आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कई राज्यों के विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव प्रचार में इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा जाति और गोत्र को लेकर है। एक ओर कांग्रेस नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी की जाति पर टिपप्णी की, तो भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गोत्र पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अपना कौल दत्तात्रेय गोत्र बताते हुए कश्मीरी पंडित कहने पर काशी के संत और विद्वान मुखर हो गए है।
झूठ बोलना भी अनेकों बार व्यक्ति को उसकी वास्तविकता की ओर ले जाकर कहीं का नहीं छोड़ता। राहुल बोलते समय यह नहीं सोंचते कि "मै क्या बोल रहा हूँ और क्या नहीं बोलना चाहिए !" वह अपने परिवार की कलाई खुद ही खोल रहे हैं। कसूर उनका भी नहीं है, दादा-दादी मुसलमान, माँ ईसाई वो भी कैथोलिक, उनकी समझ से दूर है कि राजनीती में किसी अपनाये और किस धर्म को छोड़े।

श्री विद्या मठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सनातन परंपरा में भारत पितृ प्रधान देश है। यहां महिला चाहे किसी भी जाति की हो, गोत्र पिता से ही प्राप्त होता है। राहुल के दादा फिरोज गांधी पारसी थे, जबकि दादी इंदिरा गांधी हिंदू थीं। इस आधार पर उनका गोत्र कैसे तय हो सकता है।
इतना ही नहीं, फिरोज गाँधी से निकाह करने पर इन्दिरा गाँधी इस्लाम स्वीकार किया था, और इनका नाम मैमुना बेगम रखा गया था। लेकिन राजनीतिक जीवन में हिन्दू नाम इन्दिरा गाँधी रखा, और अंतिम संस्कार भी हिन्दू रीति-रिवाज़ से कर परिवार और कांग्रेस ने देश को भ्रमित किया। वह भी गले में रुद्राक्ष माला धारण करती थी।
अवलोकन करें:--
सात दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरे के लिए राहुल गांधी राजस्थान के पुष्कर के ब्रह्मा जी के मंदिर में पहुंचे थे। मंदिर में बैठे पुजारी ने राहुल गांधी के गोत्र का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि राहुल हांधी का गोत्र दत्तात्रेय है। दत्तात्रेय कौल होते हैं और कौल कश्मीरी पंडित होते हैं।
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