मुंबई 26/11 आतंकी हमले की आज 10वीं बरसी है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान में बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मकराना में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मुंबई 2008 में हुए आतंकी हमले को लेकर कहा कि कांग्रेस ने देश में विभाजनकारी राजनीति की है। इसके परिणामस्वरूप, देश में आतंकवाद पीक पर था। आज आप उस आतंकवादियों को देख सकते हैं जिन्हें कांग्रेस ने बिरयानी खिलाई थी और अब हम उन आतंकवादियों को बुलेट खिला रहे हैं।
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और बड़ी संख्या में लोगों को घायल कर दिया था। आतंकियों का यह कहर, 29 नवंबर तक, 4 दिन चला था। इस हमले में कुल 166 लोग मारे गये थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
उस हमले में आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर भी शहीद हो गए थे।
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और बड़ी संख्या में लोगों को घायल कर दिया था। आतंकियों का यह कहर, 29 नवंबर तक, 4 दिन चला था। इस हमले में कुल 166 लोग मारे गये थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
पुलिस ने हमलावरों को मार गिराया था जबकि एक आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। भारत में सुनवाई के बाद 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दे दी गई थी।
स्मरण हो, यदि कसाब जीवित नहीं पकड़ा गया होता, कांग्रेस और इसके समर्थकों ने हिन्दुओं को आतंकवादी ही घोषित कर दिया होता, क्योकि "भगवा आतंकवाद" हिन्दू समाज से ही जुड़ा है। भगवा आतंकवाद पर बरनि जैसे कट्टरपंथी पुस्तक लिखते हैं, जिसका विमोचन कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट जैसे लोग करते हैं।

इसमें आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज महल होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और यहूदी सामुदायिक केंद्र नरीमन हाउस को खासतौर पर निशाना बनाया था। हमलावरों में से एक अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था।
पाकिस्तान में लश्कर-ए- तैयबा के 7 संदिग्धों लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमाल रियाज, जमील अहमद और युनूस अंजुम के खिलाफ हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है। इनके खिलाफ पाकिस्तान में 2009 से सुनवाई जारी है।
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