अब भारत में बनेंगी मिसाइलें, रूस की तकनीक से भारत होगा मजबूत--नरेन्द्र मोदी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले पुतिन, भारत-रूस के बीच हुए ये अहम समझौते
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अक्टूबर 4 की शाम को दिल्ली पहुंचे जिसके बाद प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वहीं अब दोनों देशों के बीच खास वार्ता हुई जिसमे कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। तो वहीं इस वार्ता के बाद पीएम मोदी ने रूस के साथ दोस्ती की मिशाल भी पेश की है।
इस मिसाइल के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद से अब दुश्मनों की ख़ैर नहीं होगी। तो वहीं इस वार्ता के बाद पीएम मोदी ने रशिया के साथ दोस्ती की मिशाल भी पेश की है। वहीं इस वार्ता के बाद पीएम मोदी ने रूस के साथ आगे भी कई अहम मुद्दों पर करार करने की बात कही है। मोदी कहते हैं कि, वह रशिया के साथ मिलकर सबसे मजबूत न्यूकलर पावर बनेंगे। आगे वह कहते हैं कि, दोनों देशों के बीच केवल तकनीक का लेनदेन नहीं होगा बल्कि हम साथ मिलकर भारत में मिसाइलें बनाएंगे। मेक इन इंडिया के तहत इन मिसाइलों को तैयार किया जायेगा, उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में रूस हमेशा साथ रहा है, हमारा अगला लक्ष्य भारत के मिशन गगनयान को अंतरिक्ष में भेजना है इसमें रूस हमारी पूरी सहायता करेगा।View image on Twitter


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Our countries are like friends in the field of nuclear energy. Now we don't only buy & sell technology. We can also work together for the production of these products in India. In defense also, we can manufacture here under 'Make In India': PM Modi at India-Russia Business Summit
मोदी-पुतिन की शिखर वार्ता के बाद भारत-रूस के बीच हुए 8 अहम समझौतेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, रेलवे समेत कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग के विषय शामिल हैं। 
प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 19वें भारत रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की और अनेक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता के बाद भारत, रूस ने पांच अरब डॉलर के एस-400 वायु रक्षा प्रणाली समझौते पर हस्ताक्षर किए।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त संवाददाता संबोधन में कहा कि भारत- रूस मैत्री अपने आप में अनूठी है। इस विशिष्ट रिश्ते के लिए राष्ट्रपति पुतिन की प्रतिबद्धता से इन संबंधों को और भी ऊर्जा मिलेगी। 
उन्होंने कहा कि हमारे बीच प्रगाढ़ मैत्री और सुदृढ़ होगी और हमारी विशेष और विशिष्ट सामरिक गठजोड़ को नई बुलंदियां प्राप्त होंगी। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता ने भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दी है। 
वहीं, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि आतंकवाद एवं मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। 
दूसरी ओर दोनों देशों के बीच हुए समझौते को संबंधों को नई दिशा प्रदान करने वाला करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानव संसाधन विकास से लेकर प्राकृतिक संसाधनों तक, कारोबार से लेकर निवेश तक, नाभिकीय ऊर्जा के शान्तिपूर्ण सहयोग से लेकर सौर ऊर्जा तक, प्रौद्योगिकी से लेकर बाघ संरक्षण तक, सागर से लेकर अंतरिक्ष तक भारत और रूस के सम्बन्धों का और भी विशाल विस्तार होगा। 
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष, अफगानिस्तान तथा हिंद प्रशांत के घटनाक्रम, जलवायु परिवर्तन, एससीओ, ब्रिक्स जैसे संगठनों एवं जी20 तथा आसियान जैसे संगठनों में सहयोग करने में हमारे दोनों देशों के साझा हित हैं। 
मोदी ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अपने लाभप्रद सहयोग को जारी रखने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों ने बदलते विश्व में बहु-ध्रुवीय और बहु-स्तरीय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर एकमत होरे पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष मिशन गगनयान में पूर्ण सहयोग देने का अश्वासन पर रूसी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया।

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