आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आखिर 10 वर्षों के इंतजार के बाद मंगलवार(अक्टूबर 16) को 1.6 किलोमीटर के दायरे में निर्मित रानी झांसी फ्लाइओवर (ग्रेड सेपरेटर) दिल्लीवासियों को समर्पित कर दिया गया। हालांकि उद्घाटन के बाद फ्लाईओवर पर व्यवस्था चरमरा गई और लोगों को राहत मिलने की बजाय जाम का सामना करना पड़ा।
झंडेवालान से बर्फखाना चौक तक सुबह 10 बजे से 1.15 बजे वाहन रेंगते रहे। आलम यह था कि फ्लाइओवर के खुलने के बाद जाम की स्थिति को देखते हुए बर्फखाना चौक के पास नियमित अंतराल पर वाहनों को फ्लाइओवर के लिए जाने दिया जा रहा था। बर्फखाना के पास वाहन तो दूर पैदल निकलने के लिए भी लोगों को जगह तलाशनी पड़ रही थी। दरअसल उद्घाटन के कारण वाहनों के आवागमन पर रोक के कारण इलाके में जाम की स्थिति बन गई। पुलिस ने वाहनों को रुक-रुक कर ही फ्लाईओवर पर जाने की इजाजत दी जिसके चलते बर्फखाना से आगे व आसपास के पूरे इलाके में दोपहर तक जाम का सामना करना पड़ा।
इससे पहले उद्घाटन के मौके पर उप राज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि 1.6 किलोमीटर के फ्लाइओवर की शुरुआत से रोजाना पांच लाख लोगों को राहत मिलेगी। इस परियोजना में रेलवे, जल बोर्ड, यातायात पुलिस और एमसीडी सहित अन्य विभागों का पूरा सहयोग रहा। उद्घाटन के बाद सबसे पहले उपराज्यपाल की गाड़ी फ्लाइओवर से होकर गुजरी। केन्द्रीय विज्ञान एवं तकनीक व भू विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जनता को फ्लाइओवर समर्पित करते हुए कहा कि, 2008 में परियोजना की आधारशिला रखी गई थी, जो अब पूरी हुई है। केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि इसकी शुरुआत से दिल्ली की बड़ी आबादी को आने-जाने में सुविधा होगी। जिस रास्ते को तय करने में एक घंटा लगता था अब उसे पांच मिनट से भी कम वक्त में तय किया जा सकेगा।
400 कारों की पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं भी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के निगमायुक्त मधुप व्यास ने बताया कि फिल्मिस्तान से सेंट स्टीफन अस्पताल तक 1.6 किलोमीटर के दायरे में इस ग्रेड सेपरेटर पर बर्फखाना और डीसीएम चौक पर रैंप भी बनाए गए हैं। 15000 वर्ग मीटर में हरित क्षेत्र के अलावा लेागों की सुविधा के लिए 400 कारों की पार्किंग के अलावा पांच आधुनिक शौचालयों का भी निर्माण किया गया है।
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