उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर/एक्स पर एक पोस्ट में बताया है, “अवैध शस्त्र बनाने वाले 01 अभियुक्त को लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से 14 निर्मित अवैध शस्त्र, अर्धनिर्मित शस्त्र, शस्त्र बनाने के उपकरण व प्रतिबंधित पशु (हिरन) की खाल बरामद की गई है।”
Enforcing an ‘arm's-length’ from illegal arms -
— UP POLICE (@Uppolice) June 27, 2025
अवैध शस्त्र बनाने वाले 01 अभियुक्त को @lkopolice द्वारा गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से 14 निर्मित अवैध शस्त्र, अर्धनिर्मित शस्त्र, शस्त्र बनाने के उपकरण व प्रतिबंधित पशु (हिरन) की खाल बरामद की गई है। #WellDoneCops… pic.twitter.com/lkOcs956JA
पुलिस के इस पोस्ट से भी ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक सामान्य सा मामला है। लेकिन जब आप इस्लामी कट्टरपंथियों की गजवा-ए-हिंद की साजिशों और हकीम सलाउद्दीन के घर पर छापेमारी के बाद सामने आए तथ्यों को जोड़ते हैं तो यह देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश का इशारा करती है।
कहा जा रहा है कि छापेमारी में पुलिस को हकीम के घर से 1 राइफल, 3 पिस्टल, 3 तमंचे, 9 एयर गन और 140 कारतूस सहित कई अन्य औजार मिले। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस के हाथ एक लाल पर्ची लगी है, जिसमें उर्दू और फारसी में कुछ नंबर लिखे हुए हैं। हकीम सलाऊद्दीन की पाकिस्तान में रिश्तेदारी है और वहाँ कई लोगों से उसकी बातचीत होती रहती है।
हकीम सलाऊद्दीन के लैपटॉप में एक दुबई का नंबर मिला है। इस नंबर पर वह रोज बात करता था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि वह कश्मीर तक हथियारों की सप्लाई करता था।
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— LUCKNOW POLICE (@lkopolice) June 28, 2025
दिलचस्प है कि कुछ साल पहले सलाऊद्दीन का एक्सीडेंट में पैर टूट गया था, जिसे एक हकीम ने सही किया। इसके बाद वह खुद ‘हकीम’ बन गया और इसी पहचान के साथ जिंदगी गुजारने लगा। जाँच से यह बात सामने आई है कि सलाऊद्दीन सिर्फ पहचान ओढ़ने में ही शामिल नहीं है। उसने हथियार बनाने के लिए कारीगर ‘किराएदार’ बनाकर अपने मकान में बसा रखे थे।
‘केवल अवैध हथियार फैक्ट्री’ नहीं चला रहा था सलाऊद्दीन ?
जिस तरीके से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को भनक लगे दिए बिना सलाऊद्दीन हथियारों का निर्माण कर रहा था, उससे साफ है कि यह केवल अवैध हथियार फैक्ट्री चलाने का ही मामला नहीं है। इस फैक्ट्री का खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब देश के अलग-अलग हिस्सों से पाकिस्तान के लिए काम करने वाले कई इस्लामी कट्टरपंथियों की गिरफ्तारी हुई है।
लखनऊ के मलिहाबाद के हकीम के घर से मिला असलहे और कारतूस का ढेर, पुलिस ने किया गिरफ्तार (फोटो साभार: दैनिक जागरण)इनमें से एक वाराणसी से पकड़ा गया मोहम्मद तुफैल भी है। गिरफ्तारी के बाद उसके फोन में 600 पाकिस्तानी नंबर मिले थे। वह बाबरी मस्जिद का बदला लेने के लिए मुस्लिमों को उकसा रहा था। वह भारत में सरिया लागू के एजेंडे पर काम कर रहा था। इसी तरह मुरादाबाद से पकड़ा गया शहजाद पाकिस्तान के इशारे पर भारत में बड़े इस्लामी आतंकी हमले की साजिश रच रहा था।
2047 तक भारत को इस्लामी मुल्क बनाने की साजिश
गजवा-ए-हिंद यानी भारत को इस्लामी मुल्क बनाने को लेकर इस्लामी कट्टरपंथी लंबे समय से साजिश कर रहे हैं। ऐसी ही एक गंभीर साजिश का खुलासा साल 2022 में उस समय हुआ जब प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ट्रेनिंग सेंटर पर बिहार के फुलवाड़ी शरीफ में छापेमारी हुई थी। इस दौरान 8 पन्नों का एक दस्तावेज बरामद किया गया। इसका नाम ‘इंडिया विजन 2047’ था। इसमें भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के पूरे रोडमैप का जिक्र किया गया।
इस दस्तावेज में भारतीय सेना से लेकर कोर्ट तक में इस्लामी घुसपैठ का खाका खींचा गया था। ‘कायर हिंदुओं’ की हत्या के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियारों का प्रशिक्षण देना भी शामिल था। क्या हकीम सलाऊद्दीन जैसे मुस्लिम PFI की उसी साजिश के तहत हथियारों की आपूर्ति बनाए रखने को लेकर ही तो नहीं अपने घरों को हथियारों की फैक्ट्री के रूप में बदल चुके हैं?
कितने ‘हकीम’ घरों में चला रहे हथियार फैक्ट्री?
लखनऊ की अवैध हथियार फैक्ट्री और उसे चलाने वाला हकीम सलाऊद्दीन देश विरोधी/हिंदू विरोधी कितनी बड़ी साजिश का हिस्सा है यह जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी सामने आता जाएगा। लेकिन न तो फुलवाड़ी शरीफ में छापे से पहले हमें यह पता था कि देश के विरुद्ध PFI कितनी बड़ी साजिश पर काम कर रहा है और न ही 27 जून 2025 से पहले यह पता था कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में थाने से कुछ कदम की दूरी पर ही इतने बड़े पैमाने पर अवैध हथियारों का निर्माण हो रहा है।
अवलोकन करें:-
ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि जाँच का यह दायरा केवल एक हकीम सलाऊद्दीन या एक अवैध हथियार फैक्ट्री के उद्भेदन तक ही सीमित न रह जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हमें ये नहीं पता चलेगा कि हकीम सलाऊद्दीन केवल एक अवैध हथियार फैक्ट्री ही नहीं चला रहा था। वह उस इस्लामी साजिश का हिस्सा है जो भारत की सरकारों और हिंदुओं के विरुद्ध एक समानांतर तंत्र खड़ा करने में जुटा है। जो यह सुनिश्चित करने में लगा हुआ है कि सशस्त्र बगावत की स्थिति में उसे हथियारों की कोई कमी न हो। ध्यान रहे कि इस तंत्र के लिए हर हिंदू ‘काफिर’ है। गजवा-ए-हिंद वो ख्वाब है जिसका हदीस में जिक्र है। जिसके लिए दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर कहा था कि इस जंग में जो भी शहीद होगा वो ‘गाजी’ कहलाएगा।
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