जीवाजी यूनिवर्सिटी : 100 में से 148 अंक
अंकसूची और परिणाम में लगातार विसंगतियों के मामले सामने आने के क्रम में एक और नया मामला सामने आया है। इस बार एक छात्र को नेट से मिली अंकसूची में 100 अंक के प्रश्न पत्र में से 148 अंक मिलना बताए गए हैं। इतना ही नहीं, सभी विषयों में उत्तीर्णांक होने के बाद भी परिणाम विदहेल्ड(रोका गया) है।
सितम्बर 29 की शाम प्रभारी सहायक कुलसचिव एसएस तेबतिया के पाए शासकीय पीजी कॉलेज गुना से बीए छठे सेमेस्टर का एक छात्र महेन्द्र सिंह धाकड़ आया। छात्र ने बीए छठे सेमेस्टर प्रायवेट स्पेशल एटीकेटी परीक्षा अक्टूबर 2016 की नेट से निकाली गई अंकसूची उनके सामने रखी।
परेशानी बताते हुए कहा कि उसका परिणाम विदहेल्ड क्यों हैं। वहीं जब एसएस तेबतिया ने अंकसूची को गौर से देखा तो पता चला कि छात्र के सोशलॉजी विषय में 148 अंक मिलना बताए गए थे। इतना ही नहीं छात्र अन्य विषयों में भी उत्तीर्ण था। उन्होंने छात्र को गोपनीय विभाग में जाकर पड़ताल कर जवाब देने को कहा। छात्र तो वापस नहीं आया,लेकिन श्री तेबतिया ने अपने स्तर पर इस मामले की पड़ताल शुरू करवा दी है।
इस मामले में जब विषय विशेषज्ञों से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि यह संभव ही नहीं है। जिस समय की अंकसूची है,उस समय समाजशास्त्र का एक पेपर होता था। 85 अंक के इस प्रश्न पत्र में उत्तीर्ण होने के लिए 29 अंक और 15 अंक की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा में 5 अंक लाना अनिवार्य था। यदि यह मान लिया जाए कि उसे शत प्रतिशत अंक मिल भी गए होंगे, तो भी 100 में से 148 नहीं आ सकते।
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