राहुल गांधी का नया ठिकाना, क्या अब वियतनाम में “टूल किट” बन रहा है? संसद सत्र में विपक्ष के नेता का गायब होना संदेहास्पद है

सुभाष चन्द्र

मनमोहन सिंह की मृत्यु पर देश एक सप्ताह के राष्ट्रीय शोक में था और राहुल गांधी नया साल मनाने वियतनाम चला गया था और जाते जाते मोदी सरकार पर मनमोहन सिंह का अपमान करने का आरोप लगा गया जबकि खुद उसका मौज मस्ती के लिए जाना मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा अपमान था। 

अब होली के त्योहार पर भी राहुल गांधी वियतनाम खिसक गया, वो बात समझ आती है कि उसे हिंदुओं के किसी त्योहार से कोई मतलब नहीं है लेकिन अभी वापस लौटा या नहीं यह जानकारी गूगल सर्च में मुझे कहीं नहीं मिली

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ऐसा लगता है अब वियतनाम राहुल गांधी का देश के खिलाफ षड़यंत्र करने का कोई नया ठिकाना बन गया है क्योंकि अमेरिका जाना तो ट्रंप के आने के बाद बंद हो गया मोदी की हर US यात्रा से पहले वह अमेरिका जाया करता था और अनेक भारत विरोधी लोगों से मिलकर गुल खिलाता था लेकिन ट्रंप ने Deep State को ही बंद कर दिया और भारत विरोधियों को पैसा देना भी बंद कर दिया सोरोस की ऐसी तैसी हो रखी है 

यह भी हो सकता है कि सोरोस गैंग के गुर्गे वियतनाम में सक्रिय हों या वहां पहुंचते हों जिन्हें मिलने राहुल गांधी वहां जाता है विपक्ष के नेता का पद गरिमामय होता है और LoP को संसद सत्र में लोकसभा में होना चाहिए प्रधानमंत्री मोदी यदि संसद सत्र में कहीं विदेश यात्रा पर जाते हैं तो देश को पता होता है कि कहां गए हैं, क्यों गए हैं और किस किस से विदेश में मिले लेकिन राहुल गांधी की सब बातें गुप्त होती हैं और वह आकर मीडिया में किसी से बात नहीं करता और अपनी यात्रा की कोई जानकारी नहीं देता

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी के Lex Fridman के साथ बहुचर्चित पॉडकास्ट के बारे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह एक पाखंड था कि जो प्रधानमंत्री भारत के पत्रकारों से बात नहीं करता, वह एक विदेशी को 3 घंटे का इंटरव्यू देता है जयराम रमेश, लगता है कभी मोदी के अर्णब गोस्वामी, स्मिता प्रकाश, रजत शर्मा और अन्य बड़े बड़े सम्पादकों को दिए हुए इंटरव्यू नहीं देखता जबकि राहुल गांधी कभी इन सम्पादकों को इंटरव्यू नहीं देता, बस एक बार अर्णब के पास चला गया था तो गज़ब बेसती हुई थी

और कभी कोई पत्रकार उससे सवाल पूछ भी लेता है तो उसे भाजपा का पत्रकार बताकर चुप कर देता है जयराम रमेश न तुम्हारी कोई औकात है मोदी से मुकाबला करने की और किसी भी विपक्ष के नेता की औकात है, तुम बस मोदी के खिलाफ फालतू बातें कर सकते हो जिससे तुम लोगों का मानसिक दिवालियापन साबित हो जाता है

कांग्रेस के नेता हरीश रावत ने कहा है कि राहुल गांधी वियतनाम का Economic Model समझने गए हैं तो फिर देश को बता कर जाने में क्या परेशानी थी? क्या राहुल गांधी उस देश में जातियों का भी पता लगाने गए हैं, मुसलमानों की हालत का भी जायजा लेने गए हैं, वो पता करेंगे कि क्या उसे देश की 10 करोड़ जनता में में एक लाख मुसलमानों का कोई वक़्फ़ बोर्ड है या नहीं और क्या उनका उत्पीड़न होता है? क्या वियतनाम में हर कौम को जनसँख्या के अनुपात में हिस्सेदारी मिलती है जो मांग वह भारत में करता है?

अभी 26 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट में राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता के बारे में सुनवाई है और जिसके लिए सरकार को राहुल गांधी को दिए नोटिस पर हुई कार्यवाही की जानकारी देनी है, उसे अपनी नागरिकता पर चल रहे केस पर ध्यान देना चाहिए था न कि वियतनाम के Economic Model समझने पर

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