत हुए भाग गया और कोई प्रत्यक्षदर्शी भी नहीं रहा। तब हर किसी ने कहा कि संतोष को मारा गया। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय ने तब मामले की जाँच का वादा भी किया था। इसके बाद बहुत सारा पैसा संतोष के इलाज के नाम पर एकत्रित हुआ। पर, वो कहाँ है, ये किसी को नहीं मालूम।

आगे संतोष की माँ ने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में FIR की जानकारियों से उन्हें दूर रखा गया, उनके बयान भी दर्ज नहीं हुए। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस वीडियो में संतोष की माँ दावा करती हैं कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें कहा था कि उनके सामने वे संतोष का नाम दोबारा न लें और जाँच से भी मना कर दिया था।

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वे आरोप लगाती हैं कि उनकी बेटी की मृत्यु के बाद, परिवार को उसकी स्मृति में आयोजित शोक सभा में भाग लेने से रोक दिया गया था। वे बताती हैं, “हमारे लिए सभी दरवाजे बंद थे। आज हमारे परिवार में हर कोई मानता है कि उसकी हत्या कर दी गई थी। हम जोर देकर कहते हैं कि सीबीआई से केजरीवाल की हत्या में शामिल होने की जाँच हो।”

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