लेकिन फिर भी हम जानबूझकर आपनी जिंदगी को जोखिम में डाल रहे हैं। लेकिन विदेशों में लोग इन सभी मामलों को लेकर जागरुक है। हमारे देश में भी कुछ लोग है जिन्हें इस बारे में जानकारी है, लेकिन वह आज भी उन चीजों को बड़े शौक से खाते हैं जिन्हें विदेश में बैन किया जा चुका है। यह है कुछ सामान जिन्हें इंडिया में तो बड़े शौक से खाया जाता है लेकिन विदेशी इन्हें नाकार चुके हैं।
1. पाश्चराइज्ड दूध
भारत में आपको पाश्चराइज्ड दूध के शोकीन हर तरफ मिल ही जाएंगे। उनके हिसाब से इस दूध को पीने से तंदरूस्ती बनी रहती है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कनाड़ा और अमेरिका में इस दूध को बैन किया गया है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया बहुत खतरनाक होते हैं।
2. च्यवनप्राश
सर्दियों में भारत के हर घर च्यवनप्राश खाया जाता है। हर घर में एक डब्बा च्यवनप्राश तो आपको मिल ही जाएगा। लोगों का मानना है कि इसे खाने से सेहत बनी रहती है और साथ ही शरीर में फुर्ती भी, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हर रोज बच्चों को दिए जाने वाले इस टॉनिक में भारी मात्रा में लेड और मरकरी पाया जाता है इसलिए 2005 में कनाड़ा में इसे बैन कर दिया गया था।
3. सर्दी-जुकाम की दवाएं
झट से जुकाम, सर्दी, बुखार और बदन दर्द को दूर करने वाली दवाएं भी विदेश में बैन हैं। इनमें डिसप्रिन, डी-कोल्ड, विक्स एक्शन 500, Analgin और Syspride जैसी दवाएं शामिल हैं। एक्सपर्ट की मानें तो यह दवाएं तबीयत बिगाड़ती हैं। कोल्ड और फ्लू ठीक करने वाली यह दवाएं आपको किडनी से रिलेटेड बीमारियां दे सकती हैं।
केवल यही नहीं, ऐसी अनेको वस्तुएं एवं पदार्थ हैं, जो विदेशों में प्रतिबंधित हैं, लेकिन भारत में खूब बिक रहे हैं। भारत में substitute दवा बिक सकती है, परन्तु विदेशों में नहीं। जो आटा, चाहे किसी भी कम्पनी का हो, जो भारत में बिकता है, वही आटा अगर किसी अन्य देश में भेजा जाए, सारा माल भारत वापस आ जायेगा और पेनेल्टी अलग से। उत्पादकों ने कीमत तो बढ़ा दी है, लेकिन शुद्धता नहीं। यानि लूट-खसोट का बोलबाला है। न किसी नेता को चिन्ता और न ही सरकार को। क्योकि यहाँ इतना भ्रष्टाचार है, जहाँ भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा गया अपराधी भ्रष्टाचार की सहायता से बरी भी हो जाता है। सरकार द्वारा स्वास्थ्य और उपभोक्ता मंत्रालय खोल सरकारी धन को बर्बाद किया जा रहा है।
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