फूल्का ने कहा, पंजाब में पहले भी सरकारें ही हमले कराती रही हैं. उन्होंने साफ साफ अमृतसर हमलों के पीछे सेना को ही दोषी बता दिया. उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले सेनाध्यक्ष ने पंजाब में अशांति और हमले की बात कही थी. हो सकता है कि उन्होंने अपनी ही बात सही साबित करने के लिए ये हमला कराया हो. उनके इस बयान के बाद विवाद भी शुरू हो गया है. बीजेपी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. कांग्रेस के नेता राशिद अल्वी ने कहा, वह ये भी बताएं किस सरकार ने कराया हमला. राशिद अल्वी ने कहा, फुल्का का ये बयान गैर जिम्मेदाराना है.
पिछले साल हुए चुनावों में पंजाब में आम आदमी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. इसके बाद एचएस फुल्का को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था. लेकिन बाद में उन्होंने ये पद छोड़ दिया था. हाल में सेनाध्यक्ष ने पंजाब में पाकिस्तान के बढ़ते दखल और आईएसआई के प्रभाव को लेकर चेतावनी दी थी.
अमृतसर में धार्मिक सभा में एक ग्रेनेड फेंका गया. तीन लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गये जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है.’ एक खुफिया सूचना में दावा किया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के छह से सात आतंकवादियों का एक समूह राज्य में, खासतौर से फिरोजपुर में मौजूद है। इस सूचना के बाद से पंजाब अलर्ट पर है.
सरकार और पुलिस मान रही है आतंकी वारदात
पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने ‘इसमें (इस घटना में) आतंक का एक पहलू दिख रहा है क्योंकि यह एक समूह (लोगों) के खिलाफ है, न कि किसी एक व्यक्ति के। लोगों के समूह पर ग्रेनेड फेंकने का कोई कारण नहीं है, इसलिए हम इसे एक आतंकी हरकत के तौर लेंगे. साबित होने तक हम प्रथम दृष्टया इसे इसी रूप में लेंगे.’
ये कहा था सेनाध्यक्ष ने...
सेनाध्यक्ष विपिन रावत ने कुछ दिनों पहले कहा था कि पंजाब पर निगाह रखने की जरूरत है. क्योंकि वहां पर खालिस्तान समर्थक अपनी कोशिशों में लगे हुए हैं. अगर उन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो पंजाब में स्थिति हाथ से निकल जाएगी.
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