उत्तर प्रदेश : समाजवादी पार्टी के कब्जे से छूटा पीलीभीत में कार्यालय, सरकारी बिल्डिंग में 20 साल से हो रहा पार्टी का कामकाज: योगी सरकार ने लगाया ताला, हंगामा कर रहे सपाई भेजे गए जेल


उत्तर प्रदेश के पीलभीत में समाजवादी पार्टी (सपा) का कार्यालय बंद कर दिया गया। बुधवार (18 जून 2025) सुबह प्रशासन और भारी पुलिस बल ने ऑफिस में ताला जड़ दिया है। असल में पीलीभीत में नगर पालिका ने सपा के कार्यालय को अवैध रूप से चलाए जाने का आरोप लगाया है और उसे खाली करने का आदेश जारी कर दिया है। इसकी वजह से सपा तिलमिला गई है। अब मामला अखिलेश यादव तक पहुंच गया है। कार्यालय की दीवारों पर लिखे स्लोगन को गाढ़े रंग से पोत दिया है। इस दौरान इलाके में 7 थानों की पुलिस समेत 200 सिपाही तैनात किए गए हैं।

सुबह 10 बजे पुलिस और प्रशासन ने यह कार्रवाई की। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा किया। सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा समेत अन्य कार्यकर्ताओं की पुलिस से बहस भी हुई। इसके बाद पुलिस ने जिलाध्यक्ष सहित 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भिजवा दिया।

नगर पालिका ने 10 जून 2025 तक सपा कार्यालय खाली कराने का नोटिस दिया था। लेकिन कार्यकर्ताओं के हंगामें और अधिक समय के माँग के चलते इसे आगे टाल दिया गया। गौरतलब है कि यह कार्यालय 20 साल से नगर पालिका के अधिकारी के आवास पर यह कार्यालय चल रहा था।

पीलीभीत में सपा का कार्यालय अवैध!

जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी का यह कार्यालय नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) के आवास में चलाया जा रहा था, जिसे खाली कराने की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। इस अभियान में नगर पालिका की पूरी टीम भी जुटी हुई है।

वैसे एसपी कार्यालय का यह विवाद नया नहीं है। वर्ष 2005 में नगर पालिका ने नकटा दाना चौराहे के पास अपने अधिशासी अधिकारी के आवास को 150 रुपये मासिक किराए पर एसपी कार्यालय के लिए आवंटित किया था। यह आवंटन उस समय के नियमों और प्रक्रियाओं के तहत किया गया था, लेकिन बाद में अनियमितताओं का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया गया था। 12 नवंबर 2020 को नगर पालिका ने यह कहते हुए इस आवंटन को रद्द कर दिया कि यह प्रक्रिया तय नियमों के अनुरूप नहीं है।

इसके बाद सपा ने इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की। तत्कालीन सपा जिला अध्यक्ष आनंद सिंह यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन 1 दिसंबर 2020 को उन्होंने खुद ही इसे वापस ले लिया। इसके बाद साल 2021 में सपा ने इस मामले को लेकर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में केस दायर किया, जो अभी भी लंबित है।

सपा ने कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया

सपा के लोकसभा प्रभारी वीरपाल सिंह पीलीभीत पहुंचे और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पीडीए की बैठक की। उन्होंने कार्यालय खाली कराने की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि सपा इस मुद्दे पर दो स्तर पर लड़ाई लड़ेगी। एक कोर्ट में और दूसरा जनता के साथ सड़क पर।

सपा नेता ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन बल प्रयोग करेगा तो कार्यकर्ता कार्यालय के बाहर लेट जाएंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी पिछले 25 साल से इसी स्थान पर है। यह मामला सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के संज्ञान में है। पूर्व जिला अध्यक्ष आनंद सिंह का एक मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस संबंध में पूछे गए सवालों पर वीरपाल सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

नगर पालिका का नोटिस

नगर पालिका ने एसपी को 10 जून 2025 तक कार्यालय खाली करने का नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में साफ कहा गया था कि एसपी कार्यालय अवैध रूप से चलाया जा रहा है और इसे तुरंत खाली किया जाए। हालांकि एसपी ने इस आदेश का पालन नहीं किया। इसके बाद नगर पालिका ने कड़ा रुख अपनाते हुए कार्रवाई करने का फैसला किया। इलाके के इस कार्यालय के बाहर सात थानों का पुलिस बल और 200 कांस्टेबल तैनात किए गए हैं।

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