हम कोर्ट की नहीं मानेंगे, दिवाली के बाद शुरू करेंगे राम मंदिर निर्माण : शिवसेना

विहिप का दावा- हिंदुओं में फूट डालने की योजना पर काम कर रहीं राष्ट्र विरोधी ताकतेंराम मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना ने अक्टूबर 5 को बड़ा बयान दिया है. शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा 'जब अयोध्‍या में विवादित ढांचा गिराने के लिए कोर्ट से नहीं पूछा तो हम राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट से क्‍यों पूछें.' उन्‍होंने कहा 'राम मंदिर श्रद्धा का मामला है, दिवाली के बाद लाखों शिवसैनिक मिलकर राम मंदिर निर्माण का काम शुरू करेंगे.'
शिवसेना के नेता संजय राउत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर को लेकर सरकार अध्‍यादेश लाए. उन्‍होंने कहा कि राम मंदिर पर सरकार को फैसला लेना ही होगा. उन्‍होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि बीजेपी सत्‍ता में राम मंदिर निर्माण के नाम पर ही वोट मांगकर आई है.
राम मंदिर मुद्दे पर रणनीति बनाने के लिए आज (5 अक्‍टूबर) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की अहम बैठक दिल्‍ली में होगी. यह बैठक एआईएमपीएलबी की लीगल कमेटी की होगी. इस बैठक में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी, सुन्नी पर्सनल लॉ बोर्ड और एआईएमपीएलबी के करीब 20 बड़े वकील भी शामिल होंगे. इसमें सुप्रीम कोर्ट में अयोध्‍या विवाद को लेकर चल रही सुनवाई पर भी अहम रणनीति बनाई जा सकती है.
इसके अलावा राम मंदिर पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ओर से राम मंदिर को लेकर शुक्रवार (5 अक्टूबर) को दिल्ली में संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें दो दर्जन से अधिक प्रमुख संत हिस्सा लेंगे. विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष अलोक कुमार ने बताया कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राम मंदिर का निर्माण होगा. राम मंदिर बनेगा. अब इसका रास्ता क्या होगा, इस पर पांच अक्टूबर को संतों की उच्चाधिकार समिति विचार करेगी.
उन्होंने कहा कि अदालत इस मामले में सुनवाई करके फैसला सुनाएगी, कानून के माध्यम से इस पर आगे बढ़ा जा सकता है. इन मुद्दों पर संतों की समिति विचार करेगी. 
अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने 27 सितंबर को सुनवाई की. इनमें से चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस अशोक भूषण ने संयुक्त फैसला सुनाते हुए कहा कि 'पुराना फैसला उस वक्‍त के तथ्‍यों के मुताबिक था. इस्‍माइल फारूकी का फैसला मस्जिद की जमीन के मामले में था'.
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जस्टिस भूषण ने कहा कि 'फैसले में दो राय, एक मेरी और एक चीफ जस्टिस की, दूसरी जस्टिस नजीर की. मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्‍लाम का अटूट हिस्‍सा नहीं. पूरे मामले को बड़ी बेंच में नहीं भेजा जाएगा'. उन्‍‍‍‍‍‍‍होंने कहा कि 'इस्‍माइल फारूकी के फैसले पर दोबारा विचार की जरूरत नहीं'. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि '29 अक्‍टूबर में राम मंदिर मामले पर सुनवाई शुरू होगी'. लेकिन उससे पहले राममंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने तेवर कड़े कर लिए हैं. इसी के मद्देनजर अक्टूबर 5 को विश्व हिन्दू परिषद् से जुड़े देश के करीब 40 संत दिल्ली में बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे.
VHP के साथ साधु-संत राममंदिर का रास्ता निकालेंगे
अयोध्या से श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई में कई संत दिल्ली आए हैं. वहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तपस्वी छावनी मंदिर के महंत राम परमहंस दास सोमवार से आमरण अनशन कर रहे हैं.
दिल्ली में होने वाली संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य महंत कमलनयन दास, न्यास सदस्य पूर्व सांसद रामविलासदास वेदांती, महंत सुरेश दास, संत समिति अध्यक्ष महंत कन्हैया दास शामिल हैं.
श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मोदी के सत्ता में आने से हिंदू समाज को राममंदिर निर्माण की उम्मीद जागी धी, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है.
देश के प्रमुख साधु-संत बैठक कर अब अपनी भावनाओं से अवगत ही नहीं कराएंगे बल्कि राम मंदिर निर्माण के लिए आगे ठोस कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी और राज्य में योगी सरकार के रहते हुए अब इंतेजार नहीं करना संतों को अखर रहा है. ऐसे में मोदी सरकार को राम मंदिर निर्माण का समाधान का हल जल्द से जल्द निकालना चाहिए.
राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली में साधु संतों की बैठक कर रहा है. वीएचपी में पिछले काफी समय से इस बात पर जोर देता रहा है कि अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बनना चाहिए और जल्दी बनना चाहिए. वीएचपी और संतों की तरफ से बार बार इस बात को लेकर बयान भी आते रहे हैं.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी पिछले दिनों कई बार राम मंदिर को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद बाद से यह मुद्दा और गरमा गया है. बीजेपी सांसद साक्षी महाराज भी कह चुके हैं कि 2019 से पहले भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. उन्होंने कोर्ट से भी अपील की था कि जल्दी से जल्दी इस मामले का निपटारा किया जाए.
वीएचपी और संत की बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर आगे की रणनीति तय करेंगे कि इस मुद्दे को लेकर आगे कैसे बढ़ा जाए.







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