जब से सोनिया गाँधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया है याद करिए तभी से कांग्रेस का वह काला इतिहास सामने आना शुरू हो चुका है, जिससे जनता को छिपाया गया था। इसे कहते हैं कर्म। अपनी माँ सोनिया के पदचिन्हों पर चलते राहुल गाँधी ने वीर सावरकर पर हमला बोलना शुरू कर दिया कि सावरकर ने ब्रिटिश सरकार से माफ़ी मांगी यानि सरेंडर कर दिया था। लेकिन मूर्ख को नहीं मालूम कि माफ़ी मांगने वाले को काले पानी की सजा क्यों हुई?
राहुल की इस अफवाह का सबूत के साथ TimesNow पर एंकर सुशांत सिन्हा ने नवभारत पर जवाब देते जवाहर लाल नेहरू को जेल होने पर माफीनामा पत्र को दिखाया था। लेकिन एक मूर्ख और पागल की बातों पर पागलों की तरह जनता भी विश्वास कर रही है। वही घिनौना खेल आतंकवाद के विरुद्ध पाकिस्तान पर Operation Sindoor होने पर पाकिस्तान और कांग्रेस की रोजी-रोटी यानि आतंकी अड्डों पर हमला होने पर पाकिस्तान के DGMO द्वारा सफ़ेद झंडा उठाने पर भारतीय सेना ने हमला रोकने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर "नरेंद्र सरेंडर" कहकर हमला बोलता रहा। जिसे मूर्ख जनता और कांग्रेस गुलाम मीडिया भी उछालती रही।
जबकि कांग्रेस की गुलाम मीडिया और खोजी पत्रकार बने घूम रहे किसी पत्रकार ने आज तक यह पूछने की हिम्मत नहीं की कि सोनिया अपनी कौन-सी बीमारी के इलाज के लिए किस देश में जाती थी? दूसरे, राहुल ने चीन के साथ क्या MoU साइन किया है?
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लेकिन ट्रंप ने उन्हें Publicity Seeker बताया और कहा कि उन्हें पता ही नहीं वो किसलिए वापस गए। उन्हें बहुत कुछ बड़ा करना है।
ट्रंप और मोदी की मीटिंग G7 में होनी थी जो ट्रंप के वापस जाने की वजह से नहीं हुई। उसके बाद ट्रंप ने मोदी से फ़ोन पर बात करने का आग्रह किया। ये मोदी का सरेंडर नहीं था बल्कि ट्रंप का झुकना था। दोनों की फिर 35 मिनट फ़ोन पर बात हुई।
इस बातचीत में मोदी ने ट्रंप को साफ़ कहा कि भारत न कभी मध्यस्ता स्वीकार करता है और न करेगा। यानी सीधे शब्दों में मोदी ने ट्रंप को कह दिया कि आपने भारत पाकिस्तान के बीच सीज़फ़ायर कराया, यह झूठ बोलना बंद करें। ट्रंप ने मोदी को कनाडा से लौटते हुए अमेरिका आने का निमंत्रण दिया लेकिन मोदी ने समय अभाव के कारण अमेरिका जाने से मना कर दिया। मतलब मोदी ने सरेंडर किया होता तो वह अमेरिका जाने से मना नहीं करते। ट्रम्प को मना करना भारत की बहुत बड़ी जीत है। 2014 से पहले इस्लामिक आतंकियों द्वारा हमला करने पर जो भारत अमेरिका के आगे रोना-रोता था उसी अमेरिका के प्रस्ताव को ठुकराना भारत की इतनी बड़ी जीत है जिसे राहुल तो कोई किसी भी मोदी विरोधी को हजम नहीं होने वाली।
मोदी ने ट्रंप को साफ़ शब्दों में कहा कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करके पूरी दुनिया को बताया है कि हम आतंकवाद को सहन नहीं कर सकते। पाकिस्तान की गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा और अब आतंकी हमले को “युद्ध” समझा जाएगा न कि proxy war की तरह और हमारा ऑपेरशन सिंदूर अभी ख़त्म नहीं हुआ है।
मोदी ने यह भी साफ़ किया कि कभी भी India-US trade deal, और अमेरिका द्वारा मध्यस्ता के बारे में बात नहीं हुई। भारत पाकिस्तान के बीच military action रोकने के लिए दोनों सेनाओं के प्रतिनिधियों की बातचीत हुई वह भी पाकिस्तान के अनुरोध पर न कि किसी की मध्यस्ता के कारण।
ट्रंप प्रशासन की तरफ से इस बातचीत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई जिसका मतलब है ट्रंप को मोदी ने उनकी गलती का अहसास करा दिया।
सबसे बड़ी बात है कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि ट्रंप का फ़ोन आया और कहा “Narendra Surrender” और मोदी ने कहा, “जी हुजूर”। ट्रंप फिर मोदी से बात करते हुए कहते कि उन्होंने ही फ़ोन करके युद्ध बंद करने के लिए कहा था लेकिन ट्रंप ने ऐसा कुछ नहीं कहा और इस तरह राहुल गांधी का मुंह काला हो गया।
LoP क्या होता है ये राहुल गांधी को पता नहीं, उसे बस मोदी और उनकी सरकार को बदनाम करना आता है। जबकि इज़रायल के विपक्ष में बैठे पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली ने नेतन्याहू को ईरान पर हमला करने के लिए पूर्ण समर्थन दिया लेकिन कांग्रेस इज़रायल की निंदा कर रही है। इज़रायल के विपक्ष में बैठे एक और पूर्व प्रधानमंत्री Yair Lapid ने भी नेतन्याहू को पूर्ण समर्थन दिया है।
नरेंद्र सरेंडर नहीं करता लेकिन राहुल गांधी किस किस के सामने सरेंडर करता है वह भी पूरा देश देख चुका है। विदेश में जाकर भारत की निंदा करना सरेंडर नहीं है तो क्या है? जब मर्जी देश से गायब हो जाता है, जाहिर है देश एक दुश्मनों के सामने सरेंडर करके भारत के खिलाफ षड़यंत्र रचता है।
कल G7 में सभी देशों के नेता मोदी से मिलने को आतुर थे। वो राहुल गांधी के प्रेमी मुल्क तुर्की के कलेजे पर खड़ा होकर Cyprus के राष्ट्रपति से मिले और Cyprus ने अपना सर्वोच्च सम्मान भी मोदी को दिया। लेकिन मज़ाल है किसी कांग्रेसी या विपक्ष के नेता ने मोदी को बधाई दी हो।
यह है मोदी के लिए नफरत की पराकाष्ठा।
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