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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। |
इस मिसाइल के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद से अब दुश्मनों की ख़ैर नहीं होगी। तो वहीं इस वार्ता के बाद पीएम मोदी ने रशिया के साथ दोस्ती की मिशाल भी पेश की है। वहीं इस वार्ता के बाद पीएम मोदी ने रूस के साथ आगे भी कई अहम मुद्दों पर करार करने की बात कही है। मोदी कहते हैं कि, वह रशिया के साथ मिलकर सबसे मजबूत न्यूकलर पावर बनेंगे। आगे वह कहते हैं कि, दोनों देशों के बीच केवल तकनीक का लेनदेन नहीं होगा बल्कि हम साथ मिलकर भारत में मिसाइलें बनाएंगे। मेक इन इंडिया के तहत इन मिसाइलों को तैयार किया जायेगा, उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में रूस हमेशा साथ रहा है, हमारा अगला लक्ष्य भारत के मिशन गगनयान को अंतरिक्ष में भेजना है इसमें रूस हमारी पूरी सहायता करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 19वें भारत रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की और अनेक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता के बाद भारत, रूस ने पांच अरब डॉलर के एस-400 वायु रक्षा प्रणाली समझौते पर हस्ताक्षर किए।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त संवाददाता संबोधन में कहा कि भारत- रूस मैत्री अपने आप में अनूठी है। इस विशिष्ट रिश्ते के लिए राष्ट्रपति पुतिन की प्रतिबद्धता से इन संबंधों को और भी ऊर्जा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हमारे बीच प्रगाढ़ मैत्री और सुदृढ़ होगी और हमारी विशेष और विशिष्ट सामरिक गठजोड़ को नई बुलंदियां प्राप्त होंगी। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता ने भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दी है।
वहीं, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि आतंकवाद एवं मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
दूसरी ओर दोनों देशों के बीच हुए समझौते को संबंधों को नई दिशा प्रदान करने वाला करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानव संसाधन विकास से लेकर प्राकृतिक संसाधनों तक, कारोबार से लेकर निवेश तक, नाभिकीय ऊर्जा के शान्तिपूर्ण सहयोग से लेकर सौर ऊर्जा तक, प्रौद्योगिकी से लेकर बाघ संरक्षण तक, सागर से लेकर अंतरिक्ष तक भारत और रूस के सम्बन्धों का और भी विशाल विस्तार होगा।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष, अफगानिस्तान तथा हिंद प्रशांत के घटनाक्रम, जलवायु परिवर्तन, एससीओ, ब्रिक्स जैसे संगठनों एवं जी20 तथा आसियान जैसे संगठनों में सहयोग करने में हमारे दोनों देशों के साझा हित हैं।
मोदी ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अपने लाभप्रद सहयोग को जारी रखने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों ने बदलते विश्व में बहु-ध्रुवीय और बहु-स्तरीय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर एकमत होरे पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष मिशन गगनयान में पूर्ण सहयोग देने का अश्वासन पर रूसी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया।
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