बांग्लादेश में छात्र प्रदर्शन, बंगाल चुनाव में दिखा सुभाषीश ( फोटो साभार- पांचजन्य और एबीपी )
बांग्लादेशी नागरिकों को बंगाल की नागरिकता दिये जाने के सबूत सामने आए हैं। शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए बांग्लादेश में ‘छात्र विरोध प्रदर्शन’ में भाग लेने वाला न्यूटन दास अब बंगाल का नागरिक है।
यह खुलासा सबसे पहले टीवी9 बांग्ला ने शनिवार (7 जून 2025) को प्रकाशित एक रिपोर्ट में किया था। बांग्लादेशी नागरिक का नाम पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप शहर की मतदाता सूची में शामिल है।
न्यूटन दास का विधानसभा क्षेत्र काकद्वीप है, जबकि संसदीय क्षेत्र मथुरापुर आरक्षित सीट है। भारत में रहने वाले न्यूटन दास के भाई तपस दास ने माना है कि वह बांग्लादेशी नागरिक है।
न्यूटन दास को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने नागरिकता दी है। उसका नाम वोटर सूची में भी मौजूद है यानी मतदान का अधिकार हासिल करने में वह कामयाब रहा है। उनके भाई तपस दास ने पुष्टि की, “उसे (न्यूटन दास) बांग्लादेश का मतदाता होना चाहिए। उनका जन्म वहीं हुआ था। वह कोविड-19 प्रकोप के बाद कुछ भूमि विवादों को निपटाने के लिए भारत आया था। मुझे नहीं पता कि वह अब कहाँ रहता है। मुझे नहीं पता कि वह यहाँ मतदाता कैसे बन गया?”
काकद्वीप पंचायत के सदस्य ने पुष्टि की है कि न्यूटन दास एक स्थानीय मतदाता हैं, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें उनके बांग्लादेश से संबंधों के बारे में पता नहीं है।
Another shining example of the so-called “Egiye Bangla Model”!
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) June 7, 2025
The same Newton who was seen wielding a stick during Bangladesh’s quota reform movement is now a registered voter in Kakdwip, West Bengal!
Thanks to the special encouragement of the failed Chief Minister… pic.twitter.com/ehadHxknJy
बांग्लादेश में 2024 के छात्र विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की तस्वीरें ऑनलाइन सामने आने के बाद आरोपित मुश्किल में पड़ गया। शेख हसीना सरकार के खिलाफ आयोजित प्रदर्शनों के दौरान उसे लाठी और झंडों के साथ पोज देते देखा गया था।
Another shining example of the so-called “Egiye Bangla Model”!
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) June 7, 2025
The same Newton who was seen wielding a stick during Bangladesh’s quota reform movement is now a registered voter in Kakdwip, West Bengal!
Thanks to the special encouragement of the failed Chief Minister… pic.twitter.com/ehadHxknJy
बीजेपी नेता सुकांत मजुमदार ने कहा, “असफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विशेष प्रोत्साहन के कारण, सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने न केवल बम बनाने के उद्योग और कट मनी उद्योग में अग्रणी भूमिका निभाई है – बल्कि ‘अवैध घुसपैठ उद्योग’ भी काफी फल-फूल रहा है। तृणमूल कांग्रेस के बिना बंगाल के लोग कभी भी इस मॉडल को सही मायने में नहीं समझ पाते।”
उन्होने कहा कि ममता बनर्जी की घुसपैठ सिद्धांत और तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से हजारों बांग्लादेशी ‘न्यूटन’ बंगाल में मतदान करते हैं। अवैध मतदाताओं और इन लाठीधारी बदमाशों को अपना समर्थन आधार बनाकर, वह पश्चिम बंगाल नहीं चला रही हैं… वह ग्रेटर बांग्लादेश के लिए खाका तैयार कर रही हैं,”
इस बीच सोशल मीडिया पर न्यूटन दास की तृणमूल कांग्रेस के नेता सुभाशीष दास के साथ एक तस्वीर सामने आई है। सुंदरबन के टीएमसी नेता आरोपी का जन्मदिन मनाते नजर आए।
टीवी9 बांग्ला से बात करते हुए सुभाशीष दास ने दावा किया कि न्यूटन के बांग्लादेशी नागरिक होने के बारे में उसे कोई खबर नहीं है।
आरोपित न्यूटन दास ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर घड़ियाली आँसू बहाता हुआ दिखा।
न्यूटन ने आरोप लगाया कि 2024 में वारिस बनाए जाने के बाद वह भूमि विवादों को निपटाने के लिए बांग्लादेश गया था। ये महज संयोग है कि उसकी यात्रा और बांग्लादेश के ‘छात्र प्रदर्शन’ का वक्त एक ही था।
आरोपी ने दावा किया, “मैं 2014 से काकद्वीप में मतदाता हूँ। मैंने 2016 के विधानसभा चुनाव में भी भाग लिया था। हालाँकि, 2017 में मेरा वोटर कार्ड खो गया था, लेकिन हमारे विधायक की मदद से 2018 तक मुझे नया कार्ड मिल गया।”
इससे पहले मई 2022 में यह बात सामने आई थी कि तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलो रानी सरकार, जिन्होंने 2021 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा था, वह बांग्लादेश में अपने पति के साथ रहती है।
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