आए दिन भारत में कहीं न कहीं से बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों को पकड़ने का काम चल रहा है। जिनका कुर्सी का भूखा हमारा विपक्ष अपना वोटबैंक बना रखा था। इतना ही नहीं CAA विरोध से लेकर तथाकथित किसान आंदोलन आदि तक के धरनों और प्रदर्शनों आदि में इन्ही लोगों का इस्तेमाल होता है। लेकिन इस कटु सच्चाई से सेकुलरिज्म के नशे में डूबा हिन्दू नहीं समझ पाता। कोई इनसे पूछे कि क्या किसी भी विदेश में अवैध रूप से रह सकते हो? अमेरिका ने जब घुसपैठियों को निकाल भारत भेजने पर हमारा विपक्ष छाती पीट कर सियापा कर रहा था लेकिन किस कानून के आधार पर घुसपैठियों को अपना दामाद बनाकर रखने का काम किया जा रहा था?
दिल्ली के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र से 11 परिवारों के 66 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया है। ये सभी दिल्ली की घनी आबादी वाली बस्तियों में छिपकर रह रहे थे। पकड़े गए 66 लोगों में 20 पुरुष, 16 महिलाएँ और 30 बच्चे शामिल हैं। इन लोगों ने मोबाइल फोन और बांग्लादेशी दस्तावेजों को छिपाकर रखा हुआ था, ताकि उनकी असली पहचान सामने न आए।
विदेशी सेल की टीम ने गुप्त ऑपरेशन चलाकर इन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि वजीरपुर और नई सब्जी मंडी इलाके में अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिक रह रहे हैं। इसके बाद आसपास की दुकानें और उनकी गतिविधियों को देखकर कंफर्म हुआ। इसके बाद उन्हें पकड़ लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, पकड़े गए 11 परिवार के लोग पहले हरियाणा के नूंह में ईंट भट्टे में मजदूरी करते थे। हरियाणा में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद से ये परिवार दिल्ली आकर छिप गए। पुलिस ने बताया कि वजीरपुर जेजे कॉलोनी से 35 और एनएस मंडी क्षेत्र से 31 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया।
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