क्या राहुल गाँधी ब्राह्मण है?

Rahul Gandhi
क्या राहुल गाँधी ब्राह्मण हैं?
राजनीति में जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठकर लोगों की सेवा की जाती है। चुने हुए प्रतिनिधि के लिए जनता एक समान होती है और प्रतिनिधि से उम्मीद भी की जाती है कि वे बिना किसी भेदभाव और पूर्वाग्रह के अपनी जनता और क्षेत्र का विकास करेंगे लेकिन हैरानी तब होने लगती है जब नेता वोट बैंक की राजनीति के लिए खुद अपनी जाति और समुदाय बताने लगाते हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी इसका शिकार हो गई है। अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को जनेऊधारी हिंदू और शिव भक्त बताने के बाद अब उन्हें अपने पोस्टर में ब्राहम्ण बताया है।  
पटना में कांग्रेस पार्टी का एक पोस्टर सामने आया है। इस पोस्टर में शामिल कांग्रेस नेताओं की जाति बताई गई है। खास बात यह है कि इन नेताओं को हाल ही में प्रदेश कांग्रेस में पदाधिकारी बनाया गया है। कांग्रेस पार्टी के इन पदाधिकारियों की तस्वीर के साथ वे किस जाति या समुदाय से आते हैं इसका जिक्र किया गया है। जैसे राहुल गांधी की तस्वीर के साथ ब्राह्मण समुदाय लिखा हुआ है। अल्पेश ठाकोर की तस्वीर के साथ पिछड़ा समुदाय और शक्ति सिंह गोहिल की तस्वीर के साथ राजपूत समाज लिखा हुआ है। 
इस पोस्टर के सामने आने के बाद जाहिर तौर पर कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी खुले तौर पर जाति और समुदाय की राजनीति करना शुरू कर चुकी है। इसकी एक बानगी उस समय भी देखने को मिली जब एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ मध्य प्रदेश में राजपूत समुदाय विरोध-प्रदर्शन कर रहा था तो इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी में ब्राह्मण का डीएनए है। जनेऊधारी हिंदी, शिवभक्त, ब्राह्मण डीएनए और फिर नेताओं की जातिगत पहचान उजागर कर कांग्रेस अपने 'सॉफ्ट हिंदुत्व' से आगे जाकर जातिगत तौर पर वोटरों को लुभाने की कोशिश में है।
कांग्रेस ने अपने इस पोस्टर को सामाजिक समरसता का मिसाल पेश करने वाला बताया है लेकिन यह 'मिसाल' सामाजिक समरसता की जगह जातीय हदबंदी को तेज और जनता में पहले से कायम जातिगत भावना को और तीव्र कर सकता है। स्पष्ट है कि कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरण बिठाने की कोशिश में है और इस पर उसने अभी से काम करना शुरू कर दिया है। बिहार जहां जाति ही राजनीति की धुरी मानी जाती है, ऐसे प्रदेश में कांग्रेस अपने नेताओं की जाति और समुदाय जाहिर कर अपने दायरे को और बढ़ाना चाहती है।

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