संदिग्धों का पकड़ा गया. फोटो ANI |
संदिग्यों के पास से बरामद असला : फोटो साभार pti |
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के विशेष सेल और उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के साथ मिलकर दिल्ली के जाफराबाद और सीलमपुर में छह जगहों पर जबकि उत्तर प्रदेश में 11 जगहों पर छापेमारी की. उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो जगहों पर छापेमारी की गई.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कथित मास्टर माइंड 29 वर्षीय मुफ्ती मोहम्मद सुहैल भी शामिल है. वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला है. वह एक मस्जिद का मौलवी भी है. इसके अलावा नोएडा के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाला इंजीनियरिंग का छात्र, दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक के तीसरे वर्ष का छात्र और दो वेल्डर भी गिरफ्तार किए गए हैं.
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोहों से पहले ये छापेमारियां की गई हैं जिसमें अमरोहा के एक मुफ्ती को भी गिरफ्तार किया गया है. मित्तल ने कहा, ‘‘सदस्य तैयारियों के अंतिम चरण के करीब थे. वे लोग बम बनाने में सफलता मिलने का इंतजार कर रहे थे और रिमोट नियंत्रित आईईडी और पाइप बम के जरिए विभिन्न जगहों पर विस्फोट करना चाहते थे. जरूरत पड़ने पर आत्मघाती जैकेटों का प्रयोग कर फिदायीन हमले भी करना चाहते थे.’’
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उन्होंने कहा कि 20 से 35 वर्ष के बीच के युवाओं के एक ‘‘बेहद चरमपंथी संगठन’’ के सदस्यों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड अभी तक सामने नहीं आया है और यह अपना वित्त पोषण स्वयं कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इसकी पुष्टि हो गई है कि मुफ्ती मोहम्मद सुहैल उर्फ हजरत और उसके सहयोगियों ने धन एकत्र किया, हथियार खरीदे, और आईईडी तथा बम बनाने के लिए सामग्री खरीदी. उनकी योजना दिल्ली और आसपास के इलाकों तथा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में विस्फोट और फिदायीन हमले करने की थी.’’
मोदी के विरुद्ध लामबंद होते छद्दम धर्म-निरपेक्षों और देशभक्त वास्तव में ऐसे ही लोगों को बचाने के लिए सबकुछ किया जा रहा है। जनता इनके प्रचारों से भ्रमित हो रही है कि मोदी सरकार कुछ नहीं कर रही। लेकिन मोदी सरकार जो कुछ भी कर रही है, बम-धमाकों में मरने वाले मासूमों को बचा रही है, जो मोदी विरोधियों को बर्दास्त नहीं, क्योकि इसी खून-खराबे पर इनकी दावत होती और तिजोरियाँ भरती।
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