आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार, हैदराबाद
गुलाबी रंग को आमतौर पर महिलाओं से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस इस रंग से नाराज़ है। दरअसल ईवीएम पर गुलाबी रंग के इस्तेमाल के निर्वाचन आयोग (ईसी) के कदम का कांग्रेस यह कहकर विरोध कर रही है कि इस रंग का संबंध सत्तारूढ़ टीआरएस से है। गुलाबी रंग कांग्रेस को इसलिए परेशान कर रहा है क्योंकि के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) पार्टी अपनी सारी प्रचार सामग्री के लिये आधिकारिक रूप से इसी रंग का इस्तेमाल करती है।
राव सहित टीआरएस के नेता पार्टी कार्यक्रमों के दौरान अपने गले में गुलाबी पटका पहनते हैं। निर्वाचन आयोग ने कहा कि यह सिर्फ प्रावधानों के अनुपालन में किया गया है।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के मुख्य प्रवक्ता दासोजू श्रवण ने व्यंग्य किया, ‘‘ऐसा लगता है आयोग को कोई गुलाबी रोग लग गया है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ईसी का प्रतिनिधित्व कर रहे उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ‘गुलाबी’ रंग में 90 लाख मतपत्रों को छपवाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने गुलाबी मतपत्र शुरू करने पर खुलकर अपना विरोध जताया है क्योंकि इससे टीआरएस को चुनावी लाभ मिल सकता है।’’
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार ने लोक प्रतिनिधि अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने ईवीएम पर चिपके गुलाबी रंग के मतपत्रों से चुनाव कराने का फैसला किया है लेकिन मतदाताओं की पर्ची सफेद रंग की होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मतपत्र का रंग बदलने के लिये लोक प्रतिनिधि अधिनियम में संशोधन करना होगा।’’
टीआरएस के सांसद विनोद कुमार ने कहा कि गुलाबी रंग शांति और प्रेम को दर्शाता है, और 2001 में जब केसीआर ने अलग तेलंगाना आंदोलन शुरू किया तब उन्होंने इसी रंग का प्रयोग करने के कारण से इस रंग के इस्तेमाल का फैसला किया।
मुख्यमंत्री राव की संपत्ति 41% बढ़ी, लेकिन कार के मालिक नहीं
इस बीच तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने गजवेल से नामांकन भरा है। उनके चुनावी हलफनामे में यह खुलासा हुआ है कि उनकी कुल संपत्ति पिछले साढ़े चार साल में करीब 41 प्रतिशत बढ़कर 22.61 करोड़ रुपये हो गई है। रोचक बात यह है कि भले ही उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘कार’ हो लेकिन वह कार के मालिक नहीं हैं। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सात दिसंबर को होना है।
एनटी रामाराव की पोती ने नामांकन भरा
बढ़ती चुनावी गहमागहमी के बीच तेलंगाना में सात दिसंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए तेदेपा (टीडीपी) संस्थापक एन टी रामाराव की पोती एन सुहासिनी ने नवम्बर 17 को हैदराबाद के कुकटपल्ली विधानसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा। सुहासिनी एनटीआर के बेटे एन हरिकृष्णा की पुत्री हैं। हरिकृष्णा की हाल ही सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। सुहासिनी के भाई कल्याण राम और जूनियर एनटीआर लोकप्रिय तेलुगु हीरो हैं।
नामांकन भरने से पहले सुहासिनी ने अपने दादा और पिता की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ इस दौरान उनके चाचा और शीर्ष तेलुगु हीरो एन बालाकृष्णन भी थे। सुहासिनी ने कहा कि वह अपने महान दादा और पिता एवं अपने फूफा (आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं तेदेपा प्रमुख) एन चंद्रबाबू नायडू के आदर्शों से प्रेरित होकर राजनीति में उतरीं हैं।
भाजपा द्वारा भगवा धारण करने पर सबको साम्प्रदायिकता दिखती है, लेकिन तेलंगाना चुनाव में सत्तारूढ़ टीआरएस से लेकर चुनाव आयोग ने ईवीएम पर चिपके गुलाबी रंग के मतपत्रों से चुनाव कराने का फैसला किया है। कांग्रेस ने केवल महिलाओं को आकर्षित करने को लेकर पिंक रंग का विरोध किया है। ईवीएम पर अगर इस रंग को प्रयोग किया गया, निश्चित रूप से चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगा।
No comments:
Post a Comment