मध्‍यप्रदेश में दिग्गज नेताओं की सियासत को सँभालने मैदान में उनकी संतानें

मध्य प्रदेश में भाजपा हो या कांग्रेस, राजनीति में सफल नेताओं के पीछे पुत्री-पुत्र की सक्रिय भूमिका रही है। निर्वाचन क्षेत्र में सियासत के सारे सूत्र ये ही संभाल रहे हैं। इनका लोहा संगठन भी मान चुका है, तभी तो दोनों दलों ने कुछ को चुनावी रण में उतारा तो कुछ संगठन में ऊंचे ओहदे पर पहुंचे। कुछ आज विधायक हैं तो कुछ टिकट की दौड़ में शामिल हैं।
विंध्य, बुंदेलखंड और मालवा-निमाड़, सभी जगह ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है, जिनके चुनाव क्षेत्र की कमान इनके पुत्र या पुत्री संभालते हैं। इसमें भाजपा और कांग्रेस के ऐसे नेता शामिल हैं, जो राज्य या फिर केंद्र की सियासत करते हैं। कुछ पार्टी में ऊंचे पदों पर होने की वजह से दूसरी जिम्मेदारियों के चलते क्षेत्र को वक्त नहीं दे पाते हैं तो कुछ प्रदेश में मंत्री हैं, इसलिए व्यस्त रहते हैं। प्रदेशभर में दौरे और विभाग के कामकाज के चलते इन्होंने अपने क्षेत्र को पुत्र या पुत्री के हवाले कर दिया है।
ये संभालते हैं पिता के लिए सियासत के सूत्र
जानकारों की मानें तो बेटा या बेटी के हवाले क्षेत्र करने की दो मुख्य वजह हैं। पहली- आगे चलकर निर्वाचन क्षेत्र पर स्वाभाविक दावा बनेगा, जो भविष्य के लिए मददगार साबित होगा। दूसरी- राज्य और केंद्र स्तर की राजनीति करने के लिए समय चाहिए होता है, इसके लिए निर्वाचन क्षेत्र की चिंता से मुक्त होना जरूरी है। जब कोई अपना पूरी जिम्मेदारी संभाल लेता है तो मन में कोई शंका नहीं रह जाती है। हालांकि इसका अंदरूनी तौर पर विरोध भी होता है, क्योंकि दूसरे कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिल पाता।
कार्तिकेय सिंह चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भाजपा को चौथी बार प्रदेश में सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाने का दारोमदार है। ऐसे में चुनाव के समय बुदनी (निर्वाचन क्षेत्र) में ज्यादा समय देना संभव नहीं होगा, इसलिए पुत्र कार्तिकेय ने कमान संभाल ली है। वे काफी समय से बुदनी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं। स्थानीय नेताओं से तालमेल बैठाकर लगातार बैठक और अन्य कार्यक्रम कर रहे हैं।
आकाश विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने पश्चिम बंगाल का प्रभार देकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। ज्यादातर समय वहीं गुजरता है। ऐसे में निर्वाचन क्षेत्र डॉ. आंबेडकर नगर (महू) की पूरी जिम्मेदारी बेटे आकाश संभालते हैं। क्षेत्रीय विकास के कामों से लेकर स्थानीय समीकरण देखना भी उन्हें के जिम्मे हैं। इनके चुनाव लड़ने की चर्चा है।
अभिषेक भार्गव
सात बार लगातार चुनाव जीत चुके पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र रेहली की पूरी जिम्मेदारी इन्हीं के पास है। 2013 के चुनाव में भार्गव आचार संहिता लागू होने के बाद एक दिन भी प्रचार के लिए क्षेत्र में नहीं गए। चुनाव के पूरे सूत्र अभिषेक के हाथों में रहे। भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इनके चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा है।
सिद्धार्थ मलैया
वित्तमंत्री जयंत मलैया के पुत्र। दमोह में सक्रिय। सामाजिक और सार्वजनिक कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी। स्थानीय स्तर पर सत्ता और संगठन की जमावट करने की जिम्मेदारी। एक तरह पिता का पूरा काम क्षेत्र में देखते हैं। चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा में हैं।
मुदित शेजवार
सात बार के विधायक वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के विधानसभा क्षेत्र सांची का पूरा दारोमदार पुत्र मुदित पर है। क्षेत्र में सत्ता और संगठन के सारे सूत्र संभालते हैं। पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए तैयार हैं और टिकट के दावेदार भी हैं।
विक्रांत भूरिया
रतलाम से सांसद कांतिलाल भूरिया के 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूरी कमान बेटे विक्रांत ने संभाली। लगातार जनसंपर्क अभियान चलाया और उपचुनाव में बड़े अंतर से पिता को जीत दिलाकर लोकसभा भेजा। पूरे झाबुआ, आलीराजपुर, रतलाम क्षेत्र में सक्रिय और विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के दावेदार भी हैं।
सुकर्ण मिश्रा
जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के पुत्र। दतिया विधानसभा क्षेत्र के उन 36 गांवों में खासतौर पर सक्रिय हैं जो शिवपुरी से अलग होकर दतिया में शामिल हुए थे। क्षेत्र में विकास का कोई काम करना हो या फिर स्थानीय स्तर पर कोई समीकरण बनाना हो तो सुकर्ण की ही अहम भूमिका होती है।
अजीत बोरासी
उज्जैन के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के पुत्र। पार्टी ने कुछ समय पर अजीत को युवा कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। पिता की पूरी सियासत संभालते हैं। विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। एक बार फिर टिकट की दौड़ में शामिल।
देवेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र। पिता की सियासत के सूत्र संभाल रहे हैं। चुनाव क्षेत्र में सक्रिय। चुनाव मैदान में उतरने की सुगबुगाहट।
मौसम बिसेन (हरिनखेड़े)
कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन की पुत्री। क्षेत्र में सक्रिय और पिता के ज्यादातर समय दौरों पर होने के चलते पूरा कामकाज देखने का जिम्मा। भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य भी हैं।
दीपक जोशी पिंटू
पूर्व मंत्री महेश जोशी के पुत्र। युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, इंदौर में सक्रिय हैं।
सिर्फ आरोपों के लिए वंशवाद, चुनाव में परहेज नहीं 
भाजपा और कांग्रेस को वंशवाद से परहेज है। दोनों पार्टियां इसे मुद्दा बनाकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती हैं, लेकिन जब नेताओं के परिजनों को टिकट देने की बात आती है, तो दोनों ही पार्टी अपने विचारों से समझौता कर लेती हैं। इस बार भी दोनों पार्टियों ने दशकों से सक्रिय तीन दर्जन से ज्यादा नेताओं के परिजनों को टिकट देकर विरोध से बचने की कोशिश की है।
राजनीतिक पार्टियों में वंशवाद का मुद्दा सिर्फ आरोपों तक ही सीमित है। चुनाव से पहले हर बार यह मुद्दा उठता है। पार्टियां एक-दूसरे पर वंशवाद का आरोप भी लगाती हैं, लेकिन जब टिकट देने की बारी आती है तो कोई भी पार्टी इस पर कायम नहीं रहती है।
भाजपा-तीन दर्जन सीटों पर वंशवाद का असर
भाजपा की परंपरागत तीन दर्जन सीटों पर वंशवाद का असर दिखाई दे रहा है। पार्टी ने सांची विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे डॉ. गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार को प्रत्याशी बनाया है। डॉ. शेजवार ने करीब छह महीने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। इंदौर-तीन से पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिया गया है।
ऐसे ही पार्टी ने राजधानी की गोविंदपुरा सीट से 10 बार विधायक बने और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को टिकट दिया है। इस टिकट को लेकर पार्टी में भारी विरोध था। इन सीटों से नए दावेदार मैदान में थे और सभी वंशवाद का खुलकर विरोध कर रहे थे, लेकिन सीट बचाने के लिए पार्टी को आखिर में इन नेताओं की बात माननी पड़ी। कांग्रेस में भी ऐसे ही हालात हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के परिवार से तो तीन सदस्य मैदान में हैं। उनके बेटे जयवर्द्धन सिंह राघौगढ़ और छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चांचौड़ा से प्रत्याशी बनाए गए हैं। जबकि उनके रिश्तेदार प्रियवृत सिंह खींची खिलचीपुर से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। पार्टी ने झाबुआ सीट से पार्टी के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को टिकट दिया है।
कौन किसका रिश्तेदार
कांग्रेस से
विधानसभा सीट           प्रत्याशी              किससे रिश्ता
सबलगढ़                     सरला रावत         विधायक मेहरबान सिंह रावत की बहू
कसरावद                    सचिन यादव         पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई
बुदनी                         अरुण यादव          पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे
बैतूल                         निलय डागा           पूर्व विधायक विनोद डागा के बेटे
जावरा                       केके सिंह               पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के भाई
सिंहावल                    कमलेश्वर पटेल      पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल के बेटे
चुरहट                       अजय सिंह             पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे
लखनादौन                योगेंद्र सिंह बाबा       पूर्व राज्यपाल उर्मिला सिंह के बेटे
केवलारी                   रजनीश सिंह            पूर्व मंत्री हरवंश सिंह के बेटे
गंधवानी                  उमंग सिंघार             पूर्व नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी के भतीजे
गुढ़                         सुंदरलाल तिवारी       पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के बेटे
अटेर                       हेमंत कटारे              पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के बेटे
बदनावर                 राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव पूर्व विधायक प्रेमसिंह दत्तीगांव के बेटे
कुक्षी                      सुरेंद्र सिंह बघेल         पूर्व मंत्री प्रताप सिंह बघेल के बेटे
लांजी                     हिना कांवरे                पूर्व मंत्री लिखीराम कांवरे की बेटी
इंदौर-3                   अश्विन जोशी            पूर्व मंत्री महेश जोशी के भतीजे
भाजपा से
जावद                    ओम प्रकाश सकलेचा    पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा के बेटे
धार                       नीना वर्मा                   पूर्व मंत्री विक्रम वर्मा के पत्नी
भोजपुर                  सुरेंद्र पटवा                  पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे
इंदौर-4                  मालिनी गौड़                पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह गौड़ के पत्नी
हाटपिपल्या            दीपक जोशी                 पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे
शिवपुरी                 यशोधरा राजे सिंधिया     राजमाता सिंधिया की बेटी
नरेला                    विश्वास सारंग               पूर्व सांसद कैलाश सारंग के बेटे
सुरखी                    सुधीर यादव                  सागर के सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे
बंडा                       हरवंश राठौर                  पूर्व मंत्री हरनाम सिंह राठौर के बेटे
चांदला                   राजेश प्रजापति               विधायक आरडी प्रजापति के बेटे
छतरपुर                 अर्चना सिंह                    भाजपा नेता पुष्पेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी
रामपुर बघेलान       विक्रम सिंह                    मंत्री हर्षसिंह के बेटे
सिरमौर                 दिव्यराज सिंह                पूर्व विधायक पुष्पराज सिंह के बेटे
बांधवगढ़               शिवनारायण सिंह            पूर्वमंत्री और सांसद ज्ञानसिंह के बेटे
बहोरीबंद                प्रणय पांडे                      पूर्व विधायक प्रभात पांडे के बेटे
जबलपुर कैंट          अशोक रोहाणी                 पूर्व विस अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी के बेटे
लांजी                    रमेश भटेरे                      पूर्व विधायक दिलीप भटेरे के बेटे
नरसिंहपुर             जालमसिंह पटेल              सांसद प्रहलाद पटेल के भाई
बैतूल                   हेमंत खंडेलवाल                पूर्व सांसद विजय खंडेलवाल के बेटे
टिमरनी               संजय शाह                        मंत्री विजय शाह के भाई
भैंसदेही               महेंद्र सिंह चौहान               पूर्व विधायक केशर सिंह चौहान के बेटे
सिरोंज                उमाकांत शर्मा                    पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई
सारंगपुर              कुंवर कोठार                       पूर्व विधायक अमरसिंह कोठार के बेटे
देवास                  गायत्री पंवार                       पूर्व मंत्री तुकोजीराव की पत्नी
खातेगांव              आशीष शर्मा                       पूर्व विधायक गोविंद शर्मा के बेटे
खंडवा                  देवेंद्र वर्मा                            पूर्व मंत्री किशोरीलाल वर्मा के बेटे
नेपानगर              मंजू दादू                             पूर्व विधायक राजेंद्र दादू की बेटी
बुरहानपुर             अर्चना चिटनीस                    पूर्व विस अध्यक्ष ब्रजमोहन मिश्र की बेटी
तराना                  अनिल फिरोजिया                  पूर्व विधायक भूरेलाल फिरोजिया के बेटे
जावरा                  डॉ. राजेंद्र पांडे                       पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण पांडे के बेटे
सुवासरा                राधेश्याम पाटीदार                 पूर्व विधायक नानालाल पाटीदार के बेटे
मंदसौर                 यशपाल सिंह सिसोदिया         विधायक किशोर सिंह सिसौदिया के बेटे
मनासा                 अनिरुद्ध माधव मारू               भाजपा नेता रामेश्वर मारू के बेटे हैं। 
                                                                     (पिता बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके                                                                                                                           हैं।)
डॉ. दीपक विजयवर्गीय, मुख्य प्रवक्ता, भाजपा का परिवारवाद का कहना है कि भाजपा का प्रदेश नेतृत्व और चुनाव समिति ने जीत की संभावना के आधार पर टिकट दिए हैं। टिकट चयन में किसी नेता के रिश्तेदार या परिवार के सदस्य होने के नाते किसी को कोई तवज्जो नहीं मिलती। टिकट मिलने का एक मात्र आधार पर जीत है। उसी कसौटी के आधार पर पार्टी ने टिकट दिए हैं।

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