अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा को हॉट सीट माना जाता है। यहां हमेशा से ही धार्मिक भावनाओं पर ही नेताओं या मंत्रियों द्वारा बल दिया जाता रहा है।फिर चाहे वो बीजेपी विधायक ज्ञानदेव आहूजा हों या फिर कांग्रेस के जुबेर खान। हालांकि, आगामी चुनावों में इस सीट से न ही बीजेपी ने ज्ञानदेव आहूजा को टिकट दिया है और न ही कांग्रेस ने जुबेर खान को लेकिन कांग्रेस ने इस सीट से जुबेर खान की पत्नी साफिया खान को रामगढ़ से टिकट दिया है।और वह टिकट मिलने के साथ ही आचार सहिंता का उल्लंघन करते हुए दिखाई दीं।
नवंबर 26 को उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अपने समर्थकों से कहा, साम, दाम, दंड, भेद सभी हथकंडे अपना लेना. चाहे किसी का सिर ही क्यों न फोड़ना पड़ जाए। चाहे कुछ करना पड़ जाए, चुनाव जीतना है। साफिया खान के इस भाषण का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्रचार के दौरान वह अपने समर्थकों से यह भी कहती नजर आईं कि इस बात का ध्यान रखना कि पोलिंग हाई से हाई होनी चाहिए। यह मेरी और आपकी इज्जत का सवाल है।
कांग्रेस प्रत्याशी सफिया और सी.पी. जोशी के बयानों से लगता है, राजस्थान विधानसभा चुनाव गरमा-गर्मी का हो सकता है। विशेषकर, सफिया के बयान से तो यही सिद्ध होता प्रतीत हो रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार और चुनाव आयोग को हर चुनावी रैली, प्रदर्शन पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी। यदि इस तरह के बयान आते रहे, कांग्रेस थाली में सजाकर भाजपा को सत्ता सौंप देगी। वैसे भी मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में चल रही अंदरूनी लड़ाई कांग्रेस पर ही भारी पड़ती जान पड़ती है।
आचार संहिता लागू होने के बाद ये प्रदेश में पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई नेताओं और विधायकों द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी का नाम भी शामिल है। वहीं आपको यह भी बता दें, कि प्रदेश में 7 दिसंबर को मतदान होने वाला है. जिसके बाद 11 दिसंबर को चुनावों के नतीजे सामने आएंगे और उसके बाद ही इस बात की जानकारी हो पाएगी कि आने के वक्त में किसकी सरकार बनेगी।
नवंबर 26 को उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान अपने समर्थकों से कहा, साम, दाम, दंड, भेद सभी हथकंडे अपना लेना. चाहे किसी का सिर ही क्यों न फोड़ना पड़ जाए। चाहे कुछ करना पड़ जाए, चुनाव जीतना है। साफिया खान के इस भाषण का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्रचार के दौरान वह अपने समर्थकों से यह भी कहती नजर आईं कि इस बात का ध्यान रखना कि पोलिंग हाई से हाई होनी चाहिए। यह मेरी और आपकी इज्जत का सवाल है।
कांग्रेस प्रत्याशी सफिया और सी.पी. जोशी के बयानों से लगता है, राजस्थान विधानसभा चुनाव गरमा-गर्मी का हो सकता है। विशेषकर, सफिया के बयान से तो यही सिद्ध होता प्रतीत हो रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार और चुनाव आयोग को हर चुनावी रैली, प्रदर्शन पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी। यदि इस तरह के बयान आते रहे, कांग्रेस थाली में सजाकर भाजपा को सत्ता सौंप देगी। वैसे भी मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में चल रही अंदरूनी लड़ाई कांग्रेस पर ही भारी पड़ती जान पड़ती है।
आचार संहिता लागू होने के बाद ये प्रदेश में पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई नेताओं और विधायकों द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी का नाम भी शामिल है। वहीं आपको यह भी बता दें, कि प्रदेश में 7 दिसंबर को मतदान होने वाला है. जिसके बाद 11 दिसंबर को चुनावों के नतीजे सामने आएंगे और उसके बाद ही इस बात की जानकारी हो पाएगी कि आने के वक्त में किसकी सरकार बनेगी।
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