
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक बार फिर से गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने ऐसा कुछ कहा है जिस पर बवाल मचना तय है, अक्टूबर 25 को बिहार की राजधानी के गांधी मैदान में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली दी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की 'भाजपा हराओ, देश बचाओ' रैली को संबोधित करते हुए मेवाणी ने अपने 9 मिनट के भाषण में 6 बार प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया। जो यह सिद्ध रहा है कि मोदी विरोधी इतने अधिक बौखलाए हुए हैं, जिस कारण इनके सोंचने और मर्यादा सभी कुछ नष्ट हो गया है। फिर राजनीती की समस्त अवधारणाओं को पार करने में लेशमात्र भी संकोच नहीं कर रहे। और इस अभद्र भाषा की शुरुआत, सोनिया गाँधी द्वारा मोदी को "मौत का सौदागर", कहकर की थी। मोदी विरोधियों की अभद्र भाषाशैली ही मोदी की गलतियों पर पर्दा डाल, उन्हें सहानुभूति पात्र बना रही है। अगर सोनिया ने मौत का सौदागर नहीं कहा होता, मोदी का इतना कद नहीं बढ़ता। फिर मोदी विरोधियों द्वारा अभद्र बोलना उनके संस्कार और वातावरण को दर्शा रहे है कि किस गिरे हुए वातावरण मोदी विरोधी रहते हैं। बुजुर्गों की एक कहावत है, "जैसा खाए अन्न, वैसा हो जाए मन", ऐसे लोगों के लिए इतना ही कहना पर्याप्त है। जिग्नेश से अधिक ग्लानि तो जिग्नेश के समर्थकों और ऐसे बुद्धिहीन को वोट देने वालों पर आती है।
मेवाणी ने 9 मिनट के भाषण में 6 बार PM मोदी को दी गाली
जब उन्होंने अपना भाषण शुरू किया तब उन्होंने पीएम मोदी को कप्तान कहकर संबोधित किया था लेकिन इसके बाद वो आक्रामक हो गए और उन्होंने मर्यादा की सीमा पर कर दी। उन्होंने पीएम मोदी को नमक*** कहा, उन्होंने सबसे ज्यादा नमक*******गुजरात की जनता से की है। मेवाणी ने कहा कि वह बिहार समेत देश की 130 करोड़ जनता से माफी मांगते हैं कि गुजरात ने ऐसा मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट वाला पीस दिल्ली भेज दिया है।
क्यों चुप हैं पीएम मोदी?
इन दिनों गुजरात में उत्तर-भारतीयों की पिटाई हो रही है, अपने आप को गंगा पुत्र कहने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला, विरोधियों के खिलाफ, अब तो देश की जनता को समझ लेना चाहिए कि उनकी चिंता किसको है और किसको नहीं।
ये है पीएम मोदी का असल मुद्दा...
रैली को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए भूख, महंगाई, तेल की बढ़ती कीमत, उना में दलित पर अत्याचार और दो करोड़ सालाना रोजगार पैदा करना कोई मुद्दा नहीं है बल्कि उनके लिए असली मुद्दा गाय का है।
बिजली का गुल होना भी उस नमक***
की साजिश जिग्नेश मेवाणी जिस वक्त भाषण दे रहे थे, उस दौरान थोड़ी देर के लिए बिजली गुल हो गई, जिसकी वजह से माइक ने काम करना बंद कर दिया, जिसके कारण मेवाणी को थोड़ी देर के लिए रूकना पड़ा, जिसके लिए भी मेवाणी ने पीएम पर निशाना साधा और कहा कि यूं बिजली का गुल होना भी उस नमक*** की साजिश है।
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