मध्य प्रदेश मुख्यमन्त्री की कुर्सी संभालने के कुछ ही समय बाद ही कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। चुनाव के दौरान सभा में राहुल गांधी ने यह वादा किया था कि मप्र में कांग्रेस का सीएम बनते ही 10 दिन के अंदर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जाएगा। कमलनाथ ने राहुल गांधी का यह वादा सबसे पहले पूरा किया। इससे 40 हजारों किसानों का कर्ज माफ होगा। इसके साथ ही कन्या विवाह योजना के तहत दी जाने वाली राशी को बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। मप्र में चार गारमेंट पार्क बनाने को भी दी मंजूरी।
कमलनाथ का यह कदम सराहनीय होने के बावजूद कई प्रश्नों को भी जन्म दे दिया है, कि "क्या वह पंचायतों से लेकर संसद में बैठे किसानों से यह कहने का साहस कर सकते हैं कि यदि जिन सम्मानित सदस्यों पर कर्ज़ा है, वह 10 दिन अथवा 1 महीने में चुकता करें?" दूसरे, क्या इस कदम से वह प्रदेश को पुनः "बीमारू" प्रदेश बनाने में व्यस्त हैं?
Bhopal: Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath signs on the files for farm loan waiver
कृषि और सहकारिता विभाग ने पंजाब, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के मॉडल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। कांग्रेस के वचन पत्र में सबसे बड़ा मुद्दा कर्ज माफी ही है। राहुल गांधी इसे लोकसभा चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहते हैं और इस रणनीति के तहत कांग्रेस शासित राज्यों में कर्ज माफी प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है। कांग्रेस को बहुमत मिलते ही कृषि, सहकारिता और वित्त विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी। अधिकारियों के दल को पंजाब मॉडल का अध्ययन करने भी भेजा है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है।इस सन्दर्भ में अवलोकन करें:--

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