धीरेंद्र ब्रह्मचारी : इन्दिरा गाँधी का निकटस्थ विवादित योग गुरु

धीरेंद्र ब्रह्मचारी की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से थी खास नजदीकी थी। कहां जाता है कि बेटे संजय गांधी के बाद वह सबसे ज्या दा भरोसा धीरेंद्र ब्रह्मचारी पर ही करती थीं।
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
अक्‍सर आप बाबा रामदेव या श्रीश्री रविशंकर जैसे आध्‍यात्मिक गुरुओं के दवाओं से लेकर एफएमसीजी कारोबार के बारे में सुनते होंगे। आपको एक ऐसे बाबा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दवाओं नहीं बल्कि बंदूकों का सौदागर था। दुनिया उसे योग गुरु के तौर पर जानती थी, लेकिन वह उससे भी बड़ा डिफेंस डीलर था। इस बाबा की पहुंच सीधे पीएम के घर तक थी और उसकी लग्‍जरी लाइफ स्‍टाइल उस दौर के सेलिब्रिटीज को भी मात देती थी। बात  हैं 70 और 80 के दशक सबसे विवादित और मशहूर योग गुरू धीरेंद्र ब्रह्मचारी की... 
धीरेंद्र ब्रहृमचारी की लाइफ स्टाइल किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं थी।  70-80 के दशक में देश में जब मुट्ठीभर लोग प्लेन में सफर करने की हैसियत रखते थे, उस दौर में वह प्राइवेट जेट रखा करते थे।जितने बड़े योग गुरु उतने ही विवादित 
-    धीरेंद्र ब्रह्मचारी को देश के अब तक के सबसे बड़े योग गुरुओं में से एक माना जाता है।
 -    भारत में योग को बढ़ाने में उनकी अहम भूमिका भी रही।
-    इसके चलते वह अपने दौर में काफी चार्चित भी रहे।
-    राजनीतिक गलियारों में उस दौर के कांग्रेस नेताओं से उनकी खास नजदीकी भी रही।
-    हालांकि वह उतने ही विवादित भी रहे। उन पर जमीन हड़पने से लेकर अवैध हथियार रखने जैसे कई आपराधिक आरोप भी लगे थे।
इंदिरा गांधी से थी खास नजदीकी 
-    धीरेंद्र ब्रह्मचारी 1970 और 80 के दशक में मीडिया में काफी सुर्खियों में रहे।
-    उन्‍हें देश की तत्‍कालीन पीएम इंदिरा गांधी का खास राजदार भी कहा जाता था।
-    यही नहीं इमरजेंसी के दौर में वह और भी पॉपुलर हो गए थे।
-    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदिरा गांधी के लगभग सभी बड़े फैसलों में उनकी बड़ी भूमिका रही।
-    यहां तक कहा गया कि इंदिरा गांधी अपने छोटे बेटे संजय गांधी के बाद सबसे ज्‍यादा भरोसा धीरेंद्र ब्रह्मचारी पर ही किया करती थीं।
सेलिब्रिटीज से भी लग्‍जरी लाइफ स्‍टाइल 
-    योगगुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी की लाइफ स्‍टाइल उस दौर में बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज को भी मात देती थी।
-    जिस वक्‍त देश में गिनती के लोग हवाई सफर करते उस दौर में धीरेंद्र ब्रह्मचारी के पास अपना लग्‍जरी जेट था। 
-    इसके चलते उस दौर का मीडिया उन्‍हें फ्लाइंग योगी भी कहा करता था।
-    धीरेंद्र ब्रह्मचारी के जम्‍मू स्थित अपर्णा आश्रम को 2000 के दौर में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीज कर दिया गया था।
 -    इस आश्रम के पास ही उनके विमान के उतरने के लिए एक निजी हवाई पट्टी थी। 
उनके पुराने जेट का मलबा आज भी गुडगांव में पड़ा हुआ है, इसे लेकर उनके परिवार और एक शिष्य  के बीच विवाद चल रहा है।गुडगांव के हैंगर में आज भी पड़ा है फ्लाइंग योगी का जेट
-   कहते हैं कि धीरेंद्र ब्रह्मचारी का लग्‍जरी लेट आज भी गुड़गांव स्थित उनके आश्रम के हैंगर में पड़ा है।
-    हालांकि यह बुरी तरह टूटा फूटा है।  
-    इसे लेकर उनके परिवार और पूर्व शिष्‍य कश्‍मीर सिंह पठानिया के बीच मुकदमा चल रहा है।
 -    यह एयरक्राफ्ट हैंगर गुडगांव के सेक्‍टर 32 के एक प्‍लाट में मौजूद है।
बंदूकों के सौदागर धीरेंद्र ब्रह्मचारी  
 -    धीरेंद्र ब्रह्मचारी जम्‍मू के गांधी नगर इंडस्ट्रियल एस्‍टेट में शिव गन नाम से फैक्‍ट्री भी चलाते थे। 
-    रामचंद्र गुहा की किताब इंडिया ऑफ्टर नेहरू के मुताबिक, ब्रह्मचारी जितने बड़े योग गुरू थे उतने ही बड़े बिजनेसमैन थे।
-    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मचारी की गन फैक्‍ट्री ने 1981, 82 में 3-3 हजार बंदूकों का प्रोडक्‍शन किया। 
-    इस दौरान कंपनी का टर्नओवर  सालाना करीब 37 लाख रुपए रहा।
 -    शिव गैन फैक्‍ट्री 800 में सिंगल बैरल और 1,500 सौ रुपए में डबल बैरल बंदूकें सेल करती थी। सबसे बड़े आर्म डीलर भी   
-    योगगुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी उस दौर के सबसे बड़े आर्म डीलर भी माने जाते थे।
-    रामचंद गुहा के मुताबिक, उस दौर के लगभग सभी बड़े रक्षा सौदों में उनकी भूमिका अहम होती थी। 
 -    उस दौर में स्वीडन की कई कंपनियों से उनके काफी बेहतर संबंध भी थे। 
-    उसके फैक्‍ट्री में एक बार सौ से भी ज्‍यादा अवैध स्वीडिश बंदूकें भी बरामद  हुई थीं, जिसे लेकर ब्रह्मचारी की काफी किरकिरी भी हुई।
विदेशी बंदूकें रखने के आरोप में घिरे ब्रह्मचारी 
 -    1990 के दौर में धीरेंद्र ब्रह्मचारी के ऊपर अपनी गन फैक्‍ट्री में अवैध विदेशी हथियार रखने के आरोप लगे।
 -    शुरू में इन्‍हें बंदूकों का कम्‍पोनेंट बताया गया, लेकिन पुलिस का दावा था कि कम्‍पोनेंट की बजाय ये सभी विदेशी हथियार थे।
 -    पुलिस ने ब्रह्मचारी समेत उनके कई करीबियों पर मुकदमा दर्ज कर दिया।
-    बाद में उन्‍हें शर्तों के साथ अदालत से जमानत पर रिहा किया गया। हालांकि ब्रह्मचारी इसे खुद को बदनाम करने की साजिश करार देते रहे।
रोचक है ब्रह्मचारी की मौत का किस्‍सा 
-    धीरेंद्र ब्रह्मचारी की मौत का किस्‍सा भी काफी रोचक है।
 -    उन्‍होंने अपनी मौत की भविष्‍यवाणी पहले ही कर दी थी।
-    कहा जाता है कि ब्रह्मचारी की 1994 में ठीक उसी दिन प्‍लेन हादसे में मौत हुई, जिस दिन की उन्‍होंने भविष्‍यवाणी की थी। 
आज भी उनसे जुड़े हैं कई राज 
-    धीरेंद्र ब्रह्मचारी की लाइफ से जुड़े कई अन्‍य राज आज तक अनसुलझे हैं।
 -    कहा जाता है कि उनका जन्‍म बिहार में हुआ था, लेकिन यह सिर्फ अटकल ही है।
-    धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने कभी भी इसका खुलासा नहीं किया। 
-    मीडिया अक्‍सर उम्र और परिवार के बारे में भी उनसे सवाल करता था।
-    वह इसका जवाब कभी नहीं देते थे, बस इतना ही कहते थे कि योगी कभी अपनी उम्र नहीं बताते। 
-    उनका दावा था कि वह 14 वर्ष की उम्र में योगी बन गए।

खुशवंत सिंह ने बताया था बंद कमरों के पीछे का सच 

पत्रकार खुशवंत सिंह जिन्हें एक समय में नेहरु परिवार के बेहद करीब माना जाता था उन्होंने धीरेन्द्र ब्रह्मचारी का ज़िक्र करते हुए बताया था कि, धीरेन्द्र एक हट्टे-कट्टे, खूबसूरत बिहारी थे जो हर सुबह घंटों तक इंदिरा गाँधी के साथ उनके कमरे में रहा करते थे.
अवलोकन करें:--
इस खण्‍ड में लिखा गया है कि इंदिरा ‘बिस्‍तर में बेहद अच्‍छी थीं’ औरं सेक्‍स में ‘वह फ्रेंच महिलाओं और केरल नायर महिलाओं का मिश्रण थीं।’ किताब में यह भी दावा किया गया है कि वह लेखक (मथाई) से गर्भवती हो गई थीं और गर्भपात कराना पड़ा। कई अपुष्‍ट ऑनलाइन वर्जन में इंदिरा के हवाले से कहा गया कि इंदिरा गाँधी ने एक बार कहा था कि वो किसी हिन्दू के साथ अफेयर तो कर सकती है, लेकिन किसी हिन्दू के साथ शादी नहीं कर सकती।’

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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार जब हम पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की बात करते हैं, तो कई कांग्रेसी कहते हैं कि वह ....

खुशवंत सिंह ने बेझिझक इस बात का भी ज़िक्र किया कि इसमें कोई अचरज की बात नहीं होगी अगर पता चले कि इंदिरा और धीरेन्द्र के ये योग का समय कामसूत्र के पल में तब्दील होने की बात पता चले.
हाँ लेकिन बाद में ये बात भी सामने आई थी कि योगी धीरेन्द्र को इंदिरा गाँधी को योगा सीखाने की छूट किसी और ने नहीं बल्कि उनके पिता पंडित जवाहर लाल नेहरु ने ही दी थीं.

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