दिल्ली बटला हाउस में चलेगा योगी सरकार का बुलडोजर? सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इनकार

                       सुप्रीम कोर्ट और बुल्डोजर एक्शन (फोटो साभार- official SCI/hindustan times)
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बटला हाउस में अवैध निर्माण की कार्रवाई में दखल देने से इंकार कर दिया है। याचिकाकर्ताओं को सक्षम अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग में अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी कर रखा है।

इसके खिलाफ सुल्ताना शाहीन ने स्टे के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उसने बटला हाउस के 40 लोगों के निर्माण पर कार्रवाई रोकने की अपील की थी। लेकिन 2 जून 2025 को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने इस पर सुनवाई करते हुए फौरी रहात से इंकार कर दिया। अब मामले की सुनवाई की जुलाई में होगी।

गौरतलब है कि दिल्ली के जिस इलाके में बटला हाउस आता है वहाँ उसी इलाके के जामिया नगर, ओखला स्थित मुरादी रोड और खिजर बाबा कॉलोनी में 115 अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया।

शाहीन का कहना है कि यहाँ पर रहने वाले लोग अपनी संपत्ति के कई वर्षों से मालिक हैं। अब इस संपत्ति को पीएम-उदय योजना के दायरे से बाहर करार देकर ध्वस्त करने का नोटिस दिया जा रहा है।

पीएम-उदय एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों की सूची के निवासियों को संपत्ति के अधिकार प्रदान करना या मान्यता देना है।

7 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को बटला हाउस क्षेत्र में अवैध संपत्तियों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद 27 मई को शाहीन की संपत्ति पर 15 दिन में ध्वस्तीकरण का नोटिस चिपकाया गया था।

सिंचाई विभाग का दावा है कि बटला हाउसक की ये संपत्तियाँ सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण हैं। इस दावे को चुनौती देते हुए शाहीन ने कहा है कि संपत्ति के मालिकों को उनका पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। ऐसे में यह कार्रवाई मनमानी और गलत है।

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