जम्मू-कश्मीर में नया राजनीतिक समीकरण सामने आया है। बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए धुर विरोधी पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस एक साथ आ गए हैं। और उनके साथ कांग्रेस पार्टी भी शामिल हो गई है। तीनों मिलकर यहां सरकार बनाने का दावा करेगी। पीडीपी के नेता अल्ताफ ने टाइम्स नाउ से इसकी पुष्टि की। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला कांग्रेस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार बनाएंगे। सरकार बनाने को लेकर पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच बात चल रही है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व ने महबूबा मुफ्ती पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाने की मंजूरी दे दी है। 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के पास 28 विधायक हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 विधायक हैं। तीनों को मिलाकर जरूरी बहुमत 44 सीटों से अधिक विधायक है।
कांग्रेस-पीडीपी-एनसी के बीच गंठबंधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम पार्टियों का ये कहना था कि क्यों ना हम इकट्ठे हो जाएं और सरकार बनाएंओ। अभी वो स्टेज सरकार बनाने वाली नहीं है, एक सुझाव के तौर पर बातचीत अभी चल रही है।
सूत्रों के मुताबिक महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) के नेता अल्ताफ बुखारी इस महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक नेशनल काफ्रेंस (नेकां), पीडीपी को बाहर से समर्थन दे सकती है. राज्य में 2002 जैसे समीकरण बन रहे हैं. उस वक्त भी पीडीपी-कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी और नेशनल कांफ्रेंस ने बाहर से समर्थन दिया था. यह सरकार पांच साल चली थी.
पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गंठबंधन पर पीडीपी सांसद मुजफ्फर बेग ने कहा कि जम्मू कैसा रिएक्ट करेगा? यह एक मुस्लिम गठबंधन होगा, लद्दाख रिएक्ट करेगा? ये गैर जिम्मेदार वार्ता केवल जम्मू-कश्मीर के विभाजन को जन्म देगी। लद्दाख और जम्मू राज्य के हिस्सा नहीं रहेंगे, जो केवल एक समुदाय द्वारा शासित है।
बीजेपी ने जब पीडीपी से समर्थन वापस लिया था तब महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी। उसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। अगले महीन राष्ट्रपति शासन के 6 महीने पूरे होने वाले हैं।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेतृत्व ने महबूबा मुफ्ती पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाने की मंजूरी दे दी है। 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के पास 28 विधायक हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 विधायक हैं। तीनों को मिलाकर जरूरी बहुमत 44 सीटों से अधिक विधायक है।
कांग्रेस-पीडीपी-एनसी के बीच गंठबंधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम पार्टियों का ये कहना था कि क्यों ना हम इकट्ठे हो जाएं और सरकार बनाएंओ। अभी वो स्टेज सरकार बनाने वाली नहीं है, एक सुझाव के तौर पर बातचीत अभी चल रही है।
सूत्रों के मुताबिक महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) के नेता अल्ताफ बुखारी इस महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक नेशनल काफ्रेंस (नेकां), पीडीपी को बाहर से समर्थन दे सकती है. राज्य में 2002 जैसे समीकरण बन रहे हैं. उस वक्त भी पीडीपी-कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी और नेशनल कांफ्रेंस ने बाहर से समर्थन दिया था. यह सरकार पांच साल चली थी.
पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गंठबंधन पर पीडीपी सांसद मुजफ्फर बेग ने कहा कि जम्मू कैसा रिएक्ट करेगा? यह एक मुस्लिम गठबंधन होगा, लद्दाख रिएक्ट करेगा? ये गैर जिम्मेदार वार्ता केवल जम्मू-कश्मीर के विभाजन को जन्म देगी। लद्दाख और जम्मू राज्य के हिस्सा नहीं रहेंगे, जो केवल एक समुदाय द्वारा शासित है।
No comments:
Post a Comment