नरेन्द्र मोदी विश्व का सबसे खतरनाक प्रधानमन्त्री : सीआईए

Related imageपेंटागन को सौंपी गयी इस ख़ुफ़िया सुचना का टाइटल ही है की, “अमरीका के बाद भारत दूसरा देश हो सकता है जिसने किसी पर परमाणु बम का उपयोग किया” । आपको पता ही है कि आज कल भारत और पाकिस्तान के बीच उरी अटैक के बाद तनाव है । सीआईए ने अपनी रिपोर्ट में इन सभी पहलुओं पर ग़ौर करके अपनी रिपोर्ट 2017 में दी है। इस रिपोर्ट में सीआईए ने भारत के PM मोदी जी की आक्रमकता और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता के बारे में पेंटागन को सचेत किया है।
सबसे पहली बात जो कही गयी है उसके अनुसार मोदी की पहली पसंद बम है गोली नहीं है । सीआईए ने साफ़ साफ़ कहा है की, मोदी एक बेहद आक्रमक नेता के रूप में उभरे है ऐसी आक्रमकता आज से पहले भारत के किसी PM ने नहीं दिखाई है। सीआईए ने अपनी रिपोर्ट में पेंटागन को ये बताया है की मोदी की पसंद बम है गोली नहीं वो जब भी युद्ध करेंगे तो भीषण करेंगे, और बड़ा फैसला करने वाला युद्ध करेंगे छोटा मोटा युद्ध नहीं करेंगे
सीआईए ने ये भी बताया है कि मोदी ने भारत की वायु सेना को ATTACK मोड पर किया हुआ है और भारत की वायु सेना के 18 एयरबेस एकदम हाई अलर्ट पर है और दिल्ली से बस एक इशारा मिलते ही वे किसी भी देश पर हमला कर देने के लिए एकदम तैयार है।
केवल यही नहीं CIA ने अपनी रिपोर्ट में पेंटागन को ये भी बताया की भारत ने अपने सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों (सुखोई) पर परमाणु युक्त ब्रह्मोस भी load करके अटैक की पोजीशन में तैनात किये हुए है।
इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के अस्तित्व के ख़त्म होने के ख़तरे को चेताते हुए सीआईए ने कहा है की, पाकिस्तान की केवल एक और ग़लत हरकत दुनिया के इतिहास में बड़ा बदलाव ला सकती है क्योंकि ऐसा बिलकुल संभव है की भारत पाकिस्तान के परमाणु हमले का इंतज़ार ना करे बल्कि ख़ुद हाई पहले हमला कर दे ऐसी सूरत में पाकिस्तान का अस्तिव भयंकर ख़तरे में पड़ जाएगा ।
CIA द्वारा पेंटागन को दी गयी इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, भारत की मौजूदा सरकार ज़बरदस्त, तुरंत और एतिहासिक फैसला ले सकती है, सम्भावना ये है की इस बार युद्ध भारत की तरफ से ही शुरू हो जाए और ऐसे हालात है की युद्ध छोटा मोटा और केवल गोली-बारी से नहीं बल्कि बम से हो सकता है और इससे पाकिस्तान का नामोनिशान दुनिया से मिट जाने की पूरी सम्भावना है ।
हो सकता है इस रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार पर पाकिस्तान के साथ नरमी बरतने का दवाब बनाने की कोशिस की जाए जैसा अमेरिका पहले भी दूसरे देशों के साथ करता रहा है लेकिन हम ये कहना चाहते हैं कि इस बार अमेरिका का पाला मोदी जी से पड़ा है तो उसको अपनी किसी भी प्रकार की चालबाज़ियों से पहले मोदी जी के काम करने और जवाब देने के तरीक़ों को समझना चाहिए ।
कुछ समय पूर्व, पेंटागन ने भारत-पाकिस्तान के सन्दर्भ में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि स्पष्ट कहा था कि इन दोनों देशों में युद्ध होने की स्थिति में मोदी पाकिस्तान को परमाणु प्रयोग करने लायक नहीं छोड़ने वाले। पाकिस्तान के परमाणु उसकी रक्षा करने में पूर्णरूप से असमर्थ रहेगा। उसके परमाणु इस्तेमाल करने के पूर्व ही परमाणु प्रयोग कर पाकिस्तान को हथियार डालने के लिए विवश कर सकते हैं। 
पाकिस्तान हाफिज, आईएसआई, या अन्य आतंकवादी संगठनो या फिर भारत में छद्दम देशप्रेमियों की मदद से लाख कश्मीर पर ही भारत सरकार को रोकने का प्रयास कर, अपने आपको मोदी  प्रहारों से बचने की कोशिश कर ले, लेकिन मोदी के प्रहारों से चारों खाने चित होने वाला हैं। 
सीआईए की रपट में वजन इसलिए भी दिखता है कि पहले पाकिस्तान को प्यार से समझाने का प्रयास किया, उसकी समझ में नहीं आने पर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवाद के विरुद्ध अपना रुख स्पष्ट कर दिया। जो प्रधानमन्त्री इतना साहसिक कदम उठाने में सक्षम हो, देश की सुरक्षा में कोई सख्त उठाने से गुरेज नहीं करने वाला।     

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