दिवाली में फोड़ पाएंगे पटाखे लेकिन सिर्फ दो घंटे

Supreme Court says No complete ban on firecrackersइस दिवाली पर पटाखों की बिक्री और बजाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राहत दी है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि कोर्ट ने कहा कि अब सभी धार्मिक त्योहारों पर सिर्फ कम इमिशन और डेसिबल लेवल वाले पटाखे चलाने मंजूरी दी है। दिवाली पर कोर्ट ने कहा कि इस त्योहार पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं।यह आदेश सभी धर्मों के त्यौहारों पर लागू होगा। वहीं, न्यू ईयर और क्रिसमस की रात 11:45 से 12:30 तक पटाखें जलाने की इजाजत होगी।
दिवाली से पहले देशभर में पटाखों पर बैन हो या नहीं; सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आज
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दिल्ली-एनसीआर में दीपावली पर पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी। दरअसल, वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर देशभर में पटाखों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। पीठ ने इस मुद्दे पर याचिकाकर्ता, पटाखा निर्माता केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दलीलों को सुनने के बाद कहा था कि पटाखों से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव और इसके व्यापार के बीच एक संतुलन रखना होगा।
पीठ का कहना था कि जहां पटाखा निर्माताओं को अपने जीविकोपार्जन का मूल अधिकार प्राप्त है वहीं 130 करोड़ लोगों को भी अच्छे स्वास्थ्य का मूल अधिकार प्राप्त है।
सुनवाई के दौरान पटाखा निर्माताओं ने दलील दी थी कि दीपावली के बाद बढ़ने वाले वायु प्रदूषण के लिए सिर्फ पटाखे जिम्मेदार नहीं हैं और सिर्फ इस वजह से पूरे उद्योग को बंद करने का आदेश देना न्यायसंगत नहीं होगा। सुनवाई के दौरान पीठ ने बच्चों में श्वसन संबंधी दिक्कतों के बढ़ने पर चिंता जताते हुए पटाखों पर पूरी तरह से या फिर आंशिक प्रतिबंध लगाने की बात कही थी।
इन पटाखों पर लगाया बैन
जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक बेंच ने ग्रीन नॉर्म्स का पालन नहीं करने वाले पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाने का आदेश जारी किया, जो पूरे साल लागू रहेगा। ये नियम नव वर्ष और शादी-त्योहारों पर भी लागू रहेंगे।
आदेश का अनुपालन नहीं होने पर पुलिस स्टेशन चीफ होंगे जिम्मेदार
कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटीज को पटाखे छुड़ाने के लिए कॉमन कम्युनिटी एरियाज की पहचान करनी होगी। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करना होगा कि लोग जागरूक रहें। कोर्ट ने कहा कि इस आदेश के अनुपालन के लिए पुलिस स्टेशन चीफ (एसओ) व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे। 
बेंच ने यह भी कहा कि आदेश का अनुपालन नहीं होने को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा और इसके लिए उस एरिया के पुलिस चीफ भी जवाबदेह होंगे।
ऑनलाइन बिक्री पर लगाई रोक
कोर्ट ने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने का भी आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अब किसी भी वेबसाइट पर इनकी बिक्री नहीं होगी। अगर ऐसा होता है तो इसे आदेश की अवमानना माना जाएगा। कोर्ट ने पटाखों की लड़ियों की बिक्री पर रोक का आदेश जारी किया। 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के वकील विजय पंजवानी ने इस आदेश को ‘संतुलित’ बताया। हालांकि पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध की वकालत कर रहे वकीलों ने कहा कि व्यावहारिक वजरों से इस आदेश को पूरी तरह से लागू कराना खासा मुश्किल होगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वकील विजय पंजवानी कहा कि कोर्ट का फैसला बहुत ज्यादा कड़ा नहीं है। हम पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सभी राज्यों का प्रदूषण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिपावली से एक हफ्ता पहले और एक हफ्ते बाद प्रटिकुलर मैटर (पीएम) की मात्रा की जांच करेगा।
कोर्ट ने अपने सुझाव में लोगों से सामूहिक रूप से पटाखें जलाने को कहा है। वहीं, कोर्ट के फैसले पर पर्यावरणविद विमलेन्दु झा ने निराशा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता पहले से खराब है और ऐसे में पटाखे जलने की अनुमति देना उचित नहीं है। इससे प्रदूषण में इजाफा होगा और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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