

वहीं 2008 के चुनाव में उइके को 29,443 मतों से जीत मिली। तब भी उनका मुकाबला हीरा सिंह मरकाम से हुआ था। भाजपा तीसरे नंबर पर ही रही थी।
पाली तानाखार से विधायक रहे उइके के बारे में कहा जा रहा है कि वो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं और पहले चरण का चुनाव 12 तथा दूसरे तथा अंतिम चरण का चुनाव 20 नवंबर को होगा।
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव के पहले चरण के लिए उम्मीदवारों के नामों पर सहमति बन गई थी।
Congress Chhattisgarh working president and Pali-Tanakhar MLA, Ramdayal Uike joined BJP in presence of Amit Shah and CM Dr.Raman Singh pic.twitter.com/m2MuwrTraO
— ANI (@ANI) October 13, 2018
छत्तीसगढ़ में बीएसपी अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के साथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में बीएसपी 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो 55 सीटों पर अजीत जोगी की पार्टी चुनावी मैदान में है। अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद मायावती ने कहा था कि अगर उनके गठबंधन को बहुमत हासिल होता है तो अजीत जोगी राज्य के अगले सीएम होंगे।
इस बार के हालात : जनता कांग्रेस और बसपा गठबंधन में हुए सीटों के समझौते में पाली-तानाखार विधानसभा बसपा की झोली में चली गई है। इसके साथ ही अब यहां चतुष्कोणीय मुकाबला होना तय हो गया है। पहले ही गोडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर रही है। ऐसे में भाजपा के साथ बसपा के प्रत्याशी इस बार पूरे दमखम से मैदान में उतरेंगे। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,10,896 मतदाता हैं। जातीय समीकरण के लिहाज से यहां का मतदाता, गोंड़ और कंवर आदिवासी दो समूह में बंटा है।
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बहू ऋचा जोगी को जकांछ ने राजनांदगांव का प्रभारी नियुक्त किया है। दिन रात ससुर के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटी हैं। |
रमन के खिलाफ अजीत जोगी की जमीन तैयार कर रही बहू ऋचा
वहीँ प्रदेश की सर्वाधिक हाईप्रोफाइल विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव से जकांछ प्रमुख अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विरुद्ध दावेदारी कर वहां के चुनाव को और रोचक कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए राजनांदगांव में जमीन तैयार करने की जिम्मेदारी उनकी बहू ऋचा जोगी को सौंपी गई है।
ऋचा जोगी को जकांछ ने राजनांदगांव का प्रभारी नियुक्त किया है। बहू दिन रात ससुर के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटी हैं। हालांकि जोगी की अनुपस्थिति में राजनीति की नौसिखिया मानी जा रही ऋचा कितना माहौल खड़ा पाएंगी इसे लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
जोगी ने राजनांदगांव से ताल तो ठोंक दी है लेकिन वहां समय नहीं दे पा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व जकांछ मुखिया अजीत जोगी ने यह घोषणा की है कि रमन सिंह जहां से चुनाव लड़ेंगे वे भी वहीं से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
रमन सिंह राजनांदगांव से विधायक हैं, इसलिए जोगी ने वहीं से अपनी दावेदारी की है। राजनांदगांव प्रभारी ऋचा इन दिनों रमन सिंह के क्षेत्र में अपने ससुर अजीत जोगी की राजनीतिक जमीन तैयार कर रही हैं।
ऋचा ने वहां आम कार्यकर्ता की तरह महिला संगठनों व कार्यकर्ताओं के बीच पार्टी को मजबूत कर रही हैं। इन दिनों डोर-टू-डोर कंपेनिंग का कार्यक्रम ऋचा की अगुवाई में वहां चल रहा है। अजीत जोगी ने वहां से उम्मीदवारी तो कर दी है पर अभी तक वहां अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है।
अजीत जोगी पार्टी की कमान पूरे प्रदेश में संभाले हुए हैं, इसलिए उनके क्षेत्र की कमान उनकी बहू के पास है। रमन सिंह के विरुद्ध ऋचा अपने दल को कितनी प्रमुखता से वहां स्थापित कर पाती हैं यह तो वक्त बताएगा परंतु ऋचा जोगी इन दिनों राजनांदगांव में लगातार प्रवास कर लोगों के बीच पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।
हालांकि रमन सिंह का विधानसभा क्षेत्र होने के नाते ऋचा का प्रयास बहुत परवान नहीं चढ़ रहा है। अजीत जोगी की अनुपस्थिति भी असर डाल रही है। देखना कम रोचक न होगा कि इस हाई प्रोफाइल सीट पर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी व वर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह के बीच मुकाबला कैसा होगा।
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