
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आज बदलते परिवेश में देश कांग्रेस से पूछना चाहता है कि "हिन्दू मुसलमान की सियासत से कब बाहर आएगी?" कभी हिन्दू को "आतंकवादी", "साम्प्रदायिक"आदि आदि न जाने कितने उपनामो से कलंकित करने वाली पार्टी में हिन्दू किस लालच में बैठे हैं? कांग्रेसी हिन्दू जवाब दें "वो अच्छे हिन्दू हैं या बुरे हिन्दू?" अयोध्या में राममन्दिर का विरोध करने वाले वकील इन्ही की पार्टी से हैं। खुदाई में मिले मन्दिर के सबूतों को कोर्ट से छुपाने वाले ये ही कांग्रेसी और वामपंथी हैं। शाहबानो पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को संसद के माध्यम से बदल सकते हैं, लेकिन सती प्रथा की सच्चाई या यूँ कहे महत्व को समझे बिना प्रतिबन्धित कर दिया जाता है, क्यों? आखिर कब तक हिन्दुओं का अनादर किया जाता रहेगा? कब तक हिन्दुओं पर कुठाराघात होता रहेगा? आखिर कब हिन्दू जागेगा? आखिर कब तक हिन्दू इन छद्दम हिन्दू नेताओं के चुंगल से बाहर आएगा? कल तक मंदिर जाने वालों को "उपनामों" से पुकारा जाता था, आज मंदिर जाने का क्यों पाखंड किया जा रहा है? हिन्दुओं से किस आधार पर वोट माँगा जाता है? हिन्दुओं को आखिर कब तक पागल समझा जाएगा?

अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के एक बयान पर विवाद हो गया है। आजाद ने अक्टूबर 17 को कहा कि कांग्रेस के 'हिन्दू' उम्मीदवार उन्हें चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाते। कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव प्रचार के लिए बुलाने से लोग 'डरते' हैं। उन्होंने कहा कि पहले चुनाव प्रचार के लिए उनकी काफी मांग रहती थी लेकिन पिछले चार सालों में इस मांग में भारी कमी आई है। आजाद के इस बयान पर भाजपा ने आलोचना की है और कहा है कि आजाद का यह बयान हिन्दुओं का 'अपमान' करने का प्रयास है।
लखनऊ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 201वीं जयंती के मौके पर यहां के पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा, 'युवा कांग्रेस के दिनों से ही मैं अंडमान से लेकर लक्षद्वीप तक चुनाव प्रचार करता आया हूं और चुनाव-प्रचार के लिए मुझे बुलाने वाले 95 प्रतिशत हिन्दू होते थे। मुझे चुनाव प्रचार के लिए बुलाने वाले मुस्लिम नेताओं एवं भाइयों की संख्या महज पांच प्रतिशत हुआ करती थी।'
अवलोकन करें:--
आजाद के इस बयान की भाजपा ने आलोचना की है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'आजाद ने अपने बयानों से हिन्दुओं को नीचा दिखाने की कोशिश है।' पात्रा ने कहा कि आजाद के इस बयान से कांग्रेस के 'छद्म धर्मनिरपेक्षता' का चेहरा उजागर हुआ है। कांग्रेस पार्टी अपने बयानों से हिन्दुओं को कमजोर आंकने और उनका मनोबल तोड़ने का काम कर रही है। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता 'भगवा आतंकवाद, हिन्दू तालिबान औऱ अच्छा हिन्दू' जैसी भाषा बोलते आए हैं।
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