भारत में सबसे ज्यादा मौतों का जिम्मेदार हैं गली-गली बिकता ये तेल

आज हम आपको तेल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके तले समोसे और कई तरह के खाद्य पदार्थ खाते हैं। यह तेल एक धीमा जहर है और व्यक्ति को धीरे-धीरे मौत के घात उतार देता है। दोस्तों हम बात कर रहे हैं रिफाईनड तेल के बारे में।
केरल आयुर्वेदिक युनिवर्सिटी आंफ रिसर्च केन्द्र के अनुसार, हर वर्ष 20 लाख लोगों के दुनिया छोड़ने का कारण बन गया है रिफाईनड तेल। रिफाईनड तेल से डीएनए डैमेज, आरएनए नष्ट, हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉकेज, ब्रेन डैमेज, लकवा शुगर,बीपी, नपुंसकता, कैंसर, हड्डियों का कमजोर हो जाना, जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, किडनी डैमेज, लिवर खराब, कोलेस्ट्रोल, आंखों रोशनी कम होना, प्रदर रोग, बांझपन, पाईलस, स्केन त्वचा रोग आदि होते हैं।
2013 में लिखा गया मेरा स्तम्भ 
बीजों का छिलके सहित तेल निकाला जाता है, इस विधि में जो भी अशुद्धियों तेल में आती है, उन्हें साफ करके वह तेल को स्वाद गंध व कलर रहित करने के लिए रिफाइंड किया जाता है । वाशिंग- वाशिंग करने के लिए पानी, नमक, कास्टिक सोडा, गंधक, पोटेशियम, तेजाब व अन्य खतरनाक एसिड इस्तेमाल किए जाते हैं, ताकि अशुद्धियों इस से बाहर हो जाएं। इस प्रक्रिया मैं तारकोल की तरह गाडा वेस्टेज निकलता है जो कि टायर बनाने में काम आता है। यह तेल ऐसिड के कारण जहर बन गया है।
न्यूट्रलाइजेशन-तेल के साथ कास्टिक या साबुन को मिक्स करके 180°F पर गर्म किया जाता है। जिससे इस तेल के सभी पोस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं। ब्लीचिंग -इस विधी में पी.ओ. ब्लीचिंग /पी. ओ. पी. यह मकान बनाने मे काम ली जाती है/का उपयोग करके तेल का कलर और मिलाये गये कैमिकल को 130 °F पर गर्म करके साफ किया जाता है।
अवलोकन करें:--
केवल यही नहीं, ऐसी अनेको वस्तुएं एवं पदार्थ हैं, जो विदेशों में प्रतिबंधित हैं, लेकिन भारत में खूब बिक रहे हैं। भारत में substitute दवा बिक सकती है, परन्तु विदेशों में नहीं। जो आटा, चाहे किसी भी कम्पनी का हो, जो भारत में बिकता है, वही आटा अगर किसी अन्य देश में भेजा जाए, सारा माल भारत वापस आ जायेगा और पेनेल्टी अलग से। उत्पादकों ने कीमत तो बढ़ा दी है, लेकिन शुद्धता नहीं। यानि लूट-खसोट का बोलबाला है। न किसी नेता को चिन्ता और न ही सरकार को। क्योकि यहाँ इतना भ्रष्टाचार है, जहाँ भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा गया अपराधी भ्रष्टाचार की सहायता से बरी भी हो जाता है। सरकार द्वारा स्वास्थ्य और उपभोक्ता मंत्रालय खोल सरकारी धन को बर्बाद किया जा रहा है।



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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार न्यूज चैनलों एवं पत्र-पत्रिकाओं में सरकार द्वारा जनहित में ग्राहकों को जाग्रत करने व...
हाइड्रोजनीकरण- एक टैंक में तेल के साथ निकोल और हाइड्रोजन को मिक्स करके हिलाया जाता है। इन सारी प्रक्रियाओं में तेल को 7-8 बार गर्म व ठंडा किया जाता है, जिससे तेल में पांलीमर्स बन जाते हैं, उससे पाचन प्रणाली को खतरा होता है और भोजन न पचने से सारी बिमारियां होती हैं। निकेल एक प्रकार का उत्प्रेरक धातु (लोहा) होता है जो हमारे शरीर के श्वसन प्रणाली, लिवर, त्वचा, चयापचय, डीएनए, आरएनए को भंयकर नुकसान पहुंचाता है। रिफाईनड तेल के सभी तत्व नष्ट हो जाते हैं और ऐसिड (कैमिकल) मिल जाने से यह भीतरी अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
दूसरे, सार्वजनिक मूत्रालय से सटे रेहड़ी पर बिकता भोजन, पान, बीड़ी, सिगरेट और अन्य फल और सब्ज़ी आदि पर किसी अधिकारी अथवा नेता का ध्यान नहीं। किस कदर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, किसी को चिन्ता नहीं।  

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