जिससे मोदी से माफ़ी मांगने को कहा, वही मुख्यमन्त्री पद का दावेदार

राजस्‍थान: CM पद की रेस में है वह नेता, जिससे राहुल गांधी ने PM मोदी से माफी मांगने को कहा!
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
कुछ समय पहले राजस्‍थान से ताल्‍लुक रखने वाले वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता डॉ सीपी जोशी को बिहार के राज्‍य प्रभारी पद से हटाया गया तो यही माना गया कि वह पार्टी में हाशिए पर चले गए हैं. उससे पहले वह नॉर्थ-ईस्‍ट के भी पार्टी प्रभारी थे. लेकिन पूर्वोत्‍तर में बीजेपी का दबदबा बढ़ने के बाद उनको कांग्रेस ने वहां के प्रभारी पद से मुक्‍त कर दिया था.
उसके बाद राजस्‍थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीपी जोशी को उनकी परंपरागत विधानसभा सीट नाथद्वारा से टिकट देकर सबको चौंका दिया. अब उन्‍हीं सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती पर विवादित बयान देकर चुनावी सीजन में सियासी पारे को चढ़ा दिया है. इसकी बानगी इसी बात से समझी जा सकती है कि राहुल गांधी को इस मामले में हस्‍तक्षेप करना पड़ा.
सोशल मीडिया एवं कुछ चैनलों पर प्रसारित वीडियो के मुताबिक सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री मोदी एवं उमा भारती की जाति पर कथित तौर पर सवाल करते हुए कहा कि धर्म पर केवल ब्राह्मण ही बात कर सकते हैं. इसी संदर्भ में राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'सीपी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है...उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए.' इसके बाद जोशी ने निष्‍ठावान कार्यकर्ता की तरह पार्टी अध्‍यक्ष की टिप्‍पणी के बाद खेद भी प्रकट किया.
सवाल उठना लाजिमी है कि राजस्‍थान के चुनावी सीजन में कांग्रेस के दो बड़े दिग्‍गजों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अचानक सुर्खियां बटोरने वाले सीपी जोशी कौन हैं? हालांकि जब सीपी जोशी को राजस्‍थान में नाथद्वारा से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया तो दबे स्‍वरों में ये आवाज भी उठी थी कि ब्राह्मण वोटबैंक को साधने के लिए उनके चेहरे को भी आगे बढ़ाया जा रहा है.
राजनीतिक गलियारे में ये भी सुगबुगाहट है कि कांग्रेस यदि चुनाव के बाद सत्‍ता में आती है और सचिन पायलट या अशोक गहलोत में से किसी एक के नाम पर अंदरूनी खेमेबाजी के चलते सहमति नहीं बन पाती तो सीपी जोशी आम सहमति के नेता के रूप में मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं. 
जाति वाले बयान पर जोशी को चुनाव आयोग का नोटिस 
10 साल बाद एक बार फिर चुनावी मैदार में उतरे सीपी जोशी ने गुरुवार को नाथद्वारा में एक चुनावी सभा के दौरान पीएम मोदी और उमा भारती की जाती को लेकर एक विवादित बयान दिया था. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि उमा भारती और पीएम मोदी की जाति क्या है? हिंदू धर्म के बारे में केवल पंडित ही जानता है. हालांकि, बाद में अपने इस बयान पर उन्होंने माफी भी मांगी थी लेकिन निर्वाचन आयोग द्वारा समाज मे वैमनस्य फैलाने का आरोप के चलते सीपी जोशी को नोटिस भेजा गया है. 
सीपी जोशी ने नाथद्वार में चुनावी सभा के दौरान कहा था, ‘उमा भारती जी की जाति मालूम है किसी को? ऋतंभरा की जाति मालुम है किसी को? इस धर्म के बारे में किसी को मालूम है तो वो पंडित है. अजीब देश हो गया है. इस देश में उमा भारती लोधी समाज की हैं, वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं. साध्वी जी किस धर्म की हैं? वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं. नरेंद्र मोदी किस धर्म के हैं, हिंदू की बात कर रहे हैं. इन 50 सालों में इनकी अक्ल बाहर निकल गई’.
हालांकि, नवंबर 23 को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किए गए एक ट्वीट के बाद सीपी जोशी ने अपने इस बयान  के लिए माफी मांगते हुए कहा था, कांग्रेस के सिद्धांतो एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं. 

गौरतलब है कि प्रदेश में 7 दिसंबर को मतदान होने वाला है. प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान किया जाएगा. जिसके बाद 11 दिसंबर को मतों की गिन्ती के बाद ही नई सरकार का फैसला होगा और चुनावी समर में कौन सी पार्टी जीतती है. इसका खुलासा होगा. 

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