कांग्रेस के 'हाथ' में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ नहीं

chhatisgarh assembly polls 2018छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। 12 और 20 नवंबर दो चरणों में 90 सीटों के लिए मतदान होगा। 11 दिसंबर को नतीजे तय कर देंगे कि राज्य की कमान किसके हाथ में होगी। इससे पहले WarRoom Strategies-Times Now के सर्वे में जो नतीजे सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक लोगों का डॉ रमन सिंह में भरोसा बरकरार है।
सर्वे के मुताबिक बीजेपी के खाते में 47 सीटें नजर जाती नजर आ रही है और एक बार फिर कांग्रेस सत्ता हासिल करने में दूर है। ऐसे में सवाल है कि क्या कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन न होने की वजह से कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।  इस संबंध में आम लोगों ने अपनी राय रखी है।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ चार माह रह गए हैं। सरकार ने पिछले पांच साल में क्या किया? विपक्ष का प्रदर्शन ....

सर्वे के मुताबिक 60 फीसद जनता का मानना है कि अगर कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन होता तो आने वाली सरकार की शक्ल कुछ और होती । लेकिन बीएसपी और अजीत जोगी के बीच गठबंधन की वजह से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोगों का ये मानना है कि बीएसपी, अजीत जोगी के साथ गठबंधन कर अपने आधार को बढ़ाने में जुटी हुई है। इसके साथ ही अजीत जोगी किसी तरह राज्य में अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखना चाहते हैं।chhatisgarh assembly polls 2018View image on Twitter
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Bahujan Samaj Party(BSP) has decided to contest upcoming assembly polls in alliance with Janta Congress Chhattisgarh. BSP will fight on 35 seats&Janta Congress Chhattisgarh will contest on 55 seats.If we win, Ajit Jogi will be the CM: BSP Chief Mayawati on elections
कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने के पीछे मायावती ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार किया था। लेकिन उन लोगों की तरफ से किसी तरह के संकेत नहीं मिले। ऐसे हालात में उनके पास अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। बीजेपी को हराने के लिए ऐसा करना राज्य के हित में होता। बता दें कि बीएसपी 35 सीटों पर किस्मत आजमाएगी जबकि अजीत योगी की पार्टी 55 सीटों पर चुनावी घमासान में हिस्सा लेगी। मध्यप्रदेश की 230 सीटों के लिए 28 नवंबर को मतदान होगा। ये बात अलग है कि अभी बीएसपी को (22 उम्मीदवारों को) छोड़कर किसी भी बड़ी पार्टी ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है। अंतिम तौर पर मध्यप्रदेश के नतीजे 11 दिसंबर को सबके सामने होंगे। लेकिन इस बात में सबकी दिलचस्पी है कि सर्वे में कौन सरकार बना रहा है और किसके हाथ में नाकामी मिलेगी। 
मध्य प्रदेश में भी "कमल" पर भरोसा 
टाइम्स नाउ ने मध्यप्रदेश के लोगों के मूड को जानने की कोशिश की है। सर्व में जो नतीजे सामने आए हैं उसके मुताबिक बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाती नजर रही है।सर्वे के रिजल्ट से साफ है कि 2013 की तुलना में बीजेपी की सीटों में गिरावट दर्ज की जा रही है। 2013 में बीजेपी जहां 165 सीटों को फतह करने में कामयाब हुई थी वहीं इस दफा बीजेपी के खाते में 142 सीटें मिलती नजर आ रही है। यानि कि 23 सीट का नुकसान हो रहा है। लेकिन 115 के जादुई आंकड़ों से बीजेपी बहुत आगे हैं। अगर वोट प्रतिशत के तौर पर देखें तो बीजेपी में 44 फीसद लोग भरोसा दिखा रहे हैं जोकि 2013 की तुलना में .87 फीसद कम है।
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मध्यप्रदेश में लोगों के दिल में उतरने के लिए कांग्रेस ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं। मसलन कमलनाथ को जहां मध्यप्रदेश का अध्यक्ष बनाया है वहीं प्रचार समिति की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों में है। लेकिर सर्वे के परिणाम से साफ है कि शिवराज सिंह चौहान से कांग्रेस सत्ता छिनने में नाकाम नजर आ रही है। ये बात अलग है कि 2013 की तुलना में कांग्रेस की सीटों में इजाफा हो रहा है। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 77 सीट मिलती नजर आ रही है जो कि 2013 में ये आंकड़ा 57 सीट था। इसका अर्थ ये है कि 20 सीटों का इजाफा हो रहा है जो जादुई आंकड़े से बहुत पीछे है।
वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें तो बीजेपी के वोट शेयर में 2013 की तुलना में मामूली गिरावट नजर आ रही है। बीजेपी को 44 फीसद वो मिलता हुआ नजर आ रहा है। जबकि कांग्रेस  के वोट प्रतिशत में 2013 की तुलना में 1.37 फीसद की गिरावट है। 2018 में कांग्रेस में 35 फीसद लोग भरोसा कर रहे हैं। जबकि अन्य के बारे में 21 फीसद लोग मानते हैं कि वो बेहतर कर सकते हैं।  

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