आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक तरफ भारत में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को "मौत का सौदागर", "खून का दलाल", "मुस्लिम विरोधी" आदि आदि और न जाने कितने नामों से नवाजा जा रहा तो विश्व उसी मोदी को पुरस्कारों से अलंकृत कर भारत माता के मुकुट में चार चाँद लगा रहा है। जो इस बात को दर्शाता है, इस मोदी ने विश्व में भारत का कितना गौरव बढ़ाया है। इससे पूर्व 3 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ' के पुरस्कार से नवाज़ा जा चूका है। इतने अल्प समय में विश्व पुरस्कारों से अलंकृत होने वाले भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी है। जो भारत में इनके विरोधियों पर जबरदस्त प्रहार है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2018 के सोल शांति पुरस्कार से नवाजा जाएगा। भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के विकास में योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस साल का सोल पीस प्राइज दिया जाएगा। सोल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन ने अक्टूबर 24 को यह घोषणा की।
पीएम मोदी को यह सम्मान भारत और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के विकास, के जरिए अमीर और गरीब के बीच सामाजिक और आर्थिक असमानता कम करने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार लाने, भ्रष्टाचार विरोधी और सामाजिक एकीकरण के जरिए लोकतंत्र के विकास करने के लिए दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अवॉर्ड, पट्टिका के साथ 2 लाख डॉलर यानी करीब 1.46 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। चयन समिति के अध्यक्ष ने कहा कि 12 सदस्यीय कमिटी ने दुनियाभर के 100 से ज्यादा कैंडिडेट्स में से भारत के प्रधानमंत्री को चुना।
शांति पुरस्कार से जुड़ी चयन समिति के अध्यक्ष चो चुंग हो के मुताबिक, सोल शांति पुरस्कार के लिए दुनिया भर के तकरीबन 100 लोगों के बीच टक्कर थी, जिनमें पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, राजनेता, कारोबारी, धार्मिक नेता, शोधार्थी, पत्रकार, कलाकार, एथलीट्स और अंतर्राष्ट्रीय संगठन तक शामिल थे। कमिटी ने मोदी को 'उपर्युक्त कैंडिडेट' माना है। वह सोल पीस प्राइज पाने वाले 14वें विजेता होंगे।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि दुनिया ने माना है। उन्होंने बताया कि वैश्विक शांति, मानव विकास में सुधार और भारत में लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में उनके योगदान के लिए पीएम को सोल पीस प्राइज दिया जाएगा।
दक्षिण कोरिया का यह पुरस्कार पाने वालों में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान और बान की-मून भी शामिल हैं। फाउंडेशन ने अमीरों और गरीबों के बीच सामाजिक और आर्थिक खाई को कम करने के लिए 'मोदीनॉमिक्स' की प्रशंसा की है।
एक तरफ भारत में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को "मौत का सौदागर", "खून का दलाल", "मुस्लिम विरोधी" आदि आदि और न जाने कितने नामों से नवाजा जा रहा तो विश्व उसी मोदी को पुरस्कारों से अलंकृत कर भारत माता के मुकुट में चार चाँद लगा रहा है। जो इस बात को दर्शाता है, इस मोदी ने विश्व में भारत का कितना गौरव बढ़ाया है। इससे पूर्व 3 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ' के पुरस्कार से नवाज़ा जा चूका है। इतने अल्प समय में विश्व पुरस्कारों से अलंकृत होने वाले भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी है। जो भारत में इनके विरोधियों पर जबरदस्त प्रहार है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2018 के सोल शांति पुरस्कार से नवाजा जाएगा। भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के विकास में योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस साल का सोल पीस प्राइज दिया जाएगा। सोल पीस प्राइज कल्चरल फाउंडेशन ने अक्टूबर 24 को यह घोषणा की।
पीएम मोदी को यह सम्मान भारत और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के विकास, के जरिए अमीर और गरीब के बीच सामाजिक और आर्थिक असमानता कम करने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार लाने, भ्रष्टाचार विरोधी और सामाजिक एकीकरण के जरिए लोकतंत्र के विकास करने के लिए दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अवॉर्ड, पट्टिका के साथ 2 लाख डॉलर यानी करीब 1.46 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। चयन समिति के अध्यक्ष ने कहा कि 12 सदस्यीय कमिटी ने दुनियाभर के 100 से ज्यादा कैंडिडेट्स में से भारत के प्रधानमंत्री को चुना।
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दक्षिण कोरिया का यह पुरस्कार पाने वालों में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान और बान की-मून भी शामिल हैं। फाउंडेशन ने अमीरों और गरीबों के बीच सामाजिक और आर्थिक खाई को कम करने के लिए 'मोदीनॉमिक्स' की प्रशंसा की है।
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