
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
विश्व में भारत ही शायद एकमात्र ऐसा देश होगा, जहाँ नेता अपनी दुकानदारी यानि नेतागिरी चलाने के लिए किसी भी निम्न स्तर तक जा सकते हैं। कोई नौकरी या मेहनत का काम होता नहीं, राजनीती की दुकान खोल जनता को भड़काने लगते हैं। शर्म आती है, उन लोगों पर, जो ऐसे जयचन्दों को अपना नेता मानते हैं। राजभर ने नेता बनने और इतिहास के बारे में कुछ बोलने से पहले देश का वास्तविक इतिहास पढ़ा होता। इन्ही जैसे जयचन्दों के कारण भारत मुगलों का और फिर अंग्रेज़ों का गुलाम बना था। अगर किसी विदेश में रहकर, वहां के इतिहास के विरुद्ध ऐसे शब्द बोले होते, कोई अपनी दुकान में नौकर भी नहीं रखता। इतिहास साक्षी है कि जिन जयचन्दों ने अपने सम्राट के विरुद्ध बगावत की, उनका नाम भी मिट्टी में मिल गया।
सरकार में रहकर सरकार पर लगातार हमला करने वाले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अपनी ही सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने नवम्बर 10 को कहा कि बीजेपी ने मुगलसराय और फैजाबाद का नाम बदल दिया। वे कहते हैं कि वह नाम मुगलों के नाम पर रखा गया था। उनके पास एक राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, यूपी सरकार में मंत्री मोसिन रजा हैं। बीजेपी के ये तीन मुस्लिम चेहरे हैं। पहले इनके नाम बदलने चाहिए। उन्होंने कहा, नाम बदलने का यह सब ड्रामा है। जब भी पिछड़ा और उत्पीड़न के शिकार लोग अपने अधिकार की मांग को लेकर आवाज उठाते हैं तो उसे दबाने के लिए इस तरह का ड्राम किया जाता है। उन्होंने कहा, मुसलमानों ने जो कुछ देश को दिया आज तक किसी ने नहीं दिया। क्या हमें जीटी रोड फेंक देना चाहिए? लाल किला किसने बनावाया? ताजमहल किसने बनवाया?
राजभर नेता जरूर बन गए, लेकिन भारतीय इतिहास में इतने अधिक अज्ञान हैं, कि इन्हे नहीं मालूम की लाल किला, ताजमहल और क़ुतुब मीनार आदि मुग़ल युग से सदियों पूर्व ही निर्मित हो चुकी थीं। राजभर शायद यह भी नहीं मालूम होगा, कि ब्रिटिश युग में ताजमहल दो बार नीलाम हो चूका है, और दोनों बार इसका खरीदार मथुरा का सेठ था। दूसरे, यह भी नहीं मालूम होगा कि दिल्ली की जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद को ब्रिटिश युग में नामस्जिद घोषित कर इसमें सेना रहती थी और जिस तालाब में आज नमाज़ी वजू करते हैं, सेना के घोड़े उसमे पानी पीते थे। और इन दोनों मस्जिदों की नीलामी में इनके खरीदार भी हिन्दू--सेठ छुन्ना मल और सेठ सत्यनारायण गुड़ वाले--थे। देखिए कुछ वर्ष पूर्व एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते अपने चर्चित स्तम्भ में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से क्या प्रश्न किये थे? राजभर जैसे नेताओं ने ही राजनीती को जनसेवा की दुकान बनाकर रख दिया है। जिस नेता को देखो, अपने ही इतिहास को कलंकित कर तीसमार खां बन रहे हैं। तुष्टिकरण के पुजारी बताएं, "क्या किसी भी विदेशी नेता को अपने इतिहास को कलंकित करते देखा या सुना है?"

ऐसा पहली बार नहीं है उन्होंने अपनी सरकार और सहयोगी दल बीजेपी के खिलाफ बोला हो। इससे पहले भी कई बार वह बोल चुके हैं। हाल ही में उन्होंने मुगलों से जुड़े स्थलों के नाम बदलने के सवाल पर कहा था, 'इनके पास तो कोई काम है नहीं। ये जनता का दिमाग भटकाने के लिए ये नाम बदलने का बहाना बनते है। अगर हिम्मत है तो लाल किला का नाम बदल दें। उसको गिरा दें। उन्होंने केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह पर परोक्ष रूप से निशाना साधते कहा था, जो बिहार वाले नेता (गिरिराज सिंह) बयान दे रहे हैं। वो जिस रोड़ पे चलते हैं उस रोड को उनके दादा ने बनाया? जीटी रोड शेर शाहसूरी ने बनाया है। एक नई सड़क बना के दिखा दें। बयान देना अलग बात है।
अवलोकन करें:--
क्या आप जानते हैं कि हमारे देश व शहरों के असली नाम क्या थे ?
१. हिन्दुस्तान, इंडिया या भारत का असली नाम - आर्यावर्त्त !
२. कानपुर का असली नाम - कान्हापुर !
३. दिल्ली का असली नाम - इन्द्रप्रस्थ !
४. हैदराबाद का असली नाम - भाग्यनगर !
५. इलाहाबाद का असली नाम - प्रयाग !
६. औरंगाबाद का असली नाम - संभाजी नगर !
७. भोपाल का असली नाम - भोजपाल !
८. लखनऊ का असली नाम - लक्ष्मणपुरी !
९. अहमदाबाद का असली नाम - कर्णावती !
१०. फैजाबाद का असली नाम - अवध !
११. अलीगढ़ का असली नाम - हरिगढ़ !
१२. मिराज का असली नाम - शिव प्रदेश !
१३. मुजफ्फरनगर का असली नाम - लक्ष्मी नगर !
१४. शामली का असली नाम - श्यामली !
१५. रोहतक का असली नाम - रोहितासपुर !
१६. पोरबंदर का असली नाम - सुदामापुरी !
१७. पटना का असली नाम - पाटलीपुत्र !
१८. नांदेड का असली नाम - नंदीग्राम !
१९. आजमगढ का असली नाम - आर्यगढ़ !
२०. अजमेर का असली नाम - अजयमेरु !
२१. उज्जैन का असली नाम - अवंतिका !
२२. जमशेदपुर का असली नाम काली माटी !
२३. विशाखापट्टनम का असली नाम - विजात्रापश्म !
२४. गुवाहटी का असली नाम - गौहाटी !
२५. सुल्तानगँज का असली नाम - चम्पानगरी !
२६. बुरहानपुर का असली नाम - ब्रह्मपुर !
२७. इंदौर का असली नाम - इंदुर !
२८. नशरुलागंज का असली नाम - भीरुंदा !
२९. सोनीपत का असली नाम - स्वर्णप्रस्थ !
३०. पानीपत का असली नाम - पर्णप्रस्थ !
३१.बागपत का असली नाम - बागप्रस्थ !
३२. उसामानाबाद का असली नाम - धाराशिव (महाराष्ट्र में) !
३३. देवरिया का असली नाम - देवपुरी ! (उत्तर प्रदेश में)
३४. सुल्तानपुर का असली नाम - कुशभवनपुर
३५. लखीमपुर का असली नाम - लक्ष्मीपुर ! (उत्तर प्रदेश में)
३६. मुरैना का असली नाम - मयुरवन
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुगलों से जुड़े हुए सभी नामों को बदलने पर जोर देते हुए कहा था, 'भारत आज एक आजाद देश है। हम अब मुगलों या अंग्रेजों के गुलाम नहीं हैं। तो ऐसे में उनसे जुड़े हुए नाम रखने की जरूरत क्या है? क्या बिहार के लोग यह नहीं जानते कि खिलजी ने राज्य को लूटा फिर भी बख्तियारपुर उसके नाम पर है। बिहार के अकबरपुर के साथ करीब 100 जगहों के नाम बदले गए हैं। इस दिशा में योगी जी ने अच्छा काम किया है।' उन्होंने कहा, 'मैं मांग करूंगा कि बिहार सहित पूरे देश में मुगलों से जुड़े हुए नामों को बदला जाए।'
एक बाद उन्होंने कहा था, गरीब तुम्हारा (बीजेपी) नोट भी लेगा, मुर्गा भी खाएगा पर तुम्हें वोट नहीं देगा। अगर तुने काम नहीं किया तो। गोरखपुर, फूलपुर, कैराना और नूरपुर का रिजल्ट याद करना। आगे उन्होंने कहा, पिछड़ी जाति के 27% आरक्षण का बंटवारा करो नहीं तो ये सोच लेना की 2019 में यूपी में खाता नहीं खुलने दूंगा।
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