दानिश कनेरिया और शाहिद अफरीदी
अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तान के पूर्व हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने डीसी में एक कांग्रेस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले भेदभाव को उजागर किया और बताया कि उनके ऊपर भी धर्मांतरण का दबाव बनाया गया था।
इतना ही मैच के दौरान एक साथ खाना खाने आदि पर टीम के कई खिलाडियों को दानिश पर ऐतराज होता था।
कनेरिया ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान में समान मूल्य और सम्मान नहीं मिला, जिसके कारण उनका क्रिकेट करियर बर्बाद हुआ। कनेरिया ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी पर भी धर्मांतरण का दबाव देने का गंभीर आरोप लगाया।
#WATCH | Washington, DC | On the Congressional Briefing on 'plight of minorities in Pakistan', Danish Kaneria, the last Hindu cricketer to play for Pakistan internationally, says, "Today, we discussed how we had to go through discrimination. And we raised our voices against all… pic.twitter.com/elCcqtpbbI
— ANI (@ANI) March 12, 2025
उन्होंने खुलासा किया कि अफरीदी ने उन्हें इस्लाम कबूलने को कहा था। (वो हिंदू थे इसलिए) अफरीदी और अन्य खिलाड़ी उन्हें सामाजिक रूप से अलग रखते थे। इसके अलावा उन्हें साथ में खाने भी नहीं देते थे। केवल इंजमामुल हक ऐसे कप्तान थे जो उनके समर्थन में बात करते थे।
उन्होंने कहा, “मैंने भी पाकिस्तान में काफी ज्यादा भेदभाव का सामना किया है और इसी वजह से मेरा क्रिकेट करियर पूरी तरह से बर्बाद हो गया। मुझे पाकिस्तान में उस तरह का सम्मान और समान भाव नहीं मिला, जिसका मैं पूरी तरह से हकदार था। पाकिस्तान में हुए उसी भेदभाव की वजह से आज यहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका में हूँ। हमने जागरूकता बढ़ाने के लिए बातचीत की है और संयुक्त राज्य अमेरिका से वो सब बताया जिसे यह पता चल सके कि हमने पाकिस्तान में कितना कुछ सहा है ताकि उस कार्रवाई की जा सके।”
कनेरिया ने कहा कि वो इस ब्रीफिंग के माध्यम से अमेरिका के लोगों को बताने का प्रयास कर रहे हैं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को किस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि दानिश कनेरिया पाकिस्तान के पूर्व और अंतिम हिंदू क्रिकेटर हैं। उन्होंने अपने करियर में कुल 61 टेस्ट मैच खेले जबकि वनडे 18 मैच खेले हैं। पिछले कुछ समय से वो लगातार पाकिस्तान में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार पर मुखर होकर अपनी बात कहते आए हैं और इस्लामी कट्टरपंथियों का चेहरा उजागर करते हुए भी आए हैं।
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