विजय दिवस 2018 : नियाजी के अहंकार को ऐसे किया था नेस्तनाबूद

Vijay Diwas 2018: नियाजी के अहंकार को ऐसे किया था नेस्तनाबूद
भारत आज 47वां विजय दिवस मना रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध हमने आज ही के दिन जीता था। महज 14 दिनों में जीत लिए गए इस युद्ध ने भूगोल और इतिहास को नए सिरे से गढ़ डाला। 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को चित कर देने के बाद भारतीय योद्धाओं ने अबके उसकी टेढ़ी पूंछ को काफी हद तक सीधा कर दिखाया था।
उस युद्ध में बतौर सेकेंड लेफ्टिनेंट भाग लेने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल गगन दीप बख्शी बताते हैं, 'हमने मात्र 14 दिन में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए ही मजबूर कर दिया था। 1965 के भारत-पाक युद्ध में मेरे बड़े भाई कैप्टन एसआर बख्शी शहीद हुए थे। भाई की शहादत के बाद मैंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा पास की और सेना में बतौर कमीशन प्राप्त अधिकारी भर्ती हुआ।'
'1971 के दिसंबर माह में मेरे बैच को पास आउट होना था, लेकिन देश पर खतरा देख बैच को नवंबर में ही पास आउट कर दिया गया। पासिंग आउट परेड के तुरंत बाद ही मुझे युद्ध के लिए भेज दिया गया। यह मेरे लिए विशेष अनुभूति वाला क्षण था। कई नदियां और नाले पार करके हमने सेना के साथ काफी दूर तक पैदल ही सफर तय किया।'
'मेरे साथ मेरे कई बैचमेट भी थे। हम पूर्वी सीमा तक पहुंचे। उधर से पाकिस्तानी टैंक गोले बरसा रहे थे। इधर भारतीय सेना मुस्तैद थी। मेरे बैचमेट अरुण खेत्रपाल ने पाकिस्तान के तीन टैंकों को ध्वस्त कर दिया और वीरगति को प्राप्त हुए। हमारा हर सैनिक इसी जज्बे से लड़ा।'
'1971 का युद्ध सैन्य इतिहास की सबसे शानदार विजय थी। पाकिस्तानी सेना के जनरल नियाजी के अहंकार को हमने नेस्तनाबूद कर दिया था। जनरल नियाजी कहता था की एक-एक पाकिस्तानी सैनिक एक-एक हजार भारतीय सैनिकों के बराबर है।'

No comments: