भाजपा सांसद साक्षी महाराज के उन्नाव में जामा मस्जिद तोड़ने वाले बयान के बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई है। साक्षी महाराज को फोन कर तीन बार जान से मारने की धमकी दी गई है। घटना के बाद सांसद की तहरीर पर सदर कोतवाली इलाके में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। बीते 23 और 24 नवंबर को भी सांसद साक्षी महाराज को फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। फोन करने वाले ने खुद को डी-कम्पनी से जुड़ा हुआ बताया था।
जानकारी के मुताबिक, 25 नवंबर की रात, करीब 10.45 और फिर नवंबर 26 की शाम को 4.40 और 4.43 पर उन्हें फोन कर ये धमकी मिली है। बताया जा रहा है कि फोन नंबर +103075 से उन्हें ये धमकी मिली है।बताया जा रहा है कि फोन करने वाले ने अपना नाम अली अजलोनी बताया था और खुद को वो डी कंपनी का गुर्गा बताया था।
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय मंत्री व अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा कि वह पहले से ही आतंकियों के निशाने पर हैं। पहले से उन्हें जेड वाई प्लस सुरक्षा मिली हुई है, सांसद ने अब जेड श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है।
गृहमंत्री को भेजे गए पत्र में साक्षी महाराज ने लिखा है- मैं अयोध्या आंदोलन से प्रारंभ से जुड़ा रहा हूं. दिनांक 6 दिसंबर की घटना का प्रत्यक्षदर्शी भी हूं।श्रीराम जन्म भूमि बाबरी विध्वंस में अभियुक्त भी हूं। अयोध्या का आंदोलन अपने चरम पर है। मैं हिन्दुत्व व इस प्रकरण में प्रखर वक्ता भी हूं। सूत्रों के मुताबिक, सांसद मंगलवार को गृहमंत्री से मिल भी सकते हैं। वैसे उन्नाव में सांसद साक्षी महाराज ने एक जनसभा में जामा मस्जिद तोड़ने पर मूर्तियां निकलने का बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें धमकियां मिल रही हैं।
उन्नाव में 23 नवंबर को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे भाजपा सांसद ने दिल्ली की जामा मस्जिद को तोड़ने की बात कही थी। वहीं, उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर भी निशाना साधा है। साथ ही साक्षी महाराज ने दावा किया है कि कुछ भी करना पड़े, लेकिन 2019 चुनावों से पहले मंदिर निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। जामा मस्जिद को लेकर विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा था कि अयोध्या, मथुरा, काशी को छोड़ो, दिल्ली की जामा मस्जिद को तोड़ो अगर वहां कि सीढ़ियो में मूर्तियां न निकले तो मुझे फांसी पर लटका देना। उन्होंने कहा कि मुगलकाल में हिन्दुओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया गया है।मुगलकाल में मंदिर तोड़े गए और मस्जिदों को बनाया गया है।
साक्षी महाराज को धमकी देना, इस बात को प्रमाणित करता है कि बात में वजन है, अन्यथा कोई धमकी नहीं मिलती। यदि यह धमकी हकीकत बन जाती है, तो कहीं रामजन्मभूमि मन्दिर, मथुरा और काशी आन्दोलन विकराल रूप लेकर दिल्ली जामा मस्जिद को भी चपेट में न ले ले।
अवलोकन करें:--
स्मरण हो, कहते हैं, ब्रिटिश राज में जब जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद को नमस्जिद करार देकर, ब्रिटिश फौजें इसमें रहती थी और आर्मी के घोड़े उस तालाब में पानी पीते थे, इस घटना का जिक्र 1865 के आस-पास के इतिहास में मिलता है। इन दोनों मस्जिदों की नीलामी हुई थी, जिसे उस समय के धन्ना सेठ छुन्ना मल(इनकी कपडे की कई मीलें थी, आनन्द पर्वत के निकट गुलाबी बाग़ इनका था, जहाँ आमों के बाग़ थे; आधे से ज्यादा कलकत्ता के मालिक थे। टाउन हॉल के निकट ""छुन्नामल मैंशन" आज भी विराजमान है।), और सत्यनारायण गुड़ वाले( चाँदनी चौक, फुव्वारे के पास, ब्रिटिश युग से बहुचर्चित घंटाघर मिठाई की दुकान खानदानी दुकान थी, जो अब बिक गयी है) ने खरीद कर वापस मुसलमानों को दे दी थी। इतिहास साक्षी है, बस जरुरत है उसे सार्वजनिक करने की, जिसे तुष्टिकरण और मुग़ल पुजारियों ने धूमिल कर दिया है। वर्तमान सरकार को चाहिए कि जिन-जिन इतिहासकारों ने भारत के वास्तविक इतिहास को कलंकित किया है, उनकी मान्यता रद्द की जाए। साक्षी महाराज को धमकी देने के मुद्दे पर समस्त हिन्दुओं--चाहे वह किसी पार्टी से हों--को एकजुट होकर खड़े होना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, 25 नवंबर की रात, करीब 10.45 और फिर नवंबर 26 की शाम को 4.40 और 4.43 पर उन्हें फोन कर ये धमकी मिली है। बताया जा रहा है कि फोन नंबर +103075 से उन्हें ये धमकी मिली है।बताया जा रहा है कि फोन करने वाले ने अपना नाम अली अजलोनी बताया था और खुद को वो डी कंपनी का गुर्गा बताया था।
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री समेत केंद्रीय मंत्री व अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा कि वह पहले से ही आतंकियों के निशाने पर हैं। पहले से उन्हें जेड वाई प्लस सुरक्षा मिली हुई है, सांसद ने अब जेड श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है।

उन्नाव में 23 नवंबर को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे भाजपा सांसद ने दिल्ली की जामा मस्जिद को तोड़ने की बात कही थी। वहीं, उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर भी निशाना साधा है। साथ ही साक्षी महाराज ने दावा किया है कि कुछ भी करना पड़े, लेकिन 2019 चुनावों से पहले मंदिर निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। जामा मस्जिद को लेकर विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा था कि अयोध्या, मथुरा, काशी को छोड़ो, दिल्ली की जामा मस्जिद को तोड़ो अगर वहां कि सीढ़ियो में मूर्तियां न निकले तो मुझे फांसी पर लटका देना। उन्होंने कहा कि मुगलकाल में हिन्दुओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया गया है।मुगलकाल में मंदिर तोड़े गए और मस्जिदों को बनाया गया है।
साक्षी महाराज को धमकी देना, इस बात को प्रमाणित करता है कि बात में वजन है, अन्यथा कोई धमकी नहीं मिलती। यदि यह धमकी हकीकत बन जाती है, तो कहीं रामजन्मभूमि मन्दिर, मथुरा और काशी आन्दोलन विकराल रूप लेकर दिल्ली जामा मस्जिद को भी चपेट में न ले ले।
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