ट्रेन पर बलूचों के एक हमले से से दहल गया पाकिस्तान; याद करे पाकिस्तान वो आतंकी हमले जो उसने भारत में किए

सुभाष चन्द्र

आज बलूच द्वारा ट्रेन अपहरण करने से पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देना छोड़ा, पाकिस्तान से इसकी उम्मीद करनी बेकार है। वह दिन भी ज्यादा दूर नहीं जब पाकिस्तान अपनी लगाई आग में जलकर मरने वाला है। पाकिस्तान बनने के बाद से ही जो मुल्क अपने विकास पर ध्यान देने की बजाए भारत विरोधियों के पैरों में गिर भारत को बर्बाद करने में लगा हो, आज खुद अपनी बर्बादी का तमाशा देख रहा है। बलूचिस्तान के अलग होने के बाद सिंध का नंबर है। जिस दिन ये दोनों पाकिस्तान अलग हो गए, पाकिस्तान को बर्बाद होने से, जिन देशों की भीख पर ऐश कर रहा था कोई साथ नहीं देने वाला। यानि वह दिन भी ज्यादा दिन दूर नहीं जब ऐसा कत्लेआम शुरू होने की संभावनाएं की जा रही है।    

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पाकिस्तानी तालिबान ने 2014 में पेशावर के एक स्कूल में 150 लोगों की हत्या कर दी थी जिसमें मरने वाले अधिकांश बच्चे थे। TTP ने 2023 में पेशावर की एक मस्जिद में आत्मघाती हमले में 100 लोगों को मार दिया था और अब ट्रेन हाईजैक करके बलूचों ने 100 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया है  यह संख्या इसलिए भी सही लगती है क्योंकि कल खबर थी कि पाकिस्तान ने ट्रेन अपहरण की जगह पर 200 ताबूत भेजे थे

आर्थिक एवं शांति संस्थान (आईपी) ने वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (GTI) जारी करते हुए 2025 में पाकिस्तान को आतंकवाद से पीड़ित देशों में दूसरे स्थान पर रखा है यानी आतंकवाद की प्रयोगशाला के रूप में पूरे विश्व में बदनाम पाकिस्तान आज स्वयं भी उससे पीड़ित है पाकिस्तान आतंकवाद का जनक और निर्यातक है भारत में आतंकी हमले करते हुए उसे कभी ख्याल नहीं आता कि बेगुनाहों को मारने का क्या मतलब होता है 

आज ट्रेन हाईजैक होने से पाकिस्तान हिल गया शाहबाज़ शरीफ इस कायरतापूर्ण हमला बता रहा है पाकिस्तान को याद करा दूं उसने भारत में निम्लिखित हमले करके कितने निर्दोषों का खून बहाया था:-

2001 संसद भवन पर हमला 

2001 जम्मू कश्मीर विधानसभा भवन पर हमला 

2005 दिल्ली धमाके 

2006 अहमदाबाद/वाराणसी/मुंबई ट्रेन/मालेगांव 

2007 समझौता एक्सप्रेस/हैदराबाद/अजमेर/लखनऊ/वाराणसी/कानपूर

2008 जयपुर/अहमदाबाद/महाराष्ट्र ट्रेन/मुंबई हमला/अगरतला/

2009 असम/गुवाहाटी/

2010 जनेश्वरी ट्रेन/दंतेवाड़ा/

2011 दिल्ली बम/

2012 पुणे 

2013 बेंगलुरु/श्रीनगर/माओवादी/बोधगया/पटना/जलपाईगुड़ी  

लेकिन सत्य तो यह है कि पाकिस्तान आज भी आतंकवाद का रास्ता छोड़ना नहीं चाहता अब उसके आतंकी गुटों ने हमास को भी साथ जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है जिससे भारत के कश्मीर में और जोर शोर से आतंकी हमले कर सके 

पिछले 35 साल से आतंकवाद के रास्ते पर चलने की बजाय यदि पाकिस्तान अपने मुल्क के विकास के काम करता तो आज दुनियाभर में उसकी छवि एक भिखारी की न बनी होती

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